National Plastic Surgery Day 2023: भारत में हर साल 15 जुलाई को नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे मनाया जाता है. हालांकि भारत से शुरू हुई पहल के बाद पूरी दुनिया में इस दिन को मनाया जाना लगा है. आइए जानते हैं प्लास्टिक सर्जरी डे क्यों और कब मनाया जाता है. इस दिन का इतिहास और महत्व क्या है. यहां वह सब कुछ है जो आपको जानने की जरूरत है.
नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे का इतिहास (History of National Plastic Surgery)
भारत में एसोसिएशन ऑफ प्लास्टिक सर्जन्स के प्रेसिडेंट डॉ एस राजा सत्पथी ने 2011 में पहली बार नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे मनाए जाने का विचार सामने रखा था. भारत में 15 जुलाई को नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे मनाने के लिए चुना गया. इसके बाद वर्ष 2021 में पहली बार 15 जुलाई को नेशनल प्लास्टिक सर्जरी दिवस के रूप में मनाया गया. 2022 में 15 जुलाई को पूरी दुनिया में प्लास्टिक सर्जरी डे के रूप में मनाया जाने लगा और इसे वर्ल्ड प्लास्टिक सर्जरी डे के रूप में मान्यता मिल गई.
नेशनल प्लास्टिक सर्जरी डे का महत्व (Significance of National Plastic Surgery Day)
प्लास्टिक सर्जरी डे के अवसर पर प्लास्टिक सर्जनों की भूमिका और महत्व के बारे में लोगों को अवेयर किया जाता है. हर साल 15 जुलाई को देश भर में प्लास्टिक सर्जन बड़ी संख्या में जरूरतमंद लोगों की मुफ्त सर्जरी करते हैं. इसके साथ ही इस तरह की सर्जरी के लिए शिविर और अवेयरनेस मीटिंग का आयोजन किया जाता है. प्लास्टिक सर्जरी को चिकित्सा के क्षेत्र में कम महत्व वाला विषय समझा जाता रहा है. प्लास्टिक सर्जरी दिवस पर इसके महत्व से पूरी दुनिया को अगवत कराने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
प्लास्टिक सर्जरी डे का भारत से है गहरा नाता
प्लास्टिक सर्जरी का प्राचीन भारत से गहरा नाता है. प्राचीन भारतीय चिकित्सक और सर्जन सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है. प्लास्टिक वर्ड ग्रीक भाषा के ‘प्लास्टिकोस' से लिया गया है जिसका अर्थ मोल्ड या टू फार्म होता है. इस तरह की सर्जरी में किसी कारण से बिगड़ गए अंगों को फिर से बनाया जाता है.