Premanand Ji Maharaj Health Update: प्रेमानंद महाराज जी को क्या हुआ है? कौन सी बीमारी है जिसमें रोजाना खून साफ करना पड़ता है?

यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में आ सकती है. अगर माता-पिता में से किसी एक को यह बीमारी है, तो बच्चों में इसके होने की 50% चांसेस हैं.

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प्रेमानंद महाराज जी को 'पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज' (Polycystic Kidney Disease) नाम की बीमारी है.

Premanand ji Maharaj health : वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद महाराज, जिन्हें उनके भक्त प्यार से "महाराज जी" कहते हैं, इन दिनों अपनी सेहत को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में उनके कुछ वीडियो सामने आए, जिनमें उनका चेहरा लाल थोड़ा सूजा हुआ और आवाज में हल्की कंपकंपी थी. इन वीडियोज ने उनके चाहने वालों को चिंता में डाल दिया. हर कोई बस यही जानने को उत्सुक था कि आखिर महाराज जी को क्या हुआ है?

लेकिन फिर एक वीडियो ने सारी अटकलों पर पूर्ण विराम लगा दिया, जब खुद महाराज जी ने बड़े शांत भाव से कहा, "दोनों किडनी फेल हैं, अब ठीक होने को कुछ नहीं बचा है, अब तो जाना है, आज नहीं तो कल अब तो चले ही जाना है." इन शब्दों ने भले ही भक्तों की चिंता बढ़ा दी हो, लेकिन महाराज जी के चेहरे पर वही चिर-परिचित शांति और संतोष था.

प्रेमानंद जी को कौन सी बीमारी है

हां, ये सच है कि प्रेमानंद महाराज जी को 'पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज' (Polycystic Kidney Disease) नाम की बीमारी है. जोकि जेनेटिक है, यानी उन्हें यह जन्म से ही मिली है. इसमें धीरे-धीरे किडनी में पानी से भरे छोटे-छोटे सिस्ट बनने लगते हैं. जो समय के साथ बड़े होते जाते हैं, जिससे किडनी का साइज बढ़ जाता है और वो अपना काम ठीक से नहीं कर पातीं. नतीजा यह होता है कि शरीर से खून को साफ करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है.

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सकारात्मक सोच की वजह से हैं जीवित

आज से करीब दो दशक पहले जब उन्हें पहली बार इस बीमारी का पता चला था, तब डॉक्टरों ने कहा था कि उनके पास सिर्फ 2 से 2.5 साल का जीवन बचा है. लेकिन महाराज जी ने इस बात को भी पूरी पोजिटीविटी के साथ एक्सेप्ट किया. 

हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि महाराज जी की सबसे बड़ी ताकत उनकी पॉजिटिव सोच है. यही वजह है कि पिछले लगभग दो दशकों से वे रोज डायलिसिस पर हैं, लेकिन फिर भी फिजिकिली एक्टिव और मानसिक रूप से शांत नजर आते हैं. इतनी गंभीर बीमारी में भी उनका जज्बा कायम है. वे अपनी दोनों किडनियों को भी बड़े प्यार से राधा और कृष्ण कहते हैं.

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भक्तों ने उन्हें किडनी दान करने की इच्छा जताई थी, लेकिन महाराज जी ने साफ मना कर दिया. उनका मानना है कि वे किसी को भी अपने कारण दर्द नहीं देना चाहते. यह उनका निस्वार्थ प्रेम और दूसरों के प्रति गहरी करुणा को दर्शाता है.

अब आइए समझते हैं पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज के लक्षण क्या होते हैं...

  • हाई ब्लड प्रेशर
  • पीठ या कमर में दर्द
  • पेट फूलना
  • पेशाब में खून आना
  • बार-बार यूरिन इंफेक्शन
  • किडनी स्टोन
  • किडनी फेल होना

यह बीमारी माता-पिता से बच्चों में आ सकती है. अगर माता-पिता में से किसी एक को यह बीमारी है, तो बच्चों में इसके होने की 50% चांसेस हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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