Rajasthan Cough Syrup: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में खांसी की सिरप के कारण बच्चों की मौत और बीमारी की जांच के लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की केंद्रीय टीम ने सैंपल इकट्ठा किए हैं. राजस्थान से भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं, जिसके बाद डेक्सट्रोमेथोर्फान हाइड्रोब्रोमाइड सिरप की बैचों की जांच शुरू की गई है और राज्यभर में इसका वितरण रोक दिया गया है.
क्या था पूरा मामला
राजस्थान के सीकर जिले में मुफ्त दवा योजना के तहत दी गई खांसी की सिरप पीने के बाद एक 5 साल के बच्चे की मौत हो गई और भरतपुर में 3 साल का बच्चा गंभीर रूप से बीमार हो गया. प्रारंभिक जांच में सिरप की गुणवत्ता पर सबसे ज्यादा संदेह है. अधिकारियों ने फिलहाल दोनों संदिग्ध सिरप पर बैन लगा दिया है.
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सरकारी जांच और कार्रवाई
राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (RMSCL) ने शिकायतें मिलने के बाद संबंधित बैचों (KL-25/147 और KL-25/148) का वितरण रोक दिया है. 1.33 लाख से ज्यादा मरीजों को यह सिरप जून से दी गई थी, लेकिन अब अचानक मामलों में बढ़ोतरी देखी गई. Kaysons Pharma नाम की कंपनी के सारे बैच बैन कर दिए गए हैं और एक अन्य आपूर्तिकर्ता की दवा की भी दोबारा जांच हो रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट:
बच्चों में ओवर-द-काउंटर खांसी की दवाओं का बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, खासकर 5 साल से छोटे बच्चों में.
बता दें कि यहां cdsco.gov.in ने अपनी वेबसाइट पर उन कफ सीरप के बैच नंबर की लिस्ट शेयर की है जिनको जांच के दायरे में रखा गया है.
यहां देखें पूरी लिस्ट:
Photo Credit: cdsco.gov.in
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)