काला, हरा या सफेद किस रंग का है आपका मल? इस तरह का मल है खतरे की घंटी...

What stool color indicates? कभी-कभी, मल रंग, बनावट, मात्रा और गंध में अलग-अलग होता है, ये सेहत से जुड़ा संकेत हो सकता है. आइए जानते हैं कि किस तरह का मल बीमारी का संकेत देता है, असामान्य मल के क्या कारण होते हैं और इसमें सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए.

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Stool Color Changes and Chart: What Does It Mean? अपने मल का रंग देखकर जानें, आपको है कौन सी बीमारी

What stool color indicates? आमतौर पर ये माना जाता है कि यूरिन का रंग हमारे स्वास्थ्य का संकेत देता है. यानी यूरिन का रंग और मात्रा इस बात का संकेत देते हैं कि हम कितने हेल्दी हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे मल का रंग या स्टूल का कलर भी हमारी सेहत का हाल बताता है. कभी-कभी, मल रंग, बनावट, मात्रा और गंध में अलग-अलग होता है, ये सेहत से जुड़ा संकेत हो सकता है. आइए जानते हैं कि किस तरह का मल बीमारी का संकेत देता है, असामान्य मल के क्या कारण होते हैं और इसमें सुधार के लिए क्या किया जाना चाहिए.

कैसा होता है नॉर्मल स्टूल (How is normal stool)

मध्यम से गहरा भूरे रंग, दर्द रहित, तेज गंध वाला और मल के एक ही टुकड़े या कुछ छोटे टुकड़ों में मल त्यागने को स्वस्थ आंत का संकेत माना जाता है. मल का लंबा, सॉसेज जैसा आकार आंतों के आकार के कारण होता है. हर दिन एक या दो बार मल त्याग करना सामान्य है.

मल त्यागने में कितना समय लगना चाहिए? (How long should it take to have a bowel movement?)

मल त्यागने में 10-15 मिनट का समय लगना चाहिए. जो लोग इससे अधिक समय लेते हैं उन्हें कब्ज, बवासीर या कोई अन्य स्थिति हो सकती है.

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मल के ये रंग हैं खतरे का संकेत | आपके मल का रंग आपके स्वास्थ्य के बारे में क्या बता सकता है? (What Do Different Poop Colors Mean? | Stool color: When to worry)

1. काला रंग

काला मल, खासकर अगर उनमें टार जैसा दिखता है, तो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का संकेत देता है. अधिक मात्रा में काले रंग के खाद्य पदार्थ खाने से भी यह रोग हो सकता है.

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2. सफेद रंग

अगर मल सफेद, भूरा या पीला है, तो व्यक्ति को लिवर या पित्ताशय की समस्या हो सकती है, क्योंकि पीला मल पित्त की कमी का संकेत देता है. कुछ डायरिया-रोधी दवाएं सफेद मल का कारण बनती हैं.

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3. हरा रंग

पालक, केल या दूसरे हरे खाद्य पदार्थ हरे मल का कारण बन सकते हैं. हालांकि, हरे रंग का मल मल में बहुत अधिक पित्त और अपर्याप्त बिलीरुबिन का संकेत दे सकता है.

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असामान्य मल का क्या कारण है? (What is the cause of abnormal stool?)

स्ट्रेस

स्ट्रेस, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) जैसी स्थितियों को ट्रिगर कर सकता है. यह प्रभावित कर सकता है कि भोजन शरीर के माध्यम से कितनी तेजी से आगे बढ़ता है, जो कुछ लोगों के लिए दस्त या कब्ज का कारण बन सकता है.

डिहाइड्रेशन

पर्याप्त पानी न पीने से कब्ज हो सकता है, क्योंकि मल को पाचन तंत्र के माध्यम से अधिक आसानी से पास होने के लिए नमी की जरूरत होती है. बहुत अधिक कैफीन और अल्कोहल डिहाइड्रेशन का कारण बन सकते हैं.

डायट्री फाइबर की कमी

फाइबर मल को उसका आकार देने के लिए एक जरूरी तत्व है. फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और दालों जैसे फाइबर वाले फूड्स की कम मात्रा वाले आहार से आंत से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.

एलर्जी

लैक्टोज इनटोलरेंस वाले लोग अक्सर डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करने पर दस्त का अनुभव करते हैं, जबकि सीलिएक रोग वाले लोगों में ग्लूटेन के प्रति सेंसिटिव होते हैं.

मेडिकल कंडीशन

कुछ स्थितियां कब्ज, दस्त, या मल संबंधी दूसरे असामान्यताएं पैदा कर सकती हैं, ऐसी स्थितियों के में शामिल हैं:

  • डिप्रेशन
  • कैंसर
  • अतिसक्रिय या अल्पसक्रिय थायरॉयड
  • इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
  • पार्किंसंस रोग

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डॉक्टर से कब मिलें?

अगर किसी व्यक्ति को मल में बदलाव 2 सप्ताह या उससे अधिक समय तक बना रहता है, तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. मल चमकदार लाल, काला या चिपचिपा पदार्थ है तो तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत है. ये लक्षण खून की कमी का संकेत देते हैं, जिसका इलाज न किए जाने पर समस्या गंभीर हो सकती है

कैसे रखें आंतों का ख्याल (How to ensure healthy bowels)

  • फाइबर की रिकमंडेड न्यूनतम दैनिक मात्रा 22-34 ग्राम हर दिन लें.
  • हर दिन कम से कम 3 लीटर पानी पिएं.
  • प्रोबायोटिक्स आंत में बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन को बहाल करने में मदद कर सकते हैं. दही जैसे इसके नेचुरल सोर्स लें या इसका सप्लीमेंट भी ले सकते हैं.
  • मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड अक्सर कब्ज का इलाज करता है. यह अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित है.
  • धूम्रपान बंद करें, एक्सरसाइज करें और पर्याप्त नींद लें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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