Grandparents Day 2022: कब मनाते हैं ग्रैंड पेरेंट्स डे, इतिहास और महत्व के साथ जानें इस दिन के बारे में हर एक जानकारी

Grandparents Day 2022: ग्रैंड पेरेंट्स डे (Grand Parents Day) उस संबंध को संजोने और एक साथ कुछ क्वालिटी फेमिली टाइम बिताने का अवसर है. पेरेंट्स डे का इतिहास (History Of Parents Day) और पेरेंट्स डे का महत्व समझने के लिए आगे पढ़ें.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
Grandparents Day 2022: इस साल यह दिन 11 सितंबर को पड़ रहा है.

Grandparents Day 2022: मजदूर दिवस के बाद पहले रविवार को हम राष्ट्रीय दादा-दादी दिवस यानि ग्रैंड पेरेंट्स डे मनाते हैं. ग्रैंड पेरेंट्स डे कब है? (When Is Grand Parents Day) इस साल यह दिन 11 सितंबर को पड़ रहा है. मदर्स डे और फादर्स डे की तरह ये दिन भी हमारा भी पूरा दिन अपने दादा-दादी को समर्पित है. दादा-दादी और बच्चों का एक विशेष संबंध होता है जो यह साबित करता है कि दादा-दादी दोनों लंबे समय तक जीवित रहते हैं और बच्चों को भावनात्मक रूप से अधिक फ्लेसिबिल भी बनाते हैं. ग्रैंड पेरेंट्स डे (Grand Parents Day) उस संबंध को संजोने और एक साथ कुछ क्वालिटी फेमिली टाइम बिताने का अवसर है. पेरेंट्स डे का इतिहास (History Of Parents Day) और पेरेंट्स डे का महत्व समझने के लिए आगे पढ़ें.

आपके शरीर में है हीमोग्लोबिन की कमी इन लक्षणों से पहचानें, जानें कारण और क्या खाना चाहिए

ग्रैंड पेरेंट्स डे 2022 कब है? | Grand Parents Day Date 2022

दादा-दादी दिवस मजदूर दिवस के बाद पहले रविवार को मनाया जाता है, जो इस साल 11 सितंबर है.

ग्रैंड पेरेंट्स डे का इतिहास | Grand Parents Day History

1970 में मैरियन मैकक्वाडे ने दादा-दादी के लिए मान्यता के एक विशेष दिन की स्थापना के लिए एक अभियान शुरू किया. अपने प्रयासों के जरिए वह नागरिक, व्यापार, विश्वास और राजनीतिक नेताओं तक पहुंची और दादा-दादी दिवस के लिए एक राज्यव्यापी अभियान शुरू किया.

कैसे पहचाने ब्रेन ट्यूमर के शुरुआती लक्षण, ये 15 बॉडी साइन बताते हैं कि ट्यूमर बन रहा है

Advertisement

दादा-दादी दिवस का महत्व | Grandparents Day Significance

दादा-दादी ने बच्चों के जीवन में विशेष रूप से उनकी कम उम्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह फैक्ट से भी सिद्ध होता है कि जब दादा-दादी और नाती-पोते एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं तो यह दोनों को खुश रखने में मदद करता है. सेवानिवृत्ति की उम्र में दादा-दादी सभी कामों से मुक्त हो जाते हैं, लेकिन उनके बुढ़ापे के कारण जाहिर है कि वे अपने जीवन का आनंद नहीं ले सकते हैं जैसे वे छोटे में लेते थे, इसलिए अपने पोते-पोतियों के साथ खेलना और उन्हें निहारना सबसे अधिक पसंद करते हैं.

Advertisement

40 की उम्र में 25 के दिखने का राज है ये जादुई चाय, हर दिन जवां और बेदाग रहेगी त्वचा

Advertisement

माता-पिता अपने बच्चे के लिए हर समय नहीं रह सकते हैं और उस समय दादा-दादी एक बड़ी भूमिका निभाते हैं. दादा-दादी भी अपने जीवन के अनुभव के जरिए कई चीजें सिखाते हैं और अपने पोते-पोतियों को जीवन के महत्वपूर्ण सबक देते हैं जो उनके भविष्य में उनके लिए बहुत प्रभावी और सहायक होती हैं.

Advertisement

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

Featured Video Of The Day
Mohali Building Collapse News: Basement में अवैध खुदाई से ढह गई बहुमंज़िला इमारत