ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को वर्कआउट नहीं करना चाहिए? जानिए इस बात में कितनी है सच्चाई

महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वर्कआउट नहीं करना चाहिए, इससे दूध बनना बंद हो जाएगा या दूध बनने में परेशानी होगी, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है आइए जानते हैं.

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Exercise and Breastfeeding myth and facts: ब्रेस्टफीडिंग दुनिया की हर मां के लिए एक खूबसूरत एहसास है. इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग किसी भी बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है. अगर बच्चा मां का दूध पीता है तो वह स्वस्थ और मजबूत होगा. लेकिन मौजूदा दौर में ब्रेस्टफीडिंग को लेकर कई सारे मिथ हैं. ब्रेस्टफीडिंग वीक के मौके पर हम मिथ और फैक्ट के बारे में आपको बताएंगे. महिलाएं अक्सर सोचती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान वर्कआउट नहीं करना चाहिए, इससे दूध बनना बंद हो जाएगा या दूध बनने में परेशानी होगी, लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है आइए जानते हैं.

ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को वर्कआउट करना चाहिए? (Should breastfeeding women workout?)

बदलती आधुनिक दुनिया में नई मां को चिंता रहती है कि ब्रेस्टफीडिंग करवाएंगी तो उनका फिगर खराब हो सकता है. ऐसे में उनके लिए यह जान लेना बहुत जरूरी है कि ब्रेस्टफीडिंग के मिथ क्या हैं और इसकी सच्चाई क्या है? क्या ब्रेस्टफीडिंग से फिगर खराब होता है, या बच्चे के लिए इसके फायदे ही फायदे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग करानी चाहिए, चाहे वह वर्कआउट कर रही हैं तो भी. इसका उनके दूध के बनने से कोई लेना देना नहीं है.

एक्सरसाइज करने वाली महिलाओं के दूध की क्वालिटी पर असर पड़ता है इस बात को लेकर भी कोई प्रमाण नहीं है. बल्कि एक्सरसाइज दूध के उत्पादन को और बढ़ा सकता है. इसलिए यह मिथ है कि वर्कआउट ब्रेस्टफीडिंग के लिए बाधा बन सकता है. महिलाओं के लिए इससे जुड़े मिथ और फैक्ट क्लियर होने चाहिए.

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वर्कआउट के दौरान किन बातों का रखना होगा ध्यान

एक्सरसाइज करने के कई फायदे हैं. अगर मां अपने बच्चों को दूध पिलाती है और इस दौरान वह अगर एक्सरसाइज भी करती है तो उसे कई सारे फायदे मिलेंगे. अक्सर नई मां में डिप्रेशन देखा जाता है, ऐसे में अगर वह एक्सरसाइज करेंगी तो एंडोर्फिंस रिलीज होंगे जो तनाव को कम कर सकते हैं.

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एक्सरसाइज करने से एनर्जी मिलती है और मेंटल हेल्थ काफी अच्छा रहता है, मेंटल हेल्थ में काफी सुधार दिखता है. इसके अलावा मूड भी बेहतर होता है, जो की मां और बच्चे के लिए बहुत जरूरी है. आपको कम मेहनत वाली एक्टिविटी शुरू करनी चाहिए. 10 से 15 मिनट की कम प्रभाव वाली कार्डियो एक्टिविटी जैसे पैदल चलने और तैराकी से शुरुआत कर सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट डिलीवरी के 6 सप्ताह बाद तक हल्की एक्सरसाइज करने और उसके बाद धीरे-धीरे इसे बढ़ाने की सलाह देते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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