नामांकन से पहले PM Modi ने की गंगा पूजा, गंगा सप्तमी पर जानें क्या है गंगा स्नान का महत्व और सेहत के लिए इसके फायदे

Bathing In Holy Ganga: 14 मई के दिन यानी आज गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) मनाई जा रही है.चलिए जानते हैं इस मौके पर कि गंगा स्नान का महत्व क्या है, गंगा स्नान करने का सही तरीका क्या है और गंगा स्नान करने से आपको क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. 

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Ganga Saptami 2024: शास्त्रों के अनुसार गंगा स्नान का बहुत बड़ा महत्व है.

Bathing In Holy Ganga: 14 मई के दिन यानी आज गंगा सप्तमी (Ganga Saptami) मनाई जा रही है. गंगा जन्मोत्सव के इसी मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) वाराणसी लोकसभा सीट (Loksabha Seat) से नामांकन कर रहे हैं. ऐसे में गंगा स्नान (Ganga Snan) की बात चलना भी लाजमी लगता है. तो चलिए जानते हैं इस मौके पर कि गंगा स्नान का महत्व क्या है, गंगा स्नान करने का सही तरीका क्या है और गंगा स्नान करने से आपको क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं. 

हर शुभ दिन और शुभ घड़ी पर मां गंगा में डुबकी लगाने का अपना अलग महत्व माना जाता है. मां गंगा का आशीर्वाद पाने के लिए पवित्र नदी गंगा में स्नान करना भक्तों के बीच बहुत आम है. मां गंगा में डुबकी लगाने से सारे रोग, दोष, पाप नष्ट हो जाते हैं ऐसा हम बचपन से सुनते आ रहे हैं. आपने भी कभी न कभी गंगा स्नान जरूर किया होगा, लेकिन क्या आप इसके पीछे के रिचुअल्स और महत्व के बारे में जानते हैं. यहां हम गंगा में स्नान करने के महत्व, फायदे और हर एक पहलू के बारे में बताने जा रहे हैं.

गंगा स्नान का महत्व:

शास्त्रों के अनुसार गंगा स्नान का बहुत बड़ा महत्व है. माना जाता है कि अगर आप गंगा में स्नान करते हैं तो आपको नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिल जाती है, क्योंकि इससे आपका शरीर और मन शुद्ध हो जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाने के लिए गंगा में स्नान करना सबसे अच्छा माना जाता है. कहा ये भी जाता है कि, इससे आपको सुंदरता, ताकत हासिल करने में भी मदद मिलती है. मान्यता है कि,जो लोग गंगा में स्नान करते हैं उनमें भक्ति, ध्यान और बुद्धि जैसे गुणों का भी विकास होता है. ऐसा माना जाता है कि मां गंगा आपको स्वस्थ जीवन जीने का आशीर्वाद देती है.

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गंगा स्नान के कुछ नियम भी जान लीजिए:

माना जाता है कि आपको ब्रह्म मुहूर्त में ही गंगा स्नान करना चाहिए. साथ ही नदी में स्नान करने से पहले और बाद में सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. गंगा में स्नान करते समय आपको किसी भी साबुन, शैंपू या अन्य केमिकल प्रोडक्ट्स का उपयोग नहीं करना चाहिए. आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पवित्र नदी में स्नान करते समय भी आपने साफ कपड़े पहने हों.

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गंगा स्नान के कुछ प्रकार:

मंत्र स्नान: यह तब होता है जब आप गंगा में स्नान करते समय पवित्र मंत्रों का पाठ करते हैं.
भोम स्नान: इसमें गंगा में स्नान करने से पहले अपने शरीर को मिट्टी से गीला करना शामिल है.
अग्नि स्नान: ये तांत्रिकों द्वारा किया जाता है और इसमें 'भस्म' का उपयोग शामिल होता है.
दिव्य स्नान: दिव्य स्नान से तात्पर्य तब होता है जब आप अपने शरीर पर सूर्य की किरणों को महसूस करते हुए नदी में स्नान करते हैं.
वरुण स्नान: वरुण स्नान का मतलब बस नदी के पानी में डुबकी लगाना है.
मानसिक स्नान: पवित्र नदी में स्नान करना नहीं है, बल्कि पवित्र नदी का स्मरण या ध्यान करते हुए सामान्य स्नान करना है.

