इम्यूनोथेरेपी की नई दवा ने तेजी से बढ़ने वाले कैंसर में दिखाए चौंकाने वाले नतीजे

वैज्ञानिकों ने एक नई इम्यूनोथेरेपी दवा का एक एडवांस संस्करण बनाया है, जिसने चरण-1 परीक्षणों में तेजी से बढ़ते कैंसर के खिलाफ महत्वपूर्ण परिणाम दिखाए हैं.

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वैज्ञानिकों ने एक नई इम्यूनोथेरेपी दवा का एक एडवांस संस्करण बनाया है, जिसने चरण-1 परीक्षणों में तेजी से बढ़ते कैंसर के खिलाफ महत्वपूर्ण परिणाम दिखाए हैं. यह दवा सीडी 40 एगोनिस्ट एंटीबॉडी नामक कैंसर दवाओं के एक वर्ग से जुड़ी है. पिछले 20 सालों में यह दवा पशु मॉडलों में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) को सक्रिय करने में सफल रही है, लेकिन जब इसे इंसानों में इस्तेमाल किया गया, तो कम खुराक पर भी गंभीर साइड इफेक्ट सामने आए, जैसे खतरनाक प्रणालीगत उत्तेजना, प्लेटलेट की संख्या कम होना और लिवर को नुकसान.

2018 में अमेरिका के रॉकफेलर विश्वविद्यालय की टीम ने इस दवा को अपग्रेड किया ताकि यह अधिक प्रभावी हो और इसके गंभीर दुष्प्रभाव कम हों. इस नई दवा का नाम 2141-वी11 रखा गया. पहले क्लीनिकल ट्रायल में इस दवा को 12 मरीजों पर आजमाया गया. नतीजा चौंकाने वाला था, इनमें से 6 मरीजों में ट्यूमर छोटा हो गया और दो मरीजों में तो ट्यूमर पूरी तरह खत्म हो गया. खास बात यह थी कि असर केवल उसी ट्यूमर पर नहीं दिखा जिसमें दवा का इंजेक्शन लगाया गया था, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों में मौजूद ट्यूमर भी या तो छोटे हो गए या फिर इम्यून कोशिकाओं ने उन्हें नष्ट कर दिया.

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गौरतलब है कि यह प्रभाव सिर्फ उन ट्यूमर तक ही सीमित नहीं था जिनमें दवा का इंजेक्शन लगाया गया था. कैंसर सेल पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि शरीर के अन्य हिस्सों में भी ट्यूमर या तो छोटे हो गए या प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा नष्ट हो गए. इस रिसर्च को लीड करने वाले वैज्ञानिक जेफरी वी. रैवेच ने कहा, “यह प्रभाव बेहद खास है, क्योंकि आमतौर पर दवा का असर सिर्फ उस जगह तक सीमित होता है जहां इंजेक्शन दिया जाता है, लेकिन यहां पूरे शरीर में प्रतिक्रिया देखी गई.”

सीडी-40 एक खास रिसेप्टर है जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं की सतह पर होता है. जब यह सक्रिय होता है, तो यह इम्यून सिस्टम के बाकी हिस्सों को भी सक्रिय कर देता है, जिससे कैंसर-रोधी प्रतिरक्षा और ट्यूमर के खिलाफ विशेष टी-कोशिकाएं बनती हैं. रैवेच की लैब ने 2141-वी11 को इस तरह डिजाइन किया कि यह मानव सीडी-40 रिसेप्टर से मजबूती से जुड़ सके और 10 गुना ज्यादा शक्तिशाली ट्यूमर-रोधी प्रतिक्रिया दे सके.

ट्रायल में मेलेनोमा, रीनल सेल कार्सिनोमा और कई तरह के स्तन कैंसर से पीड़ित मरीज शामिल थे. इनमें किसी को भी पुराने सीडी-40 इलाज की तरह गंभीर साइड इफेक्ट नहीं हुए. खासतौर पर मेलेनोमा और स्तन कैंसर वाले दो मरीज, जिनका कैंसर बहुत आक्रामक और बार-बार लौटने वाला था, पूरी तरह ठीक हो गए. यह खोज आगे चलकर आक्रामक कैंसर के लिए एक नया और सुरक्षित इलाज साबित हो सकती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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