समय से पहले मेनोपॉज से हो सकता है जान का खतरा, शोध में सामने आई ये बात, जानें प्री-मेनोपॉज से कैसे बचें

जो महिलाएं 40 साल की उम्र से पहले मेनोपॉज में प्रवेश करती हैं, उनकी कम उम्र में मृत्यु होने की आशंका ज्यादा होती है. एक शोध से यह बात सामने आई है.

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समय से पहले मेनोपॉज से हो सकता है जान का खतरा, शोध में सामने आई ये बात, जानें प्री-मेनोपॉज से कैसे बचें
महिलाओं में ज्‍यादातर मेनोपॉज 45 से 55 साल की आयु के बीच होता है.

स्वीडन में एंडोक्रिनोलॉजी (हार्मोन स्राव तंत्र) की 26वीं यूरोपीय कांग्रेस में प्रस्तुत अध्ययन से इस बात का पता चला है कि सबसे आम उपचार हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) से इस जोखिम को कम किया जा सकता है. महिलाओं में ज्‍यादातर मेनोपॉज 45 से 55 साल की आयु के बीच होता है. लगभग एक प्रतिशत महिलाओं को 40 साल की आयु से पहले मेनोपॉज की स्थिति से गुजरना पड़ता है जिसे समय से पहले रजोनिवृत्ति या प्रीमैच्योर ओवेरियन इनसफिशिएंसी (पीओआई) के रूप में जाना जाता है. इससे हार्ट डिजीज जैसी दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.

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इसके पीछे का कारण काफी हद तक अज्ञात है, लेकिन कुछ मेडिकल कंडिशन जैसे कि कीमोथेरेपी या सर्जरी द्वारा ओवरी को हटाकर इस गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है.

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फिनलैंड के ओउलू विश्वविद्यालय की टीम ने 1988 और 2017 के बीच देश में सहज या सर्जिकल प्रीमैच्योर ओवेरियन इनसफिशिएंसी से पीड़ित 5,817 महिलाओं की जांच की और उनकी तुलना बिना पीओआई वाली 22,859 महिलाओं से की.

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परिणामों से पता चला कि ओवेरियन इनसफिशिएंसी से हार्ट डिजीज या किसी अन्य कारण से मौत का जोखिम दो गुना और कैंसर से मौत का जोखिम चार गुना तक बढ जाता है.

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दूसरी ओर, छह महीने से ज्यादा समय तक एचआरटी दवाओं का उपयोग करने वाली महिलाओं में कैंसर के सभी कारणों और मृत्यु दर का जोखिम आधा हो गया. इसके अलावा सर्जरी के कारण जल्दी मेनोपॉज वाली महिलाओं में मृत्यु दर का कोई एक्स्ट्रा जोखिम नहीं पाया गया.

ओउलू विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट छात्र हिल्ला हापाकोस्की ने कहा, "हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि मृत्यु दर को कम करने के लिए समय से पहले ओवेरियन इनसफिशिएंसी वाली महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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