karwa chauth 2023: गर्भावस्था एक महिला के जीवन का एक नाजुक दौर है और करवा चौथ के दौरान उपवास करना चिंता का विषय बन जाती है. हालांकि गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का व्रत रखने का फैसला लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. कई लोग इस बात पर जोर देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान उपवास करना अच्छा नहीं है. मां और अजन्मे बच्चे दोनों की वेलबीइंग सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए. करवा चौथ एक हिंदू त्योहार है जहां विवाहित महिलाएं अपने पतियों की लंबी के लिए सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं, लेकिन क्या गर्भावस्था के दौरान इस परंपरा को फॉलो करना चाहिए? यहां जानिए क्या करें और क्या नहीं.
गर्भावस्था के दौरान उपवास करने के नेगेटिव साइड?
न्यूट्रिशन की जरूरत: गर्भावस्था के दौरान बच्चे की अच्छी ग्रोथ के लिए पोषण की जरूरत होती है. उपवास करने से जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.
हाइड्रेशन मायने रखती है: उपवास से गर्भावस्था के दौरान डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है, जो हानिकारक हो सकता है.
ब्लड शुगर लेवल बिगड़ना: गर्भवती महिलाओं को अक्सर ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है. उपवास से शुगर लेवल कम हो सकता है.
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तनाव और थकान: गर्भावस्था पहले से ही एक कठिन दौर है और उपवास तनाव और थकान बढ़ा सकता है, जिससे मां और बच्चे की हेल्थ इफेक्ट हो सकती है.
सेफ तरीके से करवाचौथ का उपवास मनाने के विकल्प:
परंपरा से ज्यादा अपनी हेल्थ को प्राथमिकता देना: गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है.
डॉक्टर से सलाह लें: कुछ लोग गर्भावस्था के दौरान करवा चौथ व्रत को हरी झंडी दे सकते हैं, लेकिन आम राय हमेशा सुरक्षा और वेलबीइंग की होती है. इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करना बेहतर होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)