International Family Day 2023: कब और क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल परिवार दिवस? जानें महत्व और इस साल की थीम

International Family Day: भारत में रिश्तों और परिवार को खास अहमियत दी जाती है, ऐसे में परिवार दिवस हमारे देश के लिए और भी खास हो जाता है. आइए जानते हैं कि कब से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई, इसका क्या महत्व है.

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International Family Day: भारत में रिश्तों और परिवार को खास अहमियत दी जाती है.

International Family Day 2023: परिवार के बिना जिंदगी अधूरी है. मां-बाप, भाई-बहन, दादा-दादी, नाना-नानी, पति-पत्नी सब मिलकर परिवार बनाते हैं. कहते हैं परिवार इंसान की ताकत होता है. परिवार की अहमियत को समझने और इसे सेलिब्रेट करने के लिए हर साल 15 मई को विश्व परिवार दिवस मनाया जाता है. भारत में रिश्तों और परिवार को खास अहमियत दी जाती है, ऐसे में परिवार दिवस हमारे देश के लिए और भी खास हो जाता है. आइए जानते हैं कि कब से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई, इसका क्या महत्व है और इस साल किस थीम पर इसे मनाया जाएगा.

इंटरनेशनल फैमिली डे का इतिहास | International Family Day History

पहली बार इंटरनेशनल फैमिली डे साल 1994 में मनाया गया था, लेकिन इस दिन की नींव 1989 में ही पड़ चुकी थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जीवन में परिवार की अहमियत को बताने के मकसद से 9 दिसंबर 1989 के 44/82 के प्रस्ताव में हर साल अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस मनाने की घोषणा की थी. बाद में साल 1993 में UNGA ने एक संकल्प में फैमिली डे के लिए 15 मई की तारीख तय कर दी और इसी के साथ इस दिन को मनाया जाने लगा.

 इंटरनेशनल फैमिली डे का महत्व | International Family Day Significance

इंटरनेशनल फैमिली डे को मनाने की शुरुआत करने के पीछे का कारण दुनियाभर में लोगों को परिवार से जोड़े रखना था. खासकर युवाओं को परिवार की अहमियत बताना भी इस दिन का मकसद है. फैमिली अलग अलग विचार रखने वाले लोगों को एकजुट करती है. साथ ही परिवार आपसी मतभेदों को भुलाकर प्रेम से रहने के लिए प्रेरित करता है और भावात्मक तौर पर परिवार में लोग एक दूसरे का सहारा बनते हैं और कोई अकेला नहीं रहता.

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इंटरनेशनल फैमिली डे 2023 थीम | International Family Day 2023 Theme

इस साल इंटरनेशनल फैमिली डे की थीम जनसांख्यिकी रुझान और परिवार है. यूनाइटेड नेशन्स के अनुसार 2022 के अंत में, दुनिया की आबादी आठ अरब लोगों तक पहुंच गई है. इसके 2050 में 9.8 बिलियन और 2100 में 11.2 तक पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो स्थायी शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के मैनेजमेंट की संभावनाओं के बारे में बढ़ती चिंता भी है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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