Toxic Relationship : रिश्ता जीवन का अहम हिस्सा होता है. एक अच्छा रिश्ता इंसान को सुकून, भरोसा और खुशी देता है. लेकिन अगर वही रिश्ता धीरे-धीरे तकलीफ, डर और थकावट की वजह बन जाए, तो समझना चाहिए कि कुछ गड़बड़ है. अक्सर लोग यह पहचान नहीं पाते कि वे एक टॉक्सिक यानी ज़हरीले रिश्ते में फंसे हैं. इससे निकले के लिए आपको खुद प्रयास करना होगा जिसमें आपकी हेल्प करेगा आज का ये आर्टिकल. कैसे आइए जानते हैं.
टॉक्सिक रिश्ते की पहचान कैसे करें? (How to identify a toxic relationship?)
टॉक्सिक रिलेशनशिप की सबसे बड़ी पहचान यह होती है कि उसमें रहने के बाद इंसान खुद को कमजोर, परेशान और अकेला महसूस करने लगता है. नीचे कुछ संकेत दिए जा रहे हैं जो बताते हैं कि आपका रिश्ता जहरीला हो सकता है:
1. लगातार शक या ईर्ष्या : अगर आपका पार्टनर आपसे हर समय यह जानना चाहता है कि आप कहां हैं, किससे बात कर रहे हैं, और आप पर भरोसा नहीं करता, तो यह एक चेतावनी हो सकती है.
2. बातचीत में कड़वाहट या डर : रिश्ते में बातचीत प्यार और समझदारी से होनी चाहिए. लेकिन अगर बातचीत में ताने, गुस्सा या डर शामिल हो गया हो, तो यह रिश्ता आपको नुकसान पहुंचा सकता है.
3. हर बात में कंट्रोल करने की कोशिश : अगर आपका पार्टनर आपको बार-बार बताता है कि क्या करना है, किससे मिलना है या क्या पहनना है, तो यह संकेत है कि वह आपकी आजादी पर कंट्रोल चाहता है.
4. झूठ बोलने की आदत : जब इंसान अपने साथी से डर के कारण सच्चाई छिपाने लगे, तो यह भी रिश्ते की खराब स्थिति को दिखाता है. ऐसा होना रिश्ते के लिए अच्छा नहीं होता.
5. खुद को खो देना
अगर आप अपने मन की बातें कहने से डरने लगे हैं, अपनी इच्छाओं को दबाने लगे हैं और हर बार उनकी पसंद के हिसाब से चलने लगें, तो यह भी एक गंभीर संकेत है.
6. अपनों से दूर होना : अगर आपने अपने दोस्तों या परिवार से दूरी बना ली है, सिर्फ इसलिए कि आपका पार्टनर नाराज़ न हो, तो यह एक बड़ी समस्या है.
Also Read: पेट साफ रखना है तो, रोज दही में मिलाकर खाइए ये चीज, सारी पेट की गंदगी निकलेगी बाहर
इससे बाहर कैसे निकलें?
सबसे पहले खुद से सच बोलिए. अगर आपको लगता है कि आप खुश नहीं हैं, तो चुप न रहें. किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य या काउंसलर से बात करें. टॉक्सिक रिश्ते को सुधारना तब ही संभव है जब दोनों लोग बदलने को तैयार हों.
ध्यान रहे
अगर सिर्फ आप ही कोशिश कर रहे हैं और सामने वाला कोई बदलाव नहीं लाना चाहता, तो खुद को और अपनी मानसिक शांति को इंपोर्टेंस दें. रिश्ते में रहकर दुख झेलने से बेहतर है, थोड़े समय के लिए अकेले रहना क्योंकि वही आपको दोबारा सुकून और आत्म-सम्मान की तरफ ले जा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)