National Nutrition Week 2024: क्या आप भी हीमोग्लोबिन की कमी से जूझ रहे हैं, डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और इसकी कमी को दूर करने के उपाय

Hemoglobin Deficiency: अक्‍सर एनीमिया की समस्‍या महिलाओं में ज्‍यादा देखने को मिलती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाएं हर माह मासिक धर्म के चक्र से गुजरती हैं.

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National Nutrition Week 2024:  भारत में हर साल 1 सितंबर से लेकर 7 सितंबर तक ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह' मनाया जाता है. पोषण हमारे शरीर के लिए कितना जरूर है ये हम सभी जानते हैं. अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि वह पूरे दिन थका-थका सा महसूस करते हैं. किसी काम में मन नहीं लगता, बदन पूरे दिन टूटा सा रहता है. अगर आप भी इन सभी दिक्कतों से जूझ रहे हैं तो आज ही अपने हीमोग्लोबिन की जांच करा लें. आज हम आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया यानी हीमोग्लोबिन की कमी के बारे में बात करेंगे. जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर हीमोग्लोबिन की कमी से लोगों को क्‍या-क्‍या स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी परेशानियां आ सकती है. तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं.

 हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण-

सबसे पहले तो आपको बता दें कि खून में जब रेड ब्लड सेल्स या हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो उस स्थिति को एनीमिया कहते हैं. एनीमिया से पीड़ित व्‍यक्ति के शरीर में ब्लड सेल्स लेवल सामान्य से नीचे आ जाता है. अक्‍सर एनीमिया की समस्‍या महिलाओं में ज्‍यादा देखने को मिलती है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि महिलाएं हर माह मासिक धर्म के चक्र से गुजरती हैं, जिससे उनमें अक्‍सर खून की कमी की समस्‍या रहती है. हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से त्वचा पीली होने लगती है.

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बता दें कि पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम रहता है. पुरुषों में सामान्यत: 13.5-17.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर का स्तर हीमोग्लोबिन का सामन्य स्तर माना जाता है. वहीं महिलाओं में 12.0 - 15.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर की मात्रा नार्मल मानी जाती है. हीमोग्लोबिन शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद एक तरह का प्रोटीन है, जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है.

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इस बारे में ज्‍यादा जानकारी लेने के लिए सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉक्‍टर मोहसिन वली से बात की.

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उन्‍होंने बताया, आज अनेकों भारतीय महिलाएं आयरन की कमी से जूझ रही हैं, जिसे एनीमिया कहा जाता है. यह स्थिति तब होती है, जब भोजन में भरपूर मात्रा में आयरन नहीं मिल पाता. ग्रामीण इलाकों में आम तौर महिलाएं मां बनने के बाद इस समस्‍या से गुजरती हैं, वह घर के काम के साथ अपनी सेहत के तरफ बिल्‍कुल भी ध्‍यान नहीं दे पाती जिससे उनके शरीर में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स की कमी हो जाती है. ऐसे में वह आयरन की कमी का शिकार हो जाती है.

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एनीमिया के लक्षणों के बारे में डॉ मोहसिन ने कहा, ''शरीर में आयरन की कमी होने से कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जिसमें मरीज को थकान, सिर दर्द और घबराहट का एहसास होता है. कभी-कभी आयरन की कमी पेट में अल्‍सर भी हो सकती है.

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उन्‍होंने कहा कि आज करीब 30 से 40 प्रतिशत भारतीय आयरन की डेफिशियेंसी से जूझ रहे है, यह आंकड़े कई तरह की रिपोर्ट में सामने भी आ चुके हैं.

कैसे करें आयरन की कमी को दूर-

एनीमिया की कमी को दूर करने के लिए उन्‍होंने कहा कि सबसे पहले जरूरी है कि भोजन में आयरन की मात्रा को बढ़ाया जाए. इसके लिए उन्‍होंने हरी पत्‍तेदार सब्जियां, फल, और अंजीर खाने की सलाह दी है. डॉ मोहसिन ने साफ तौर पर कहा है कि रोटी से ज्‍यादा दालों और सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करने पर ध्‍यान दें, जिससे भोजन में भरपूर मात्रा में आयरन मिल सके. आगे उन्होंने कहा, कई जगहों पर लोगों का मुख्‍य खाना चावल होता है, ऐसे में भी उन्‍हें भरपूर आयरन नहीं मिल पाता है. ऐसे में उन्‍हें भी सब्जियों पर ज्‍यादा फोकस करने की जरूरत है.

बच्चों की कैसी होनी चाहिए डाइट-

बच्‍चों के बारे में बात करते हुए उन्‍होंने कहा, आजकल बच्‍चे फास्‍ट फूड पर ज्‍यादा जोर देते हैं, जिससे वह भी आयरन की डेफिशियेंसी की शिकार हो जाते हैं. ऐसे में उनको फास्‍ट फूड से दूर रखने की जरूरत है. 

आयरन की कमी को दूर करने के लिए डॉक्‍टर ने व्‍यायाम करने की भी सलाह दी है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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