How to Reverse Prediabetes: प्री-डायबिटीज रोगी हैं तो घबराएं नहीं, इन तरीकों से कर सकते हैं इसे रिवर्स

डायबिटीज का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं. ये ऐसी बीमारी है जिसकी दवाएं ताउम्र खानी पड़ती हैं. इसलिए प्री-डायबिटीज होने पर सतर्क हो जाना चाहिए. खास तरह की डाइट और एक्सरसाइज से प्री-डायबिटीज स्थिति में इस बीमारी को रिवर्स किया जा सकता है.

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प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने के आयुर्वेदिक तरीके | Ayurvedic Tips to Reverse Pre-Diabetes

How to reverse prediabetes: डायबिटीज को साइलेंट किलर कहा जाता है. इस बीमारी के हो जाने पर, दूसरी कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. एक बार डायबिटीज हो जाने पर इसे रिवर्स नहीं किया जा सकता. पर प्री-डायबिटीज की स्थिति में यह संभव है. डॉक्‍टर्स कहते हैं कि प्री-डायबिटीज हो जाएं तो तुरंत लाइफस्टाइल, खानपान में बदलाव करके इसे कंट्रोल किया जा सकता है और इस कंडीशन को रिवर्स किया जा सकता है. इस लेख में जानें प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने के तरीके, जिनमें मुख्य तौर पर डाइट में बदलाव शामिल हैं और व्यायाम करना जरूरी है.

प्री-डायबिटीज रोगी हैं तो घबराएं नहीं, इन तरीकों से कर सकते हैं इसे रिवर्स

प्री-डायबिटीज क्‍या है (What is Pre-Diabetes Condition)

दुनिया भर में करोड़ों लोगों को प्री-डायबिटीज है. प्री-डायबिटीज ऐसी स्थिति होती है, जिसमें ब्लड शुगर लेवल, नॉर्मल स्तर से ज्यादा होता है. लेकिन इतना भी ज्यादा नहीं होता कि डायबिटीज मान लिया जाए. अगर प्री-डायबिटीज का समय से इलाज ना कराया जाए, खानपान आदि का ध्यान न रखा जाए तो यह डायबिटीज में बदल जाता है. लेकिन जो लोग ब्लड शुगर को नॉर्मल रख पाते हैं और लाइफस्टाइल में बदलाव कर लेते हैं, वे डायबिटीज के खतरा को टाल सकते हैं.

प्री-डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of pre diabetes)

प्री-डायबिटीज के लक्षण उसी तरह के होते हैं जो डायबिटीज के होते हैं. जैसे ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना, थकान महसूस होना. दरअसल, शरीर में जब इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता तो ऊर्जा कम होने लगती है. इसके अलावा अचानक वजन बढ़ना जिसमें बैली फैट अधिक दिखता है, त्वचा के रंग में बदलाव होना जैसे गर्दन में काले धब्बे दिखना, धुंधली दृष्टि हो जाना, भूख अधिक लगना भी प्री-डायबिटीज के लक्षणों में शामिल हैं.

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प्री-डायबिटीज को कैसे रिवर्स करें (How to reverse prediabetes)

