स्ट्रोक आने पर बचाई जा सकती है मरीज की जान, तुरंत करें ये काम, जानिए क्या है F.A.S.T फैक्टर

स्ट्रोक आने पर अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर जरूरी कदम उठाए गए तो नुकसान को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि स्ट्रोक के लक्षणों को कैसे पहचानना है और ऐसी स्थिति में क्या कहना चाहिए.

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स्ट्रोक आने पर सबसे पहले उठाएं ये कदम

स्ट्रोक (stroke) तब होता है जब मस्तिष्क में रक्तस्राव यानी ब्लीडिंग होती है या जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है. जब मस्तिष्क की कोशिकाओं को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलते तब वे कुछ ही मिनटों में मरने लगती हैं, इस स्थिति को स्ट्रोक कहते हैं. स्ट्रोक का असर घातक भी हो सकता है, लेकिन अगर समय रहते इसके लक्षणों (stroke symptoms) को पहचान कर जरूरी कदम उठाए गए तो नुकसान को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि स्ट्रोक के लक्षणों को कैसे पहचानना है और ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए.

तुरंत लें मेडिकल हेल्प (seek medical help immediately)

स्ट्रोक आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लें. स्ट्रोक एक वास्तविक आपात स्थिति है. जितनी जल्दी इलाज दिया जाए, उतनी अधिक संभावना है कि नुकसान को कम किया जा सकता है. इस हालत में हर पल मायने रखता है.

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स्ट्रोक के लक्षण (stroke symptoms)

संभावित स्ट्रोक की स्थिति में, F.A.S.T को याद रखें. इन संकेतों के जरिए आप स्ट्रोक के लक्षण पहचान सकते हैं.

Face

जब व्यक्ति मुस्कुराने की कोशिश करता है तो क्या उसका चेहरा एक तरफ झुक जाता है? तो ये स्ट्रोक का संकेत है.

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Arms

जब व्यक्ति दोनों हाथ ऊपर उठाने की कोशिश करता है तो क्या उसका एक हाथ नीचे रहता है?

Speech

क्या व्यक्ति एक साधारण वाक्य दोहरा रहा है? क्या उसकी बात को समझना कठिन है?

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Time

स्ट्रोक के दौरान हर मिनट मायने रखता है. अगर आपको इनमें से कोई भी संकेत दिखाई देता है, तो तुरंत 911 या अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें.

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स्ट्रोक के अन्य लक्षण जो अचानक सामने आते हैं, उनमें शामिल हैं:

  • चेहरे, हाथ या पैर सहित शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता.
  • धुंधलापन या दृष्टि की हानि, विशेष रूप से एक आंख में या अचानक दोहरी दृष्टि.
  • बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक, गंभीर सिरदर्द.
  • बिना कारण चक्कर आना, अस्थिरता या अचानक गिरना. खासकर यदि चक्कर आना किसी अन्य लक्षण के साथ हो.

एक स्ट्रोक होने से आपको दूसरा स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. जोखिम कारकों में उच्च ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, डायबिटीज और हृदय रोग होना भी शामिल है. जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जाता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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