Health Tips: बचपन से आपने यही सुना होगा कि आपके शरीर में एक दिल है, जो धड़कता है और जब तक ये दिल पूरी सेहत के साथ सुचारू रूप से धड़क रहा है तब तक हर इंसान की सांस चल रही है. अब अगर कोई आपसे कहे कि आपके शरीर में एक नहीं दो दो दिल होते हैं तो क्या आप यकीन कर पाएंगे. शायद नहीं. क्योंकि, हर शख्स ये अच्छे से जानता कि दिल तो शरीर में एक ही होता है लेकिन हम सबके शरीर का एक अहम अंग ऐसा भी है जो दिल की तरह ही इंपॉर्टेंट है. जिस तरह दिल एक मसल है उसी तरह ये अंग भी एक मसल ही है. जो सेहतमंद और सही रहना बहुत जरूरी है. ये अंग है इंसानी शरीर की काफ मसल (Calf Muscles) जिसे पिंडली भी कहा जाता है.
क्यों कहलाती है सेकंड हार्ट? Why Calf Muscles Are Called As Second Heart
काफ मसल यानी कि पैर के निचले हिस्से का पीछे वाला पोर्शन, इसे आम बोलचाल की भाषा में पिंडली भी कहा जाता है. शरीर के इसी हिस्से को सेकंड हार्ट भी कहा जा सकता है. क्योंकि, इन मसल्स का काम भी उतना ही इंपोर्टेंट है.
क्या करती हैं काफ मसल?
हम सबके पैरों में वॉल्व्स होते हैं जो बैक फ्लो को प्रिवेंट करते हैं. अगर इनमें से कोई भी वॉल्व डैमेज होता है तो खून जमा होने लगता है.
काफ मसल जितनी बार कॉन्ट्रेक्ट होती है वो पैरों के ब्लड को पंप होने में मदद करती है और उन्हें दिल तक भेजती है यानी कि इस मसल का कॉन्ट्रेक्शन ग्रेविटी के अगेंस्ट जाकर पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू बनाए रखती है. इसलिए काफ मसल्स में मौजूद नसों के चलते इस हिस्से को दूसरे दिल की संज्ञा दी जाती है. क्योंकि ये हार्ट की तरह ही खून को डिस्ट्रीब्यूट और पंप करती हैं.
काफ मसल को कैसे रखें एक्टिव?
काफ मसल का काम कितना मुश्किल है ये आप समझ ही चुके होंगे. इस मसल में मौजूद वॉल्व अपना काम ठीक तरह से करते रहें, इसके लिए जरूरी है कि काफ मसल को एक्टिव रखा जाए. इस मसल को एक्टिव रखना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है. छोटी छोटी कोशिशों से काफ मसल को एक्टिव बनाया जा सकता है. इसका सबसे अच्छा तरीका है नियमित रूप से वॉक करना.
जो लोग अपने काम के लिए लॉन्ग सिटिंग करने पर मजबूर हैं, उन्हें अपने पैर, टखने के पास से ऊपर नीचे मूव करते रहना चाहिए और घुटने के जोड़ से भी पैरों को हिलाते रहना चाहिए. इससे पैरों में खून को जमा होने से रोका जा सकता है.
क्या होते हैं फायदे?
काफ मसल एक्टिव रहेगी तो आपके पैरों में स्वेलिंग आने की समस्या दूर होगी. वेरिकोज वैन्स का खतरा टलेगा. इसके अलावा डीप वेन थ्रंबोसिस भी नहीं होगा और पैरों में होने वाली थकान और खिंचाव से भी राहत मिलेगी.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)