गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने 13 वर्षीय लड़की के दाएं अंडाशय से 8.5 किलोग्राम का एक बड़ा ट्यूमर निकालकर उसे जीवनदान दिया है. आपको बता दें कि गुरुग्राम की रहने वाली 9वीं कक्षा की छात्रा को पेट में सूजन और हल्की तकलीफ के बाद गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया. लड़की इस समस्या से पिछले तीन माह से पीड़ित थी. इन सबसे लड़की को भूख न लगने के साथ डेली एक्टिविटी में परेशानी आ रही थी. शुरुआती अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उसके पेट के अधिकांश हिस्से में एक ट्यूमर है. सीटी स्कैन से उसके दाहिने अंडाशय में 8.5 किलोग्राम के एक बड़े ट्यूमर का पता चला.
प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मिला सोलंकी की टीम ने एक एक्सप्लोरेटरी लैपरोटोमी का ऑप्शन चुना. सामान्य एनेस्थीसिया के तहत की जाने वाली यह सर्जिकल प्रोसेस पेट के अंगों की प्रत्यक्ष जांच करने तथा बीमारी की सीमा और फैलाव का निर्धारण करने के लिए आवश्यक है. ऑपरेशन के दौरान दाहिनी ओर सल्पिंगो-ओओफोरेक्टॉमी नामक एक विशिष्ट प्रक्रिया भी की गई, जिसमें अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को निकाला गया.
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डॉ. शर्मिला ने आईएएनएस को बताया, ''यह कदम ट्यूमर के अंदर छिपे हुए कारण को जानने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण था कि किसी भी रोगग्रस्त टिशू को प्रभावी ढंग से संभाला जा सके.'' इस प्रोसेस से लक्षणों में भी कमी आई और गांठ से जुड़ी परेशानियों को रोका जा सका. आपको बता दें, बायीं ओर का अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब के साथ ही उसका लीवर और पेट की बाकी कैविटी सामान्य पाई गई.
डॉक्टर ने कहा, ''लड़की स्वस्थ है. छह सप्ताह पहले उसकी सफल सर्जरी की गई थी. वहीं हाल ही में किए गए पीईटी सीटी स्कैन में बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आए. उसकी रिकवरी बिना किसी परेशानी के हुई. वह अपनी रिकवरी के लिए रेगुलर डॉक्टरों की निगरानी में है.'' महिलाओं के पूरे स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और हार्मोनल बैलेंस के लिए ओवरी के स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है.
स्वस्थ अंडाशय को बढ़ावा देने के लिए डॉ. शर्मिला ने महिलाओं को एंटी-ऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर बैलेंस डाइट लेने, रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी में शामिल होने, धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचने, तनाव के लेवल को कंट्रोल करने और पर्याप्त नींद लेने जैसी हेल्दी हैविट अपनाने की सलाह दी. इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को किसी भी संभावित समस्या का जल्द पता लगाने और तुरंत चिकित्सा सहायता लेने के साथ पीरियड में किसी भी असामान्य लक्षण या बदलाव का अनुभव होने पर जांच करवाने की आवश्यकता पर बल दिया है.
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