How To get Rid Of Laziness: गर्मी के मौसम में सुस्ती आना एक बड़ी समस्या है. खासतौर से दिन के खाने के बाद दफ्तर में एसी या कूलर की ठंडी हवा मिले तो बस मन होता है कि एक झपकी मार ही ली जाए. अगर झपकी मारने का मौका नहीं मिलता तो बहुत देर तक उनींदापन लगते रहना. बार बार नींद के झोंके आना आम बात हो जाती है. उन लोगों के लिए ये समय सबसे मुश्किल भरा रहता है जिन्हें ऑफिस में बैठकर काम करना है. एक तो पेट भरकर खाना उसके बाद कुर्सी पर बैठ जाना, ये दोनों बातें गर्मियों की बोझिल दोपहर में सुस्ती को बड़े प्यार से न्योता देते हैं. ऐसे हालात में क्या किया जाए. चलिए आपको बताते हैं कुछ ऐसे टिप्स जिनकी मदद से आप सुस्ती को छूमंतर कर सकते हैं.
आलस भगाने की क्विक ट्रिक्स | Quick Tricks To Overcome Laziness
1) फल जरूर खाएं
अगर आपके लिए भी गर्मियों की दोपहर बोझिल और सुस्ती भरी होती है तो फलों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें. जो भी मौसमी फल उपलब्ध हों उन्हें लंच से कुछ देर पहले खा लें. इससे भूख कम होगी और एक साथ बहुत ज्यादा खाना नहीं खाएंगे. शरीर भी हाइड्रेट रहेगा जिससे सुस्ती आसपास नहीं फटकेगी.
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2) सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं
आमतौर पर जब हम खाना खाते हैं तो दाल चावल सब्जी रोटी से सजी थाली या टिफिन रखते हैं. गर्मियों में इस थाली में सिर्फ इतना परिवर्तन करें कि रोटी की संख्या कम करके सब्जी की मात्रा बढ़ा लें. इससे भी सुस्ती का असर कम होगा.
3) पानी की कमी न होने दें
शरीर जितना हाइड्रेट रहेगा उतना ही कम सुस्ती महसूस होगी. इसलिए फल और सब्जियों के अलावा इलेक्ट्रॉल या ऐसा कोई पेय पदार्थ जरूर पीने की आदत डालें जो शरीर में पानी की मात्रा बना कर रखे.
4) मसालेदार खाने से बचें
ये ध्यान रखें कि सुस्ती की बड़ी वजह गर्मी और खाना दोनों होते हैं. गर्मी की दोपहर में जितना भारी खाना खाएंगे उतना ही सुस्त होंगे. इसलिए ऑफिस के टिफिन में सादा खाना ले जाने की आदत डालें.
5) थोड़ा ब्रेक लें
खाना खाने के एकदम बाद काम करने न बैठें. लंच खत्म करने के बाद काम से थोड़ा ब्रेक लें. फिर काम करने बैठें. लंच के बाद एक एक घंटे के अंतराल में थोड़ा थोड़ा ब्रेक लेकर थोड़ा चलें. इससे ब्लड सर्कुलेशन ठीक होगा और फुर्तीला महसूस करेंगे.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.