अपेंडिक्स कैंसर का देर से पता लगना बेहद खतरनाक, इन लक्षणों पर रखें नजर, महिलाओं में है सबसे आम

विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर सहित ज्यादातर बीमारियों में बेहतर जीवन के लिए अर्ली डायग्नोस जरूरी है, लेकिन अपेंडिक्स कैंसर की दुर्लभता और लक्षणों की कमी के कारण इसका पता लगाना कठिन हो जाता है.

Advertisement
Read Time: 4 mins

एक्सपर्ट्स ने बुधवार को कहा कि अपेंडिक्स कैंसर का पता लगाना मुश्किल है, क्योंकि बाद के स्टेज तक इसके लक्षण नहीं दिखते. इससे इलाज के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं. अगस्त अपेंडिक्स कैंसर जागरूकता महीने के रूप में महीने में मनया जाता है. अपेंडिक्स कोलन से जुड़ा एक छोटा अंग है. अपेंडिसाइटिस एक आम समस्या है, लेकिन अपेंडिकुलर कैंसर दुर्लभ है. आमतौर पर इसका पता किसी अन्य कंडिशन के डायग्नोस या इलाज के दौरान संयोग से चलता है. विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर सहित ज्यादातर बीमारियों में बेहतर जीवन के लिए अर्ली डायग्नोस जरूरी है, लेकिन अपेंडिक्स कैंसर की दुर्लभता और लक्षणों की कमी के कारण इसका पता लगाना कठिन हो जाता है. “अपेंडिकुलर कैंसर, जिसे हाल ही में एक अलग इकाई के रूप में पहचाना गया है. पहले इसे आंतों के कैंसर छोटी आंत और बड़ी आंत के कैंसर के साथ मिला दिया जाता था.

यह भी पढ़ें: मेनोपॉज के गंभीर लक्षण ब्रेन हेल्थ को कर सकते हैं खराब, 50 के बाद महिलाओं में डिमेंशिया का खतरा? : अध्ययन

ज्यादातर मामलों की पहचान एडवांस में की जाती है

राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (आरजीसीआईआरसी) के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. शुभम जैन ने बताया, "दुर्भाग्य से, क्योंकि यह एक दुर्लभ डायग्नोस है, इसलिए ज्यादा लोगों में इसे सामान्य तीव्र अपेंडिसाइटिस माना जाता है. इसलिए ज्यादा रोगियों को शुरुआत में तीव्र अपेंडिसाइटिस होने का गलत डायग्नोस किया जाता है. इसके लिए अपेंडेक्टोमी की जाती है और फिर बायोप्सी रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि यह अपेंडिसियल नियोप्लाज्म है या अपेंडिक्स कैंसर है." नतीजतन ज्यादातर मामलों की पहचान एडवांस में की जाती है और ज्यादातर कैंसर का अर्ली स्टेज में गलत इलाज किया जाता है.

Advertisement

अपेंडिक्स कैंसर के शुरुआती लक्षण

हालांकि अपेंडिक्स कैंसर के शुरुआती स्टेज में कोई लक्षण नजर नहीं आते या हल्के और नॉन-स्पेसिफिक होते हैं, लेकिन जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, व्यक्ति को पेट में दर्द, अक्सर पेट के निचले दाहिने हिस्से में मल त्याग की आदतों में बदलाव या बिना किसी कारण के दस्त, बिना किसी कारण के वजन कम होना, थकान, पेट में गांठ या गांठ महसूस होना, अपेंडिक्स फटने पर पेट की परत में सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: बिना चश्मे के दिखता है धुंधला, तेज करनी है नजर तो क्या दूध में ये दो चीज मिलाकर पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है? जानिए

Advertisement

महिलाओं में ज़्यादा आम

“अपेंडिकुलर कैंसर महिलाओं में ज़्यादा आम है और बढ़ती उम्र के साथ इसके मामले बढ़ते जाते हैं. धूम्रपान एक जोखिम कारक है. यह परिवार में भी चल सकता है. एट्रोफिक गैस्ट्राइटिस या घातक एनीमिया का इतिहास भी व्यक्ति में इस बीमारी के विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकता है,” डॉ. विनय गायकवाड़, निदेशक - सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम “दुर्भाग्य से, ज़्यादातर अपेंडिकुलर कैंसर का पता अपेंडिक्स को सर्जरी से हटाने के बाद ही चलता है. डॉक्टर ने कहा, "न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर और लो-ग्रेड म्यूसिनस ट्यूमर कम आक्रामक होते हैं और इनके उपचार के परिणाम बेहतर होते हैं, जबकि एपेंडिकुलर एडेनोकार्सिनोमा कोलोरेक्टल कैंसर की तरह ही व्यवहार करते हैं और इनका इलाज करना मुश्किल हो सकता है, खासकर बाद के चरणों में."

Advertisement

अपेंडिक्स कैंसर का इलाज

सामान्य इलाज सर्जिकल होता है और आमतौर पर इसके लिए पूरी साइटोरिडक्टिव सर्जरी और HIPEC (हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी) की जरूरत होती है. अगर उपचार के हिस्से के रूप में कीमोथेरेपी की जरूरत होती है, तो साइड इफेक्ट के रूप में प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है. ट्यूमर के जीवविज्ञान को बेहतर तरीके से समझा जा रहा है, इसलिए उपचार के बाद के परिणाम उत्साहजनक हैं. आक्रामक सर्जिकल उपचार सहित उपचारों में प्रगति बेहतर परिणामों में योगदान दे रही है. डॉ. गायकवाड़ ने कहा, "एपेंडिकुलर कैंसर सभी ग्रुप्स को प्रभावित कर सकता है और बेहतर लाइफ और लाइफ क्वालिटी के लिए अर्ली डायग्नोस और इलाज जरूरी है."

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Ganesh Visarjan 2024: धूमधाम से विदा हुए गणपति, बप्पामय हुई पूरी मायानगरी Mumbai! | City CentreGanesh Visarjan 2024: धूमधाम से विदा हुए गणपति, बप्पामय हुई पूरी मायानगरी Mumbai! | City CentreGanesh Visarjan 2024: धूमधाम से विदा हुए गणपति, बप्पामय हुई पूरी