Harm from leftover medicine: बच्चे हो या बड़े बीमार होने पर डॉक्टर तरह-तरह की दवाएं देते हैं. खासकर छोटे बच्चों को पिलाने वाली दवाएं दी जाती हैं. कई बार बच्चे के ठीक हो जाने पर या दवा की डोज पूरी हो जाने पर भी दवा की शीशी में कुछ दवा बच जाती है और पेरेंट उसे रख देते हैं. अगली बार बच्चे को परेशानी होने पर वही दवा दे देते हैं. बची हुई दवा (leftover medicine) देने से बच्चे की सेहत (Health) ठीक होने की जगह और खराब कर सकती है. आइए जानते हैं क्यों बची हुई दवा बच्चों का नहीं देनी चाहिए और इससे क्या हो सकता है नुकसान.
बची हुई दवा से नुकसान (What are the dangers of expired medicine?)
फायदे के बजाए होगा नुकसान
बच्चों को बची हुई दवा देने से सेहत ठीक होने की जगह और बिगड़ सकती है. अक्सर बच्चों को दिए जाने वाली दवा लिक्विड फॉर्म में होती है और शीशियों में आती हैं. ऐसी दवाओं की सील टूटने के बाद यूज करने का समय उस पर लिखा होता है. यह अक्सर एक माह का होता है.
इस समय के बाद दवा में तरह तरह के बैक्टीरिया के पनपने का खतरा रहता है. जिसके कारण दवा यूज करने लायक नहीं रह जाती है. ऐसे में एक बार यूज करने के बाद अगर आप दो तीन माह बाद वही दवा बच्चे को देते हैं तो उससे सेहत को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है.
किन दवाओं में रखें सावधानी
बच्चों को दी जाने वाली शीशियों में आने वाली दवा, सील तोड़ने के बाद पानी मिलाकर यूज किए जाने वाली दवा और आंखों में डाले जानी वाली आईड्रॉप्स के मामले में सावधानी रखने की ज्यादा जरूरत होती है. इन दवाओं को सील टूटने के बाद यूज का समय निश्चित समय तक ही होता है.
क्या रखें सावधानी
ऐसी दवाओं को सील तोड़ते ही उस दिन की डेट शीशी पर लिख देनी चाहिए. इससे एक माह का समय समाप्त होते या दवा की एक्सपायरी आते ही आपको पता चल जाएगा. एक्सपायरी डेट आने पर बची हुई दवा को फेंक दें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)