ऑफिस वालों के लिए वरदान है 'सेतुबंधासन', कमर और रीढ़ दर्द से मिलती है राहत

हर दिन की भागदौड़, तनाव, काम का दबाव और अनियमित जीवनशैली का सीधा असर हमारे शरीर और दिमाग पर पड़ता है. अक्सर लोग खुद पर ध्यान देना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और पाचन जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं. ऐसे में अगर हम रोज थोड़ा सा समय योग के लिए निकाल लें, तो ये छोटी-छोटी परेशानियां काफी हद तक कम हो सकती हैं.

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सेतुबंधासन करने के फायदे.

Setubandhasan Benefits:  हर दिन की भागदौड़, तनाव, काम का दबाव और अनियमित जीवनशैली का सीधा असर हमारे शरीर और दिमाग पर पड़ता है. अक्सर लोग खुद पर ध्यान देना भूल जाते हैं, जिसकी वजह से थकान, चिड़चिड़ापन, नींद न आना और पाचन जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं. ऐसे में अगर हम रोज थोड़ा सा समय योग के लिए निकाल लें, तो ये छोटी-छोटी परेशानियां काफी हद तक कम हो सकती हैं. योग सिर्फ शरीर को लचीला या मजबूत बनाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में भी मदद करता है. कई योगासनों में एक आसन है– 'सेतुबंधासन', जिसे ब्रिज पोज भी कहा जाता है. यह आसन खासकर ऑफिस वालों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो पूरे दिन कंप्यूटर या लैपटॉप के सामने बैठकर काम करते हैं. 

आयुष मंत्रालय के अनुसार, सेतुबंधासन पीठ, रीढ़ की हड्डी और गर्दन को मजबूती देता है, जिससे लंबे समय तक बैठने से होने वाला दर्द कम होता है. इसके अलावा, यह आसन मानसिक तनाव को भी कम करता है. अगर आप खुद को अक्सर थका हुआ या बेचैनी सी महसूस करते हैं, तो इस आसन का अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. यह न सिर्फ दिमाग को शांत करता है, बल्कि हार्मोन का संतुलन भी बनाए रखता है, जिससे मूड अच्छा रहता है और नींद भी बेहतर आती है.

इस आसन को करने से शरीर में खिंचाव आता है, जो मांसपेशियों को रिलैक्स करता है और थकान दूर करता है. इसके साथ ही यह पेट, फेफड़ों और थायराइड ग्रंथि पर भी अच्छा असर डालता है. सेतुबंधासन से पाचन क्रिया बेहतर होती है और सांस से जुड़ी दिक्कतों में राहत मिलती है. रोजाना इस आसन को करने से हार्मोन से जुड़ी समस्याएं भी धीरे-धीरे कम होने लगती हैं.

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महिलाओं के लिए यह योगासन मासिक धर्म के दौरान होने वाली तकलीफों को भी कम करता है, जैसे पेट दर्द, थकावट या मूड स्विंग. मेनोपॉज की स्थिति में भी यह आसन मन को शांत करता है और शरीर को सुकून देता है. इसके अलावा, यह टांगों, टखनों और हिप्स की मांसपेशियों को भी मजबूती देता है, जिससे चलना-फिरना आसान होता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.

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इस आसन को करने के लिए सबसे पहले चटाई पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं. अपने दोनों हाथ शरीर के पास रखें और हथेलियां जमीन से सटी हों. अब घुटनों को मोड़ लें और पैरों को धीरे-धीरे कूल्हों के पास ले आएं. गहरी सांस लेते हुए धीरे से अपने हिप्स को ऊपर उठाएं, ताकि शरीर एक पुल की तरह दिखाई दे. कुछ समय इसी स्थिति में रहें और सांस सामान्य रखें. फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस लेट जाएं. रोजाना सिर्फ कुछ मिनट इस आसन को करने से शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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