मानसून में बढ़ सकती है माइग्रेन की समस्या, बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स 

माइग्रेन से ग्रस्त लोगों को मानसून के मौसम के दौरान उन कारणों से बचना चाहिए जो इसे ट्रिगर कर सकते हैं. यहां हम कुछ ऐसे टिप्स दे रहें हैं जिनके इस्तेमाल से आप माइग्रेन जैसे दर्द से अपने को सुरक्षित रख सकते हैं. जानते हैं क्या हैं वो टिप्स.

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माइग्रेन से निपटने के टिप्स

बरसात का मौसम यूं तो बहुत खुशनुमा होता है लेकिन इस मौसम में बहुत लोग कई समस्याओं से भी ग्रसित हो जाते हैं,  जिनमें एक माइग्रेन(migraine) भी है. ये एक ऐसा सिरदर्द (Headache) है जो आपके रोजमर्रा के कामों को भी प्रभावित  करता है. मानसून (monsoon) में कई ऐसे कारण हैं जो आपको ट्रिगर कर सकते हैं. माइग्रेन से ग्रस्त लोगों को मानसून के मौसम के दौरान उन कारणों से बचना चाहिए. यहां हम कुछ ऐसे टिप्स दे रहें हैं जिनके इस्तेमाल से आप माइग्रेन जैसे दर्द से अपने को सुरक्षित रख सकते हैं. जानते हैं क्या हैं वो टिप्स.


बरसात के मौसम में माइग्रेन के कारण (Causes of Migraine in Rainy Season)

बारिश के मौसम में कई कारण ऐसे हो जाते हैं जिससे माइग्रेन के ट्रिगर का खतरा बढ़ जाता है.ऐसे में उन कारणों को जानना बहुत जरूरी है.

पर्यावरण में बदलाव

मानसून के दौरान बारिश से वायुमंडलीय दबाव कम हो जाता है. इस बदलाव से मस्तिष्क की धमनियां और ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. ऐसे में सेंसिटिव लोगों को माइग्रेन की शिकायत हो सकती हैं. 

नमी और डिहाइड्रेशन

मानसून के मौसम में नमी बढ़ने से पसीना ज्यादा आता है, इससे शरीर का तापमान भी नियंत्रित नहीं रहता. ऐसे में डिहाइड्रेशन भी हो सकता है जो माइग्रेन का एक कारण बन सकता है. 

एलर्जी और फफूंद वृद्धि

मानसून के दौरान एलर्जी और फफूंद बढ़ने के कारण इसके कीटाणु हवा में फैलते हैं जिससे एलर्जी होती है जो माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है.

तापमान में उतार-चढ़ाव

मानसून में तापमान बहुत तेजी से बदलता है. कभी गर्मी, नमी और फिर ठण्ड भी इस मौसम में महसूस होती है. तापमान का ये उतार-चढ़ाव ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है. इससे अत्यधिक गर्मी से डिहाइड्रेशन भी हो सकता है.  

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मानसून के मौसम में माइग्रेन से निपटने के टिप्स (Migraine prevention tips in monsoon)

हाइड्रेटेड रहें

मानसून में डिहाइड्रेशन की पॉसिबिलिटी भी बढ़ जाती है, इसलिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी हैं. इसलिए पूरे दिन पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.  कैफीन और अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से बचें. 

वातावरण पर नियंत्रण रखें

माइग्रेन के ट्रिगर से बचाव के लिए घर के वातावरण को नियंत्रित रखें. नमी या सीलन बढ़ने से रोकने का प्रबंध करें. जिससे फफूंद न हो. इसके लिए आप डी ह्यूमिडिफायर या एयर कंडीशनर का उपयोग करें. बाथरूम और रसोई को नियमित रूप से साफ और कीटाणु रहित करें.

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लाइफस्टाइल ठीक रखें

नींद पर्याप्त लें.  बैलेंस डाइट लेने के साथ टेंशन वाले कामों को कम करने का प्रयास करें. लाइफस्टाइल  ठीक रखने से  माइग्रेन की संभावना को कम करने में मदद मिल सकती है.

ट्रिगर को पहचानें और उनसे बचें

मानसून के मौसम में ट्रिगर पर नज़र रखें. पहचान हो जाने पर अपनी डेली लाइफ में उन बातों से बचें. इसमें तेज गंध, कुछ खाद्य पदार्थों, या विशिष्ट मौसम की स्थिति से बचना शामिल हो सकता है जो लगातार माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं.

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वर्कआउट करें 

तनाव को कम करने के लिए आप ध्यान लगाए, गहरी सांस लेने के व्यायाम, योग आदि तकनीक अपना सकते हैं. इससे माइग्रेन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं. नियमित अभ्यास से किसी व्यक्ति की माइग्रेन ट्रिगर से प्रभावी ढंग से निपटने की क्षमता भी बढ़ सकती है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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