Hair Treatment: माइग्रेन के मरीजों के लिए हानिकारक हो सकते हैं ये हेयर केयर ट्रीटमेंट

Hair Treatment: हेयर ट्रीटमेंट का निगेटिव असर दिमाग पर भी पड़ सकता है. माइग्रेन जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों को ये केमिकल हेयर ट्रीटमेंट ज्यादा बीमार कर सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
Hair Treatment: अगर माइग्रेन से हैं पीड़ित तो इन हेयर ट्रीटमेंट्स से बनाएं दूरी.

Hair Treatment Side Effects: बालों को सेहतमंद और सुंदर बनाने लिए आजकल बाजार में कई तरह के हेयर ट्रीटमेंट आ रहे हैं. ये बालों को सिल्की, स्मूद और चमकदार बना देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन हेयर ट्रीटमेंट का निगेटिव असर दिमाग पर भी पड़ सकता है. जी हां माइग्रेन जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों को ये केमिकल हेयर ट्रीटमेंट ज्यादा बीमार कर सकते हैं. यानी अगर आपको माइग्रेन की शिकायत है तो आपको इन केमिकल युक्त हेयर ट्रीटमेंट्स से दूर रहना चाहिए.

केमिकल युक्त हेयर ट्रीटमेंट्स होने वाले नुकसान-

चलिए जानते हैं कि हेयर केयर ट्रीटमेंट माइग्रेन को कैसे और क्यों ट्रिगर करते हैं. अधिकतर हेयर ट्रीटमेंट्स में प्राकृतिक उत्पादों की बजाय केमिकल फार्मूले पर आधारित उत्पाद मिलाया जा रहा है. यानी अगर आपके हेयर ट्रीटमेंट में कई तरह के केमिकल यूज किए हैं तो ये बालों की जड़ों में जाकर सीधा दिमाग पर असर करते हैं और इससे माइग्रेन का दर्द ट्रिगर हो सकता है यानी दर्द शुरू हो सकता है. हेयर ट्रीटमेंट ही नहीं बाजार में कई ऐसे शैंपू भी हैं जिनके उपयोग से माइग्रेन ट्रिगर होने की संभावना बढ़ जाती है.  

डबल चिन से छुटकारा पाने के लिए आसान उपाय

चलिए जानते हैं कि हेयर केयर ट्रीटमेंट माइग्रेन को कैसे और क्यों ट्रिगर करते हैं.Photo Credit: iStock

हेयर केयर ट्रीटमेंट में फॉरमेल्ड हायडे नामक केमिकल यूज किया जाता है जो कैंसर की संभावना बढ़ाने वाले तत्व के रूप में जाना जाता है. बालों की चमक बढ़ाने, खूबसूरती लाने और उनको स्मूद करने के लिए पॉपुलर हो रहे केराटिन ट्रीटमेंट में यही फारमेल्डहायडे केमिकल यूज किया जाता है. 

आजकल बालों की चमक और मजबूती बढ़ाने हेयर स्ट्रेटनिंग और री-बॉन्डिंग के साथ साथ केराटिन ट्रीटमेंट भी काफी पॉपुलर हो रहा है. इसके अलावा बालों की ग्रोथ को बढ़ाने के लिए हेयर स्पा सेंटरों में पीआरपी, मिजो थैरेपी, मेडिकेटेड ट्रीटमेंट और इंजेक्शन आदि की सुविधा दी जा रही है और लोग बिना इनका परीक्षण किए इन्हें उपयोग में ला रहे हैं. 

Gut Health: सर्दियों में बिगड़ सकती है पेट की सेहत! गट हेल्थ और डायजेशन को इंप्रूव करने के लिए इन योगासनों को आजमाएं

ये सभी ट्रीटमेंट बालों की जड़ों के लिए काफी खतरनाक हैं क्योंकि ये बालों की जड़ों के जरिए और आंख नाक कान के जरिए शरीर में घुलकर माइग्रेन, आई इन्फेक्शन, बैचेनी, उल्टी, संक्रमण, त्वचा एलर्जी, खांसी जुकाम, छाती में दर्द आदि का कारण बन सकते हैं. 

Advertisement

अगर किसी व्यक्ति को माइग्रेन है तो उसे केराटिन और खासतौर पर हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी नहीं कराने की सलाह दी जाती है. दरअस इन दोनों ही ट्रीटमेंट में जब केमिकल हेयर फॉलिकल्स पर लगता है तो इम्यून सिस्टम अलर्ट होकर हेयर फॉलिकल्स पर हमला कर देता है. इससे बालों की जड़ें कमजोर होती हैं और इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है और माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है. 

अगर आपको माइग्रेन है तो आपको ऐसे हेयर ट्रीटमेंट्स से दूर रहना चाहिए, जिनमें केमिकल यूज हो रहा हो. इसमें केराटिन, कायस्टीन, हेयर स्ट्रेटनिंग, स्मूदनिंग, रीबॉन्डिंग, हेयर बोटोक्स, हेयर ट्रांसप्लांट और हेयर वीविंग शामिल हैं.

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
GST घटा तो आपकी रोज की चीजों पर कितना घटेगा दाम? | PM Modi | NDTV India