Monkeypox India Cases: केरल में आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिए मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि की जा रही है. कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिला स्वास्थ्य विभाग ने मंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुबई से केरल (Kerala) की यात्रा करने वाले एक व्यक्ति के बीमारी से संक्रमित पाए जाने के बाद अलर्ट जारी किया है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 31 वर्षीय व्यक्ति 13 जुलाई को दुबई से मेंगलुरु आया था और अब उसका कन्नूर जिले के परियाराम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है.
संपर्क में आए 35 लोग आइसोलेट:
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि उनके संपर्क में आए 35 लोगों को आइसोलेशन रहने की सलाह दी गई है, जबकि डॉक्टरों ने हवाई अड्डे के अधिकारियों और उनके साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को भी आइसोलेशन में रहने और निगरानी में रहने को कहा है.
जिस फ्लाइट से युवक आया था उस फ्लाइट में 191 यात्री सवार थे. उनमें से 15 यात्री साउथ कन्नड़ से, 6 उडुपी जिले के और 13 कासरगोड के थे, इसके अलावा कन्नूर के यात्री थे.
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कई जिले हाई अलर्ट पर:
यहां के सरकारी वेनलॉक अस्पताल में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए अलग से आइसोलेशन वार्ड खोला गया है. उन्होंने कहा कि विदेशों से आने वाले यात्रियों को हवाई अड्डे पर तापमान और चकत्ते की जांच की जा रही है. मैसूर, चामराजनगर, कोडागु, मंगलुरु और उडुपी जैसे जिलों को हाई अलर्ट पर रहने को कहा गया है.
केरल ने अलाप्पुझा एनआईवी में मंकीपॉक्स के लिए टेस्ट शुरू किया:
केरल सरकार ने मंगलवार को अलाप्पुझा एनआईवी में मंकीपॉक्स संक्रमण के लिए टेस्ट शुरू किया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, परीक्षण किट पुणे एनआईवी से लाए गए थे और विभिन्न जिलों से नमूने अब अलाप्पुझा भेजे जा रहे हैं.
केरल के मंत्री ने कहा कि राज्य में 28 सरकारी प्रयोगशालाएँ हैं जो COVID RT-PCR परीक्षण कर सकती हैं और यदि मामलों की संख्या बढ़ती है तो इन प्रयोगशालाओं का उपयोग किया जा सकता है.
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मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सोमवार को दर्ज:
सोमवार को भारत ने केरल के कन्नूर जिले से मंकीपॉक्स का दूसरा पुष्ट मामला दर्ज किया गया. 13 जुलाई को केरल पहुंचा व्यक्ति उत्तरी केरल के कन्नूर का रहने वाला था और वहां परियाराम मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है.
एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर वायरल बीमारी, मंकीपॉक्स का पहला मामला दक्षिण केरल के कोल्लम जिले में 14 जुलाई को सामने आया था. रोगी का वर्तमान में सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, तिरुवनंतपुरम में इलाज चल रहा है.
मंकीपॉक्स के चेचक जैसे लक्षण:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मंकीपॉक्स एक वायरल ज़ूनोसिस (जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है.
1980 में चेचक के उन्मूलन और उसके बाद चेचक के टीकाकरण की समाप्ति के साथ मंकीपॉक्स सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े ऑर्थोपॉक्सवायरस के रूप में उभरा है. मंकीपॉक्स, जो आमतौर पर बुखार, दाने और सूजन लिम्फ नोड्स जैसे लक्षणों के साथ आता है. ये कई प्रकार की मेडिकल कॉप्लिकेशन को जन्म दे सकता है. इसके लक्षण आमतौर पर 2 से 4 हफ्ते तक चलते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.