लाइफस्‍टाइल में कुछ बदलावों की मदद से बिना दवाई लिए भी प्री-डायबिटीज को रिवर्स किया जा सकता है-
- खानपान पर नियंत्रण बहुत जरूरी है. बार-बार मत खाएं. 3 से 5 घंटे के गैप के बाद ही भोजन करें. बैलेंस्ड डाइट लें.
- रोजाना एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. एरोबिक्स, साइकिलिंग, वॉकिंग करें.
- शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट कम करें. तला-भुना, बाहर का खाना छोड़ दें. फाइबर युक्त चीजों का ज्यादा सेवन करें. इससे पेट लंबे समय तक भरा रहेगा. सब्जियों, फलों, साबुत अनाज का सेवन करें.
- भरपूर नींद लें. समय पर सोएं, सुबह जल्दी उठें. 7 से 8 घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी है.
- लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों का सेवन शुरू करें. जैसे केला, हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं. दालों का सेवन करें.
- मीठा, फैट वाले फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स आदि का सेवन बिलकुल न करें.
- इंटरमिटेंट फास्टिंग करें. निश्चित समय पर खाना खाएं. किसी एक्‍सपर्ट की सलाह से ऐसा करें.
- स्मोकिंग से इन्फ्लेमेशन बढ़ती है और इंसुलिन की फंक्शनिंग प्रभावित होती है. इसलिए स्मोकिंग ना करें.
- शरीर में ज्यादा सोडियम ना हो, इसका ध्यान रखें. क्‍योंकि इससे रक्तचाप बढ़ सकता है. भोजन में नमक कम खाएं. प्रति दिन 3 ग्राम तक नमक का सेवन करें. नमकीन, अचार, पापड़ आदि से परहेज करें.
- अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल या हाई बीपी है, तो उसे भी नियंत्रण में रखना होगा.
- पोटेशियम युक्त चीजों का अधिक सेवन करें. डिब्बाबंद सामग्री बिल्कुल न खाएं.
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें. आलस छोड़ दें. इससे वजन नियंत्रित रहेगा, ब्लड ग्लूकोज लेवल भी रेगुलेट रहेंगे. एक्सरसाइज, योग, पसंदीदा खेल आदि कुछ भी करें पर पूरे दिन एक्टिव रहें.
- अगर मीठा खाने की बहुत इच्छा है तो प्राकृतिक शुगर जैसे शहद, गुड़ या खजूर का सेवन कर सकते हैं. पर सीमित मात्रा में. फ्रूट जूस से परहेज करें.

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प्री-डायबिटीज को रिवर्स करने के आयुर्वेदिक तरीके | Ayurvedic Tips to Reverse Pre-Diabetes


प्री-डायबिटीज रिवर्स करने के लिए इन आयुर्वेदिक तरीकों को अपना सकते हैं-  

- मेथी दाने का सेवन करें. इससे डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल,  दोनों कंट्रोल होता है. इसके लिए एक चम्मच मेथी पाउडर खाली पेट या सोते समय गर्म पानी के साथ ले सकते हैं. या फिर रात भर 1 चम्मच मेथी दानों को भिगोकर,  अगली सुबह खाली पेट पानी के साथ ले सकते हैं.
- काली मिर्च ब्लड शुगर लेवल कम करने में मददगार मानी गई है. इसमें पाइपेरिन होता है जो ब्लड शुगर को संतुलित करने में सहायता करता है. 1 कुटी हुई काली मिर्च को 1 चम्मच हल्दी के साथ मिलाकर खाली पेट या रात के खाने से 1 घंटे पहले लिया जा सकता है.
- दालचीनी का सेवन शुरू करें. यह भोजन के बाद ब्लड शुगर के स्पाइक्स को कम करने में मददगार मानी गई है. 1 चम्मच दालचीनी पाउडर में चौथाई चम्मच हल्दी, आधा चम्मच मेथी पाउडर मिलाकर खाली पेट सेवन करना चाहिए. दालचीनी की चाय बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है.
- अदरक बहुत फायदेमंद है. यह एंटीडायबिटिक, एंटी-ऑक्सीडेटिव गुणों से युक्त होता है. भोजन से 1 घंटे पहले या एक घंटे बाद अदरक के पानी का सेवन कर सकते हैं.
- निशा आमलकी का सेवन करें. निशा (टर्नरिक) और आमलकी (आंवला). इसे आयुर्वेदिक डॉक्टर डायबिटीज के इलाज में प्रयोग करते हैं. यह शुगर लेवल को संतुलित कर सकता है. यह कफ को कम करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है. इसके प्रयोग के लिए आंवला पाउडर लें. उसमें बराबर मात्रा में हल्दी मिलाएं. इसका 1 चम्मच खाली पेट सेवन करना शुरू करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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