प्रकृति ने ऐसे कई तोहफे महत्वपूर्ण औषधियों के रूप में दिए हैं, जिसके सेवन से स्वस्थ रहा जा सकता है. ऐसे ही एक तोहफे का नाम नागलिंग है, जिसका फल तोप के गोले सा दिखता है. नागलिंग वृक्ष को आयुर्वेद में किसी वरदान से कम नहीं बताया जाता. वहीं, भारत सरकार का आयुष मंत्रालय नागलिंग को अमृत समान बताते हुए इसके गुणों से अवगत कराता है.
नागलिंग वृक्ष का वैज्ञानिक नाम कौरौपीटा गुआनेन्सिस (Cannonball fruit) है. इसे कैननबॉल ट्री के नाम से भी जाना जाता है. इस वृक्ष की सबसे खास पहचान इसके फूल और फल हैं. फूल इतने अनोखे होते हैं कि लगते हैं मानो किसी सांप ने शिवलिंग पर अपना फण फैला रखा हो. इसी खूबसूरती और आकार के कारण इसे ‘नागलिंग' नाम से जाना जाता है. वहीं इसके फल बिल्कुल तोप के गोले जैसे गोल और भारी होते हैं. फूलों से तेज सुगंध आती है जो दूर तक फैल जाती है.
मंत्रालय के अनुसार नागलिंग वृक्ष प्रकृति की अनुपम देन है. इसके हर हिस्से में औषधीय गुण भरे हैं. पत्ते, छाल, फूल और फल के अर्क में विटामिन-ई, स्टेरोल्स और आवश्यक फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं. वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी फंगल, एंटीकैंसर और एंटीमलेरियल गुण मौजूद हैं.
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आयुर्वेद में नागलिंग के सेवन के प्रमुख फायदों के बारे में बताया गया है. यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है. दर्द और सूजन में राहत देता है. सर्दी-खांसी और पेट दर्द दूर करता है. घाव जल्दी भरता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है. यह मलेरिया और दांत दर्द में भी बेहद कारगर है. एंटी-माइक्रोबियल गुणों के कारण यह संक्रमण से बचाता है.
नागलिंग वृक्ष के हर हिस्से को सेहत का खजाना माना जाता है. इसे पारंपरिक दवाओं के तौर पर सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है और आधुनिक रिसर्च भी इसके गुणों की पुष्टि कर रहे हैं.
नागलिंग का फल के 4 जबरदस्त फायदे
नागलिंग के फल और उसके फूलों का उपयोग आमतौर पर बाहरी अनुप्रयोग (External Application) के लिए किया जाता है, लेकिन इसके कुछ आंतरिक फायदे भी हैं:
1. त्वचा रोग और घाव भरने में सहायक (Skin and Wound Healing) : यह फल अपने एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है. इसके गूदे (Pulp) या फूल के अर्क का उपयोग त्वचा के संक्रमण (Skin Infections), खुजली, एक्जिमा और सोरायसिस जैसी समस्याओं में किया जाता है. यह कटे हुए घाव को तेज़ी से भरने में भी मदद करता है.
2. सांस की समस्याओं में राहत (Respiratory Relief) : नागलिंग के फूल के अर्क का उपयोग पारंपरिक रूप से श्वसन संबंधी समस्याओं (Respiratory Problems) को दूर करने के लिए किया जाता है. यह अस्थमा (Asthma), पुरानी खांसी और जुकाम में आराम दिलाने में मददगार माना जाता है, क्योंकि इसमें मौजूद यौगिक बलगम को ढीला करने में सहायक होते हैं.
3. दर्द और सूजन में कमी (Pain and Inflammation) : इस फल में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन रोधी) गुण पाए जाते हैं. इसके गूदे का लेप जोड़ों के दर्द या शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली सूजन को कम करने में मदद करता है.
4. संक्रमण से बचाव (Fights Infection) : इसके बीजों और गूदे में ऐसे सक्रिय यौगिक होते हैं जो शरीर को हानिकारक जीवाणुओं और कवक (Fungi) से बचाते हैं, जिससे शरीर का आंतरिक और बाहरी संक्रमण कम होता है.
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नागलिंग का फल के नुकसान और सावधानियां
जहाँ नागलिंग का फल के फायदे कई हैं, वहीं इसके सेवन में कुछ सावधानियाँ बरतना और संभावित नुकसान को जानना बहुत ज़रूरी है:
1. बिना डॉक्टर की सलाह के सेवन न करें : सबसे बड़ा नुकसान: यह फल आमतौर पर कच्चा या सीधे खाने के लिए नहीं होता है. इसके औषधीय गुणों का उपयोग विशेष रूप से तैयार किए गए अर्क, तेल या चूर्ण (Powder) के रूप में ही किया जाता है. बिना सही जानकारी के सीधे फल खाने से पेट में गड़बड़ी या पाचन संबंधी समस्या हो सकती है.
2. गर्भवती महिलाओं के लिए असुरक्षित : गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली माताओं को इस फल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके प्रभाव पर पर्याप्त वैज्ञानिक रिसर्च उपलब्ध नहीं है.
3. एलर्जी की संभावना : कुछ संवेदनशील लोगों को इसके फूलों या फल के संपर्क में आने पर त्वचा पर हल्की खुजली या एलर्जी की प्रतिक्रिया (Allergic Reaction) हो सकती है.
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इस्तेमाल करने का सही तरीका
यदि आप इस फल का औषधीय उपयोग करना चाहते हैं, तो:
एक्सपर्ट की राय: हमेशा किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ (Ayurvedic Expert) या जानकार वैद्य से सलाह लें.
उपयोग: यह फल अक्सर बाहरी उपयोग के लिए होता है. इसके गूदे को पीसकर लेप के रूप में लगाया जाता है.
नागलिंग का फल एक शक्तिशाली प्राकृतिक औषधि है, लेकिन इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं. इसके चमत्कारी गुणों का लाभ तभी उठाएँ जब आपको किसी जानकार द्वारा सही मात्रा और सही रूप से इसे इस्तेमाल करने की सलाह दी गई हो.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














