Shefali Jariwala Death: क्या एंटी एजिंग मेडिसिन से बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? क्या कहते हैं डॉक्टर

अनवेरिफाइड रिपोर्ट्स के अनुसार शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) एंटी-एजिंग दवाओं का उपयोग कर रही थीं, शायद बिना डॉक्टरी सलाह के, जिसने इस तरह के ट्रीटमेंट्स की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या वाकई यूथ-एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स, ग्लूटाथियोन और Vitamin C जैसे सप्लिमेंट्स जानलेवा हो सकते हैं, जानें - 

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Shefali Jariwala Death & Anti Aging Drugs: शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) की अचानक हुई मृत्यु के बाद, विशेषज्ञ बिना मेडिकल निगरानी के किए जा रहे यूथ-एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स (anti-ageing treatments) को लेकर सतर्कता की सलाह दे रहे हैं. अनवेरिफाइड रिपोर्ट्स के अनुसार, कहा जा रहा है कि वे एंटी-एजिंग दवाओं का उपयोग कर रही थीं, शायद बिना डॉक्टरी सलाह के, जिसने इस तरह के ट्रीटमेंट्स की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या वाकई यूथ-एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स, ग्लूटाथियोन और Vitamin C जैसे सप्लिमेंट्स जानलेवा हो सकते हैं, जानें - 

एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स में कई प्रकार के तत्व शामिल हो सकते हैं—जैसे एंटीऑक्सिडेंट सप्लीमेंट्स, ग्रोथ हार्मोन बूस्टर्स, टेस्टोस्टेरोन थेरेपी, NAD+ड्रिप्स और अन्य मेटाबॉलिक बूस्टर्स.

हालाँकि इनमें से कुछ थेरेपीज नई रिसर्च पर आधारित हैं, लेकिन अधिकांश अभी भी सही तरीके से रेग्युलेटेड नहीं हैं, खासकर तब जब इन्हें क्लीनिकल सेटअप के बाहर या बिना स्वास्थ्य जांच के लिया जाए.

इसी तरह, एनर्जी बढ़ाने या फैट लॉस के लिए लिए जाने वाले कुछ स्टिमुलेंट्स भी दिल की धड़कन में गड़बड़ी (arrhythmia) या अचानक कार्डियक अरेस्ट का जोखिम बढ़ा सकते हैं.

ऐसी दवाएं जो हार्मोन लेवल्स या मेटाबॉलिज़्म को प्रभावित करती हैं, वे ब्लड प्रेशर बढ़ा सकती हैं, हार्ट रिदम को बिगाड़ सकती हैं और कार्डियक अरेस्ट के खतरे को भी बढ़ा सकती हैं. ये दवाएं कभी भी कैजुअल या सेल्फ-प्रेस्क्राइब्ड तरीके से नहीं लेनी चाहिए.

डॉ. महनाज़ जहां का कहना है कि, “हर शरीर अलग होता है. किसी एक के लिए जो थेरेपी सही हो, वही दूसरे के लिए खतरनाक हो सकती है—खासतौर पर अगर छिपे हुए हृदय रोग मौजूद हों.”

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हार्मोनल थेरेपी, विशेषकर महिलाओं में HRT (हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी) या पुरुषों में एंड्रोजन थेरेपी, दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकती है. एफडीए ने भी पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरोन थेरेपी पर वॉर्निंग जारी की है.

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कुछ हार्मोनल कॉम्बिनेशन—जैसे ओरल एस्ट्रोजन-प्रोजेस्ट्रोन—ब्लड क्लॉट्स और हृदय रोगों के जोखिम से जुड़े होते हैं.
युवावस्था की चाह स्वाभाविक है, लेकिन स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना हमेशा ज़रूरी है.

आजकल दुनियाभर में बायोहैकिंग का चलन तेजी से बढ़ा है—जिसमें लोग विज्ञान, सप्लीमेंट्स, वियरेबल डिवाइसेस और यहां तक कि दवाओं के जरिए अपने शरीर को ‘अभिनव' बनाने और उम्र को धीमा करने की कोशिश कर रहे हैं.
NAD+ इंफ्यूजन से लेकर पेप्टाइड इंजेक्शंस तक, इसका लक्ष्य होता है—एनर्जी बढ़ाना, लुक्स को बेहतर बनाना और उम्र को लंबा करना.

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सोशल मीडिया, सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट्स और वेलनेस इंडस्ट्री की तेज़ी ने इस जुनून को और हवा दी है.
खासतौर पर मिलेनियल्स और जनरेशन Z, बिना डॉक्टर की सलाह के एक्सपेरिमेंट करने लगते हैं, जो अक्सर गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा होता है.

“यह एक खतरनाक भ्रांति है कि कोई भी चीज़ जो ‘नेचुरल' या ‘एंटी-एजिंग' कही जाए, वह पूरी तरह सुरक्षित होती है.”

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सेलेब्रिटी कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. महनाज़ जहां बेगम से इनपुट
(एस्थेटिक एक्सपर्ट, एंटरप्रेन्योर, Keradis की फाउंडर, बोर्ड-सर्टिफाइड कॉस्मेटिक प्लास्टिक एवं हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन, और Aterm Clinics – कोलकाता की मेडिकल डायरेक्टर)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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