एस्ट्राजेनेका ने स्वेच्छा से अपने कोविड वैक्सीन के "मार्केटिंग ऑथोराइजेशन" को वापस ले लिया है, जिसे भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के रूप में बेचा जाता है. एक बयान में एसआईआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत में 2021 और 2022 में हाई वैक्सीनेशन रेट हासिल करने के साथ-साथ नए म्यूटेड टाइप के पैदा होने के साथ पिछले टीकों की मांग काफी कम हो गई है.
प्रवक्ता ने कहा, "परिणामस्वरूप दिसंबर 2021 से हमने कोविशील्ड की अतिरिक्त खुराक का निर्माण और आपूर्ति बंद कर दी है." सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि वे चल रही चिंताओं को पूरी तरह से समझते हैं और "पारदर्शिता और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर जोर देना महत्वपूर्ण है."
"हमने शुरुआत से ही दुष्प्रभावों का खुलासा किया"
कंपनी ने कहा कि शुरुआत से ही, "हमने 2021 में पैकेजिंग इंसर्ट में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस सहित सभी दुर्लभ से बहुत दुर्लभ दुष्प्रभावों का खुलासा किया है."
थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक सिंड्रोम (टीटीएस) एक दुर्लभ दुष्प्रभाव है, जिसके कारण लोगों में ब्लड क्लॉट बन सकते हैं और खून में प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है, जो ब्रिटेन में कम से कम 81 मौतों के साथ-साथ सैकड़ों गंभीर मामलों से जुड़ी है.
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"टीके की सुरक्षा अभी भी सर्वोपरि बनी हुई है"
एसआईआई ने जोर देकर कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान चुनौतियों का सामना करने के बावजूद टीके की सुरक्षा सर्वोपरि बनी हुई है. सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, "चाहे वह एस्ट्राजेनेका का वैक्सजर्वरिया हो या हमारा अपना कोविशील्ड, दोनों टीके दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाने में सहायक रहे हैं."
"हम महामारी के लिए इंटीग्रेटेड ग्लोबल रिस्पॉन्स को सुविधाजनक बनाने में सरकारों और मंत्रालयों के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना करते हैं."
इस बीच, यूके में एक हाई कोर्ट मामले में 50 से ज्यादा कथित पीड़ितों और दुखी रिश्तेदारों द्वारा ब्रिटिश-स्वीडिश मल्टीनेशनल फार्मास्युटिकल पर भी मुकदमा दायर किया जा रहा है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)