यहां जानिए कौन सा होर्मोन बनता है Depression और Anxiety की वजह

आप अगर भोजन छोड़ रहे हैं, पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, या आपका डेली रूटीन खराब है, तो आपकी एंजाइटी का कारण केवल आपकी सोच या भावनात्मक तनाव नहीं, बल्कि शरीर के अंदर चल रही केमिकल्स के रिएक्शन भी हो सकता हैं.

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अगर आपको लगातार एंजाइटी या घबराहट महसूस होती है, तो इसे केवल मेंटल प्रॉब्लम मानकर नजरअंदाज न करें.

Mental health cause : आजकल मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुकता बढ़ी है, फिर भी जब किसी को बार-बार चिंता या घबराहट होती है, तो अक्सर इसे सिर्फ 'मेंटल प्रॉब्लम' मान लिया जाता है. लेकिन एक अहम पहलू जिस पर कम बात होती है, वह है हार्मोनल इंबैलेंस, खासकर प्रोजेस्टेरोन का लेवल. ऐसे में आइए जानते हैं प्रोजेस्टेरोन औ मूड का आपस में क्या संबंध है.

प्रोजेस्टेरोन और आपके अच्छे और खराब मूड का आपस में संबंध

प्रोजेस्टेरोन एक ऐसा हार्मोन है, जो खास रूप से महिलाओं की पीरियड साइकिल में अहम भूमिका निभाता है. यह हार्मोन नींद, मूड और मेंटल पीस को बनाए रखने में मदद करता है. अगर किसी महिला के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है, तो उसे घबराहट, चिड़चिड़ापन, बेचैनी या मूड स्विंग्स जैसी भावनाएं अनुभव हो सकती हैं. समस्या यह है कि इन लक्षणों को अक्सर सीधे मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम मान लिया जाता है, जबकि इसका मुख्य कारण शरीर के अंदर हो रहा हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है.

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सभी हॉर्मोन्स रहते हैं जुड़े 

हमारे शरीर में कोई भी हार्मोन अकेले काम नहीं करता, सभी आपस में जुड़े होते हैं और एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. उदाहरण के लिए, जब आप बहुत देर तक कुछ नहीं खाते या अचानक बहुत ज्यादा मीठा खा लेते हैं, तो इससे ब्लड शुगर लेवल में तेजी से उतार-चढ़ाव आता है. यह उतार-चढ़ाव कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन को सक्रिय कर देता है. और जब कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, तो यह प्रोजेस्टेरोन को ट्रिगर कर देता है.

ऐसे में आप अगर भोजन छोड़ रहे हैं, पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, या आपका डेली रूटीन खराब है, तो आपकी एंजाइटी का कारण केवल आपकी सोच या भावनात्मक तनाव नहीं, बल्कि शरीर के अंदर चल रही केमिकल्स के रिएक्शन भी हो सकता हैं.

क्या है सॉल्यूशन

अगर आपको लगातार एंजाइटी या घबराहट महसूस होती है, तो इसे केवल मेंटल प्रॉब्लम मानकर नजरअंदाज न करें. अपने हार्मोनल संतुलन की जांच करवाना भी उतना जरूरी है. एक हेल्दी लाइफस्टाइल, जिसमें बैलेंस डाइट, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट शामिल है, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती है. कुछ मामलों में, डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स भी आपकी हेल्प कर सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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