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गंगा में स्नान करने के लाभ (Benefits of bathing in Ganga)

शास्त्रों के अनुसार पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से भगवान की असीम कृपा मिलती है. माना जाता है कि यह आपकी आंतरिक आत्मा को शांत करने और आपके अज्ञात पापों को दूर करने में भी मदद करता है. इसके अलावा यह आपकी कुंडली के ग्रहों को शांत करने और ग्रह दोषों को दूर करने में भी मदद करता है.

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River Therapy: स्प्रिंगरलिंक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लैटर में एक शब्द का इस्तेमाल किया गया है, रिवर थेरेपी. इसके अनुसार नदी में या जंगल के बीच स्थित नदी में स्नान से मानव प्रतिरक्षा प्रणाली पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. नदी की आरामदायक ध्वनियां, तटवर्ती वनस्पतियों द्वारा उत्सर्जित बायोजेनिक वाष्पशील कार्बनिक कंपाउडंसऔर नदी के पानी में पाए जाने वाले सेकेंड्री प्लांट मेटाबोलाइट्स सभी इंसानों को मनोवैज्ञानिक और शारीरिक तौर पर फायदा देने में सहायक हैं. हालांकि इस लैटर में शहरी इलाकों के आसपास की नदियों पर विचार नहीं किया गया है और कहा गया है कि उनमें मौजूद प्रदूषण के स्तर पर ध्यान देना जरूरी है.

लैटर में बताया गया है कि नदी तट पर मौजूद पेड़-पौधों से वनस्पतियां नदी के पानी में आ जाती हैं. नदी के किनारे पर या कई बार अंदर मौजूद पौधों से वाष्पशील कंपाउडंस निकलते हैं. इस बात पर ध्यान दिया गया कि कई सेकेंड्री प्लांट मेटाबोलाइट्स, रासायनिक रूप से हेटेरोएरोमैटिक कंपाउडंस, खास तौर पर फ्लेवोनोइड और उनके ग्लाइकोसिलेटेड रूप, नदी के पानी में होते हैं.

नदी में नहाना ही नहीं, नदी की आवाज से भी मिलते हैं फायदे | River Sound Therapy

विश्राम तकनीकें दर्द, तनाव और चिंता समेत नकारात्मक स्थितियों से राहत देती हैं. इस लैटर में मनोवैज्ञानिक चिकित्सा में नदी की आवाज के संभावित इस्तेमाल पर गौर किया गया और पाया कि नदी की आवाज लोगों को तेजी से और गहराई से आराम देने में मददगार हो सकती है. यह चिंता और अवसाद में कमी लाती है. इतना ही नहीं यह रिलेक्सेशन ट्रेनिंग गर्भवती महिलाओं में गर्भावस्था से संबंधित चिंता को कम कर सकती है. नदी देखने से मनोवैज्ञानिक तनाव भी दूर होता है.

नदी में नहाने के फायदे | River bathing benefits in hindi

  • जैसा कि हमने ऊपर शोध में बात की कि नदी में नहाने से तनाव दूर होता है और ये मानसिक शांति देने वाला होता है. आजकल लोग वॉटर मेडिटेशन (water meditation) भी करते हैं, जो एकचित्त होकर आपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करने में खासा मददगार है.
  • आयुर्वेद के अनुसार नदी में नहाने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकता है. लेकिन इसके लिए आपको नदी के पानी के टेम्प्रेचर पर ध्यान देना होगा. 
  • अगर आप इस ऑनलाइन जिंदगी से थोड़ा ब्रेक चाहते हैं, तो माइंड डिटॉक्स करने के लिए नदी में नहाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है. ये आपको सुकून और शांति देगा. 
  • एक्सपर्टस का मानना है कि नदी में नहाना फेफड़ों के लिए अच्छा है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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