महाराष्ट्र : गिलियन-बैरे सिंड्रोम के मामले बढ़े, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए ताजा आंकड़े

महाराष्ट्र  में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इससे लोगों के बीच में डर और चिंता का माहौल है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

महाराष्ट्र  में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इससे लोगों के बीच में डर और चिंता का माहौल है. अब इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से संबंधित एक आंकड़ा जारी किया है. विभाग के अनुसार, अब तक 140 संदिग्ध मरीज पाए गए हैं, जिनमें से 98 मामलों में जीबीएस की पुष्टि हुई है. इस दौरान 4 संदिग्ध मौतें भी हुई हैं. पुणे नगर निगम (एमसी) से 26, पुणे नगर निगम क्षेत्र के नए जोड़े गए गांवों से 78, पिंपरी चिंचवड़ एमसी से 15, पुणे ग्रामीण क्षेत्र से 10 और अन्य जिलों से 11 मरीज हैं.

अभी 18 मरीज वेंटिलेटर पर हैं, जिन्हें विशेष देखरेख में रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों का इलाज और निगरानी लगातार कर रहा है. इससे पहले 31 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे में भी जीबीएस के कई मामलों की पुष्टि हुई थी. इस संबंध में महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़े भी जारी किए थे. महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 30 जनवरी तक गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के 130 संदिग्ध मामलों की पहचान की गई है. इनमें से 73 मामलों में जीबीएस की पुष्टि हो चुकी है. 3 मरीजों की मौत हो चुकी है.

आर्थिक सर्वेक्षण ने बढ़ती अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य खपत पर जताई चिंता, स्वास्थ्य कर का रखा प्रस्ताव

इन प्रभावित मरीजों में से 25 पुणे नगर निगम क्षेत्र से, 74 नए जोड़े गए गांवों से, 13 पिंपरी चिंचवड़ नगर निगम से, 9 पुणे ग्रामीण क्षेत्र से और 9 अन्य जिलों से हैं. वर्तमान में 20 मरीजों की हालत गंभीर है और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग मरीजों की देखभाल में जुटा है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है. इससे पहले 29 जनवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था.

Advertisement

कैबिनेट बैठक में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन के दौरान उन्होंने जीबीएस के बारे में मौजूदा जमीनी स्तर की स्थिति की समीक्षा की थी. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि जीबीएस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है, लेकिन उन्होंने निर्देश दिया है कि मरीजों को उचित इलाज मिले, इसके लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की जाए. इस बीमारी का इलाज राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में शामिल है. अगर कोई और प्रक्रिया की जरूरत है, तो वह जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा की जानी चाहिए.

Advertisement

Lungs Importance: सांस लेने से परे फेफड़े करते हैं ये अद्भुत काम जो आप नहीं जानते होंगे

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
News Reels: Bakrid पर Delhi सरकार की एडवाइजरी; गोवंश, ऊंट की कुर्बानी पर पाबंदी | Eid Al Adha | NDTV