केसर का अर्क करता है चिंता, तनाव और डिप्रेशन को गायब, न्यूट्रिशनिष्ट पूजा मखीजा ने बताया कैसे

Saffron For Depression Relief: पूजा मखीजा ने कहा कि शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि केसर में मौजूद कुछ प्राकृतिक यौगिक इसके मूड को बेहतर बनाने वाले गुणों के पीछे हैं.

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Saffron Extract For Depression: केसर मूड को बूस्ट करने में मददगार है.

Depression Ke Liye Saffron Ka Upay: न्यूट्रिशनिष्ट पूजा मखीजा कहती हैं कि दुनिया के सबसे महंगे मसालों में से एक केसर आपके खाने में सिर्फ स्वाद बढ़ाने से कहीं ज्यादा काम कर सकता है. वह बताती हैं कि क्लिनिकल स्टडीज से पता चलता है कि केसर का अर्क हल्के से मध्यम अवसाद को मैनेज करने में, बिना किसी दुष्प्रभाव के, लोकप्रिय एंटी डिप्रेसेंट दवाओं जितना ही प्रभावी हो सकता है. अपने इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए, मखीजा ने बताया कि शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि केसर में मौजूद कुछ प्राकृतिक यौगिक मूड-बूस्टिंग के लिए कमाल हैं.

वह बताती हैं कि इसके सुनहरे धागों के अलावा, केसर में तीन प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो इसे रंग और संभावित स्वास्थ्य लाभ दोनों प्रदान करते हैं. क्रोसिन एक पानी में घुलनशील वर्णक है जो रंग लाता है और एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है.

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जहां क्रोसेटिन हेल्दी ब्लड फ्लो को बढ़ावा देता है और ब्रेन को ऑक्सीजन प्राप्त करने में मदद करता है, वहीं दूसरी ओर, सैफ्रानल में एक सुगंधित यौगिक होता है जो मन को शांत कर सकता है और मूड को बैलेंस करने में मदद कर सकता है.

मखीजा ने कहा कि इन यौगिकों का न्यूरोप्रोटेक्टिव इफेक्ट हो सकता है जो ब्रेन में मूड को कंट्रोल करने वाले केमिकल्स को उत्तेजित कर सकता है.

उन्होंने नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन का हवाला दिया और बताया कि एक डबल-ब्लाइंड क्लिनिकल ट्रायल में 30 मिलीग्राम/दिन केसर का अर्क लेने वाले प्रतिभागियों में अवसाद के लक्षणों में सुधार देखा गया, जो फ्लूक्सेटीन (प्रोजैक) लेने वालों के बराबर था और उनमें कोई दुष्प्रभाव नहीं थे.

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वह कहती हैं, "अब जब आपको पता चल गया है, तो एक प्रोफेशनल्स की तरह नरिश (Nourish) करें."

पूजा मखीजा ने मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में होने वाले हार्मोनल बदलावों पर भी अपनी राय शेयर की है. मखीजा के अनुसार, सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, दिल की धड़कन बढ़ना, हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स, हॉट फ्लैश और बालों का झड़ना शामिल हैं. वह बताती हैं कि पाचन और आंत के स्वास्थ्य पर हार्मोनल प्रभाव के कारण मेनोपॉज के दौरान सिरदर्द और भी बदतर हो सकता है और सही डाइट और हाइड्रेशन से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. दिल की धड़कन लगभग 42 प्रतिशत मेनोपॉज महिलाओं और 52 प्रतिशत रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं को प्रभावित करती है. हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स इसलिए होते हैं क्योंकि कोलेस्ट्रॉल-बेस्ड सेक्स हार्मोन कम हो जाते हैं, जिससे शरीर डैमेज को रिकवर करने के लिए ज्यादा बनाने लगता है. मखीजा इन बदलावों को कंट्रोल करने के लिए डाइट और व्यायाम सहित लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह देती हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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