विटामिन डी की कमी से शरीर को क्या नुकसान होता है? हड्डियों के डॉक्टर से जानें, इसकी कमी के लक्षण और गंभीर बीमारियां

डॉ. बोहरा समझाते हैं कि विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक साधारण विटामिन नहीं, बल्कि एक हार्मोन (Hormone) की तरह काम करता है. इसका सबसे ज़रूरी काम है, हमारे खाने से कैल्शियम (Calcium) को सोखना (Absorb). अगर शरीर में विटामिन डी कम होगा, तो कैल्शियम बेकार हो जाएगा, चाहे आप कितना भी दूध या पनीर खा लें.

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विटामिन डी की कमी से शरीर को क्या नुकसान होता है?

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, हम सब घंटों ऑफिस (Office) या घर के अंदर रहते हैं. धूप (Sunlight) में निकलना कम हो गया है. इसी वजह से हमारे शरीर में एक बहुत ज़रूरी चीज़ की कमी होती जा रही है—वह है विटामिन डी (Vitamin D). विटामिन डी को 'सनशाइन विटामिन' भी कहते हैं, क्योंकि यह हमें सूरज की रोशनी से मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर यह कमी लंबे समय तक बनी रहे, तो क्या हो सकता है? दिल्ली के जाने-माने ऑर्थोपेडिक सर्जन (Orthopaedic Surgeon) डॉ. ईश्वर बोहरा ने बताया है कि लंबे समय तक विटामिन डी की कमी से हमारे शरीर को क्या-क्या गंभीर नुकसान हो सकते हैं.

विटामिन डी क्यों है इतना ज़रूरी?

डॉ. बोहरा समझाते हैं कि विटामिन डी हमारे शरीर के लिए एक साधारण विटामिन नहीं, बल्कि एक हार्मोन (Hormone) की तरह काम करता है. इसका सबसे ज़रूरी काम है, हमारे खाने से कैल्शियम (Calcium) को सोखना (Absorb). अगर शरीर में विटामिन डी कम होगा, तो कैल्शियम बेकार हो जाएगा, चाहे आप कितना भी दूध या पनीर खा लें.

लंबे समय तक विटामिन डी की कमी से होने वाले 5 गंभीर नुकसान

1. हड्डियाँ और मांसपेशियाँ हो जाती हैं कमज़ोर:

यह विटामिन डी की कमी का सबसे पहला और बड़ा असर है.
बच्चों में: इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स (Rickets) नाम की बीमारी हो सकती है. इसमें हड्डियाँ नरम पड़ जाती हैं और उनकी बनावट (Shape) बिगड़ सकती है.
बड़ों में: बड़ों में यह ऑस्टियोमलेशिया (Osteomalacia) का कारण बनता है. इसमें हड्डियाँ दुखने लगती हैं, और उनमें दर्द होता है.
ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis): डॉ. बोहरा बताते हैं कि लंबे समय तक विटामिन डी की कमी से हड्डियाँ पतली और भुरभुरी (Fragile) हो जाती हैं. इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं, जिससे बुढ़ापे में फ्रैक्चर (Fracture) होने का खतरा बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है.
मांसपेशियों में दर्द: मांसपेशियों (Muscles) में हमेशा दर्द और कमज़ोरी महसूस होना भी इसकी कमी का एक बड़ा लक्षण है.

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2. इम्यूनिटी (Immunity) हो जाती है वीक:

विटामिन डी हमारे इम्यून सिस्टम (Immune System) यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाने में बहुत अहम रोल निभाता है.
बार-बार बीमार पड़ना: डॉ. बोहरा के अनुसार, जिन लोगों में इसकी कमी होती है, उन्हें सर्दी-जुकाम (Cold and Cough) और फ्लू (Flu) जैसी बीमारियाँ जल्दी और बार-बार अपनी चपेट में ले लेती हैं.
गंभीर बीमारियों का खतरा: कुछ रिसर्च बताती हैं कि इसकी कमी से ऑटोइम्यून बीमारियाँ (Autoimmune Diseases) होने का खतरा भी बढ़ सकता है.

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3. मानसिक सेहत पर असर (मूड स्विंग्स और तनाव):

विटामिन डी का संबंध हमारे मूड (Mood) और दिमाग की सेहत से भी है.
तनाव और डिप्रेशन: इसकी कमी से लोग अक्सर उदास (Sad), थका हुआ महसूस करते हैं, और उन्हें डिप्रेशन (Depression) या तनाव (Stress) की समस्या हो सकती है.
नींद की समस्या: कई लोगों को विटामिन डी कम होने पर ठीक से नींद नहीं आती है.

4. दिल की सेहत (Heart Health) पर खतरा:

भले ही यह सीधा हड्डियों से जुड़ा है, लेकिन दिल पर भी इसका असर होता है.
ब्लड प्रेशर: कुछ स्टडीज़ में पाया गया है कि विटामिन डी की गंभीर कमी से हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और दिल से जुड़ी दूसरी बीमारियों (Heart Diseases) का खतरा बढ़ सकता है.

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5. डायबिटीज और कैंसर का खतरा:

लंबे समय तक इस विटामिन की कमी शरीर के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) और कोशिकाओं (Cells) को प्रभावित करती है.
टाइप 2 डायबिटीज: यह इंसुलिन (Insulin) को सही से काम करने में मदद करता है. इसकी कमी से टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) होने या कंट्रोल से बाहर होने का खतरा हो सकता है.
कैंसर: हालांकि इस पर और रिसर्च की ज़रूरत है, लेकिन कुछ तरह के कैंसर (जैसे कोलोन कैंसर) का खतरा भी उन लोगों में ज़्यादा देखा गया है जिनमें विटामिन डी की गंभीर कमी होती है.

विटामिन डी की कमी के आम लक्षण क्या हैं?

डॉ. ईश्वर बोहरा बताते हैं कि इन लक्षणों को पहचानना ज़रूरी है:

  • हमेशा थका हुआ (Fatigue) और कमज़ोर महसूस करना.
  • मांसपेशियों और हड्डियों में लगातार दर्द रहना.
  • अक्सर बीमार पड़ना या घाव का देर से भरना.
  • बालों का ज़्यादा झड़ना (Hair Fall).
  • मूड का बार-बार बदलना (Mood Swings) या चिड़चिड़ापन (Irritation).

कमी को कैसे दूर करें? डॉक्टर की सलाह

डॉ. बोहरा के अनुसार, अगर आपको शक है कि आपको विटामिन डी की कमी है, तो सबसे पहले ब्लड टेस्ट (Blood Test) कराएं.
धूप: रोज़ाना सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच, 15 से 20 मिनट तक अपनी स्किन (Skin) को सीधे धूप दिखाएं. यह सबसे प्राकृतिक तरीका है.
डाइट: अपनी डाइट (Diet) में फैटी फिश (Fatty Fish) जैसे सालमन, टूना, अंडे की जर्दी (Egg Yolk), मशरूम (Mushroom) और फोर्टिफाइड दूध (Fortified Milk) को शामिल करें.
सप्लीमेंट्स: अगर कमी ज़्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी के सप्लीमेंट्स (Supplements) ज़रूर लें.

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निष्कर्ष 

विटामिन डी की कमी को नज़रअंदाज़ करना एक बड़ी गलती हो सकती है. डॉ. ईश्वर बोहरा सलाह देते हैं कि स्वस्थ हड्डियों, मज़बूत इम्यूनिटी और अच्छी मानसिक सेहत के लिए अपने विटामिन डी लेवल को हमेशा सही रखें. धूप से दोस्ती करें और अपनी डाइट का ध्यान रखें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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