Tips for Stubborn Babies: जिद्दी बच्चों की परवरिश में माता-पिता बहुत परेशान हो जाते हैं. उनका चिड़चिड़ापन और अपनी बात को मनाने के चक्कर में बच्चें उनको समझ नहीं पाते. ऐसे में अपनी बातें बच्चों को समझाना पैरेंट्स के लिए एक चुनौती से कम नहीं है. इसके चलते धीरे-धीरे बच्चों पर से पैरेंट्स का पूरा नियंत्रण चला जाता है. ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को समझदार बनाने के लिए माता-पिता भी थोड़ी समझदारी के साथ अपने बच्चों से पेश आएं. क्योंकि अगर वह भी अपने बच्चों से बुरा व्यवहार करने लगेंगे तो बात और बिगड़ सकती है. ऐसे में जानना जरूरी है कि जिद्दी बच्चों (Ziddi bachche) की परवरिश करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
जिद्दी बच्चों की परवरिश करते हुए रखें ये ध्यान (Tips to Control Stubborn Baby with Love and Care)
1- उनकी सुनें, गुस्सा न करें
अगर आपका बच्चा आपकी एक भी बात नहीं मानता है आपकी नहीं सुनता है तो आपको भी ऐसा ही व्यवहार अपने बच्चे के साथ नहीं करना है. आपको उसकी बातों को सुनना है अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी सुनें तो सबसे पहले आपको खुद उनकी बात ध्यान से सुननी होगी. तभी आप दोनों के बीच सामंजस्य बैठ पाएगा. अगर आपके सामने बच्चे अपनी राय पेश कर रहे हैं तो आपको उनकी राय को महत्व देना चाहिए नहीं तो बहस होने लगेगी और बच्चे और ज्यादा जिद्दी हो जाएंगे.
2. बच्चों पर न डालें किसी बात का दबाव
अगर आप अपने बच्चों पर किसी बात को लेकर दबाव डालते हैं, तो उनका स्वभाव अपनी बात मनवाने के लिए विद्रोही हो जाता है और यही व्यवहार आगे जाकर खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए किसी भी बात को लेकर अपने बच्चों के साथ जबरदस्ती न करें. इसके साथ ही वे जो काम कर रहें हैं उसमें अपनी भी रूचि बनाएं इससे बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ कनेक्टेड फील करते हैं.
3. बच्चों को न दें आदेश
अपने बच्चों को आदेश देने के बजाय उन्हें विकल्प दें. उनसे उनकी राय लें. मान लीजिए आपने अपने बच्चे को जल्दी सोने के लिए कहा है लेकिन वो नहीं मान रहा है, तो आप उसे ऑप्शन दें सकते है. जैसे कि उसे कौन सी स्टोरीज सुनना पसंद है. उन्हें आदेश देने की बजाय विकल्प देना ज्यादा बेहतर होगा. अगर ऐसे में भी बच्चा आपकी बातों को न समझे तो गुस्से में आकर उन्हें चिल्लाएं नहीं बल्कि अपनी बात उन्हें समझदारी के साथ समझाएं. अगर वे सोने, पढ़ाई या आपकी किसी भी बात के लिए मना करें, तो उनके कहें ये विकल्प तो आपके पास है ही नहीं. कुछ समय तक बच्चा आपकी बात टाल सकता है लेकिन आखिर में वो अपनी जिद्द छोड़ देगा.
4. बच्चों के साथ बराबरी से लड़ाई न करें शांत रहें
अगर आप बात-बात पर अपनी बात चिल्लाकर या गुस्से में कहेंगे तो आपका बच्चा इससे और जिद्दी होता जाएगा और उसके व्यवहार में भी गुस्सा और चिड़चिड़ापन आएगा. इसलिए बच्चे के साथ बराबरी से लड़ाई न करें. बल्कि अपनी बात को शांत रहकर समझाने की कोशिश करें.
5. बच्चों को भी दें सम्मान
अगर आप अपने बच्चों को सम्मान देते हैं तो बच्चे भी आपकी बातों को समझते हैं और उनका सम्मान करते हैं. अगर आप अपने बच्चे पर कोई बात को थोपते हैं तो ये बात उन्हें बर्दाश्त नहीं होती. अगर आपका बच्चा आपको कुछ बताता है तो उन बातों को तुरंत खारिज न करें. ऐसा करने से उन्हें दुख पहुंचता है. अपना भरोसा उन पर बनाएं और उनको भी इस बात का एहसास कराएं कि आप अपने बच्चे पर पूरा भरोसा करते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)