शोधकर्ताओं ने बच्चों में 'आरएसवी' के गंभीर मामलों से जुड़े लक्षणों की पहचान की

शोधकर्ताओं की एक टीम ने बच्चों में रेस्पिरेटरी सीनसीटियल वायरस (आरएसवी) के अधिक गंभीर मामलों से जुड़े लक्षणों की पहचान की है.

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रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस के लक्षण गंभीर होते हैं.

अमेरिका में ब्रिघम और बोस्टन चिल्ड्रन हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने गंभीर आरएसवी से पीड़ित बच्चों की श्वास नलिकाओं में नेचुरल किलर (एनके) कोशिकाओं (सेल्स) में वृद्धि पाई. इसके अलावा अन्य परिवर्तन भी पाए जो बताते हैं कि ये सेल्स बीमारी की गंभीरता में योगदान दे सकते हैं.

आरएसवी ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी श्वसन (रेस्पिरेटरी) जटिलताओं के कारण छोटे बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने का प्रमुख कारण है. फिर भी इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि क्यों कुछ बच्चों में केवल हल्के लक्षण विकसित होते हैं जबकि अन्य को गंभीर बीमारी हो जाती है. ब्रिघम एंड विमेंस हॉस्पिटल (बीडब्ल्यूएच) की मेलोडी जी डुवाल के अनुसार, एनके सेल्स वायरल संक्रमण के दौरान महत्वपूर्ण पहली प्रतिक्रिया देने वाली होती हैं, लेकिन वे फेफड़ों की सूजन में भी योगदान दे सकती हैं.

उन्होंने साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा, "दिलचस्प बात यह है कि हमारे नजीते (निष्कर्ष) कोविड-19 में किए गए कुछ अध्ययनों के डेटा से मेल खाते हैं, जिसमें बताया गया है कि सबसे गंभीर लक्षणों वाले मरीजों में भी उनकी श्वास नलिकाओं में एनके सेल्स बढ़ी हुई थीं. पहले के अध्ययनों के साथ, हमारे डेटा एनके सेल्स को गंभीर वायरल बीमारी से जोड़ते हैं, जो यह सुझाव देते हैं कि इन कोशिकाओं के रास्तों पर और अधिक जांच की जरूरत है."

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यह अध्ययन गंभीर बीमारी के आधार को समझने पर केंद्रित है. यह भविष्य के उपचारों के लिए नए लक्ष्यों की पहचान करने की दिशा में आधार तैयार करने में मदद कर सकता है." मेलोडी जी डुवाल और उनकी टीम ने श्वास नली और परिधीय रक्त (पेरिफेरल ब्लड) में पाए जाने वाले इम्यून कोशिकाओं (सेल्स) का विश्लेषण किया."

असंक्रमित बच्चों की तुलना में, गंभीर रूप से बीमार बच्चों के श्वास नलिकाओं में एनके सेल्स का स्तर बढ़ा हुआ था और उनके ब्लड में एनके सेल्स की संख्या कम थी. इसके अलावा, टीम ने पाया कि दिखने में भी और रोग ग्रस्त कोशिकाओं को मारने के अपने प्रतिरक्षात्मक कार्य को करने की उनकी क्षमता में भी, कोशिकाएं स्वयं बदल गई थीं. 

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इससे पहले भी, टीम ने महामारी के बाद बच्चों में आरएसवी (रेस्पिरेटरी सिंसाइटियल वायरस) संक्रमण में वृद्धि की रिपोर्ट की थी. आरएसवी से बचाव के लिए टीके अब बच्चों के लिए 19 महीने से कम उम्र के, 60 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और गर्भवती महिलाओं के लिए उपलब्ध हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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