Vitamin b12 की कमी से शरीर में नजर आते हैं ये 4 लक्षण, आयुर्वेद में है इसका आसान समाधान

आधुनिक चिकित्सा में, डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मिथाइलकोबालामिन सप्लीमेंट्स या बी12 इंजेक्शन्स का उपयोग किया जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक हर्ब्स के साथ इनका संयोजन और भी प्रभावी साबित हो सकता है. 

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अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में बी12 की कमी हो सकती है, तो आयुर्वेदिक उपायों के साथ डॉक्टर से भी सलाह लें.

Vitamin b12 Deficiency :  विटामिन बी12 की कमी आजकल बहुत आम हो गई है, खासकर शाकाहारी लोगों में. यह विटामिन शरीर के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि यह रक्त निर्माण, तंत्रिकाओं के स्वास्थ्य और मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बनाए रखने में मदद करता है.ऐसे में शरीर में इस जरूरी विटामिन की कमी हो जाए तो फिर बॉडी में क्या बदलाव होता है और इससे निजात पाने आयुर्वेदिक उपाय क्या है, आइए जानते हैं.

विटामिन बी12 की कमी के लक्षण | Vitamin B12 ki Kami Ke Lakshan 

इसे आयुर्वेद में मज्जावर्धक तत्व कहा गया है, जो शरीर की ऊर्जा और ओज को बनाए रखता है. अगर बी12 की कमी हो जाए, तो शरीर में थकान, कमजोरी, याददाश्त की कमी और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

विटामिन बी12 की कमी के कारण | Vitamin B12 ki Kami kyu hoti hai

विटामिन बी12 की कमी के कई कारण हो सकते हैं. जैसे शाकाहारी भोजन में इसकी कमी, पाचन तंत्र की कमजोरी, अत्यधिक चाय या कॉफी पीना या फिर लंबे समय तक कुछ दवाइयों का सेवन करना. इसके अलावा, आंतों में बैक्टीरिया असंतुलन और नींद की कमी भी बी12 के अवशोषण में रुकावट डाल सकती है.

विटामिन बी12 की कमी पूरी करने का उपाय |  | Vitamin B12 ki Kami Kaise Dur Kare

आयुर्वेद में बी12 की कमी को मज्जा धातु की कमी से जोड़ा गया है, जो शरीर की तंत्रिका शक्ति और मानसिक स्थिरता का आधार है. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, आंवला, गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी और ओमेगा-3 से भरपूर बीज जैसे तिल, सूरजमुखी आदि का सेवन बी12 की कमी को पूरा करने में मदद करता है. इसके अलावा, दूध, घी और मूंग दाल जैसे पोषक तत्व शरीर को सही संतुलन प्रदान करते हैं.

आधुनिक चिकित्सा में, डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मिथाइलकोबालामिन सप्लीमेंट्स या बी12 इंजेक्शन्स का उपयोग किया जाता है, लेकिन आयुर्वेदिक हर्ब्स के साथ इनका संयोजन और भी प्रभावी साबित हो सकता है. 

साथ ही, पाचन अग्नि को मजबूत करना जरूरी है, ताकि बी12 का सही अवशोषण हो सके. इसके लिए त्रिफला चूर्ण या हिंगवाष्टक चूर्ण का सेवन लाभकारी है.

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इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी जरूरी है. रोज सुबह धूप में 10-15 मिनट बैठना, चाय और कॉफी का सेवन सीमित करना, नियमित योग और प्राणायाम करना, और नींद पूरी लेना बी12 की कमी को रोकने में मदद कर सकता है.

अगर आपको लगता है कि आपके शरीर में बी12 की कमी हो सकती है, तो आयुर्वेदिक उपायों के साथ डॉक्टर से भी सलाह लें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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