आयुर्वेद में शुगर, सूजन और पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है बिटर एप्पल, इसके बीज, पत्ता और जड़ भी औषधीय गुणों से भरपूर

Bitter Apple Ayurvedic Benefits: इसका फल छोटे तरबूज जैसा लगता है, ऊपर सफेद धारियां हैं, जो पकने पर पीले रंग की हो जाती हैं. हालांकि इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसके गुण शरीर को अंदर से साफ और मजबूत बनाते हैं.

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इसका न सिर्फ फल, बल्कि बीज, पत्ता और जड़ भी कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं.

Bitter Apple Benefits: हमारे देश में प्रकृति हमेशा से इलाज का बड़ा जरिया रही है. जब दवाइयां नहीं थीं, तब लोग जड़ी-बूटियों से ही बीमारियां ठीक करते थे. आज भी लोग देसी नुस्खों पर भरोसा करते हैं. इन्हीं में से एक है 'इंद्रायण' का पौधा, जो देखने में भले ही आम लगे, लेकिन इसके अंदर बहुत सारे औषधीय गुण छिपे हुए हैं. इसे आयुर्वेद में लंबे समय से दवाओं की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका न सिर्फ फल, बल्कि बीज, पत्ता और जड़ भी कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करते हैं. इसका फल छोटे तरबूज जैसा लगता है, ऊपर सफेद धारियां हैं, जो पकने पर पीले रंग की हो जाती हैं. हालांकि इसका स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसके गुण शरीर को अंदर से साफ और मजबूत बनाते हैं.

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अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, इंद्रायण को अंग्रेजी में बिटर एप्पल या सिट्रुलस कोलोसिंथिस भी कहा जाता है. इसमें कुकुर्बिटासिन, फ्लावोनॉइड्स, पॉलीफेनोल्स और अन्य कई जैविक तत्व होते हैं, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.

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बिटर एप्पल के फायदे (Benefits of Bitter Apple)

यह शरीर से गंदगी निकालता है, ब्लड शुगर कम करता है, सूजन घटाता है और पेट से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद होता है. यह प्राकृतिक तरीके से इम्यूनिटी बढ़ाता है और संक्रमण से बचाता है. वैज्ञानिकों ने भी इस पौधे पर काफी रिसर्च की है और माना है कि यह इंसानों और जानवरों दोनों के लिए उपयोगी हो सकता है.

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इस पौधे में कई औषधीय गुण हैं, जैसे एंटीऑक्सीडेंट, जो शरीर में जहरीले तत्वों को हटाता है, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं, एंटी-डायबिटिक, जो ब्लड शुगर कम करता है और एंटी-इंफ्लेमेटरी, जो सूजन को कम करता है.

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यह पौधा सिर्फ बीमारी में ही नहीं, सौंदर्य से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में भी 'उस्ताद' है. अगर किसी को मुंहासों की शिकायत हो या बालों में डैंड्रफ हो, तो उससे छुटकारा दिलाने में इसके फल का रस बहुत कारगर माना गया है. मोटापा घटाने के लिए भी इंद्रायण का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके बीजों को पीसकर फल के रस में मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से शरीर की चर्बी कम होती है.

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महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता आजकल आम बात हो गई है. इंद्रायण का रस और बीज मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से यह समस्या भी धीरे-धीरे ठीक हो सकती है. इसके साथ ही, गठिया के रोगियों को भी इंद्रायण से आराम मिलता है, क्योंकि इसमें सूजन और दर्द को कम करने वाले गुण होते हैं. अगर जोड़ों में सूजन हो या चोट की वजह से कहीं दर्द हो, तो इसका रस सीधे उस हिस्से पर लगाने से आराम मिलता है.

सांस की तकलीफों, जैसे निमोनिया में भी इंद्रायण का इस्तेमाल किया जाता है. इसका रस गुनगुने पानी के साथ लेने से खांसी-जुकाम में राहत मिलती है. पेशाब करते समय जलन जैसी समस्या होने पर इसकी जड़ का पाउडर गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से आराम मिलता है. हालांकि इसका कितनी मात्रा या कब प्रयोग करना है इसे लेकर चिकित्सीय परामर्श जरूरी है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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