जोड़ों के दर्द से लेकर थायराइड तक कई रोगों के लिए काल है कचनार, जानिए कैसे करना हैं सेवन

Kachnaar Benefits: इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेस की स्टडी के मुताबिक, इस पौधे का आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और पारंपरिक चीनी चिकित्सा में मधुमेह, सूजन, श्वसन संबंधी समस्याओं और त्वचा रोगों जैसे विभिन्न रोगों के उपचार में कारगर बनाया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
Kachnaar Benefits: कई रोगों के लिए काल है कचनार.

Kachnaar Benefits: कचनार को प्रकृति का अनमोल खजाना कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि इसमें कई सारे औषधीय गुण हैं, जो जोड़ों के दर्द, थायराइड, पेट के पाचन आदि को दुरुस्त करने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं इससे जुड़े फायदों के बारे में. चरक संहिता में कचनार को "वामनोपगा" के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में उपयोगी है. इसे माउंटेन एबोनी भी कहते हैं. आयुर्वेद में यह वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में मदद करता है.

बता दें, कचनार का वैज्ञानिक नाम ‘बौहिनिया वैरीगेटा' है. यह चीन से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप तक पाया जाता है. भारत में खास तौर पर पहाड़ी इलाकों में इसे बहुत पसंद किया जाता है, और हिमाचल प्रदेश इसका एक प्रमुख स्थान है.

ये भी पढ़ें- गर्मी से राहत या बीमारी की शुरुआत? Doctor Sameer Bhati ने बताया AC में सोने के नुकसान

Advertisement

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेस की स्टडी के मुताबिक, इस पौधे का आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और पारंपरिक चीनी चिकित्सा में मधुमेह, सूजन, श्वसन संबंधी समस्याओं और त्वचा रोगों जैसे विभिन्न रोगों के उपचार में कारगर बनाया गया है. इसके औषधीय महत्व के अलावा, बी. वेरिएगाटा कई क्षेत्रों में सांस्कृतिक महत्व भी रखता है. इसे अक्सर इसकी सुंदरता और प्रतीकात्मक मूल्य के लिए सम्मानित किया जाता है; इसके फूलों का उपयोग धार्मिक समारोहों, त्योहारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में किया जाता है. लोककथाओं, पौराणिक कथाओं और स्थानीय परंपराओं के साथ पौधे का जुड़ाव विभिन्न समुदायों में इसके सांस्कृतिक महत्व को और भी रेखांकित करता है. हमारे देश में इसे देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती को अर्पित किया जाता है.

Advertisement

कचनार के पत्तों का रस मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. वहीं, इसके फूलों का लेप त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे कि एक्जिमा, दाद और खुजली में राहत दिलाता है.

Advertisement

आयुर्वेद में ‘कचनार' को थायराइड और शरीर में गांठों को कम करने के लिए उपयोगी माना जाता है. यह रक्त-पित और इससे जुड़ी समस्याओं को दुरुस्त करने में लाभकारी माना गया है. अगर महिलाओं को मासिक धर्म के समय पेट दर्द ज्यादा होता है, तो आप इसके फूल का काढ़ा बनाकर भी पी सकती हैं. यह दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है.

Advertisement

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Asaduddin Owaisi Exclusive: Bihar Election से लेकर Kanwar Yatra पर क्या क्या बोले ओवैसी | NDTV India