Gastric Cancer: लंबे समय तक सामने नहीं आते हैं गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण, जानिए कैसे समय रहते बचाई जा सकती है जान

Importance of Stomach Cancer Screening: हाल के समय में स्टमक कैंसर (Stomach Cancer) यानी पेट का कैंसर काफी तेजी से बढ़ा है. साल 2020 में यह चौथा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर था. लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए नवंबर को गैस्ट्रिक कैंसर मंथ के रूप में मनाया जाता है. 

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Importance of Stomach Cancer Screening: हाल के समय में स्टमक कैंसर (Stomach Cancer) यानी पेट का कैंसर काफी तेजी से बढ़ा है. साल 2020 में यह चौथा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर था. लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए नवंबर को गैस्ट्रिक कैंसर मंथ के रूप में मनाया जाता है. गैस्ट्रिक कैंसर, जिसे अक्सर स्टमक कैंसर कहा जाता है पेट की लाइनिंग से शुरू होता है. इसके लक्षण पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, सूजन, भूख नहीं लगना, उल्टी, वजन में कमी और मल में खून के रूप में सामने आते हैं. शराब, धूम्रपान, एच पाइलोरी इंफेक्शन, मोटापा और इनएक्टिव लाइफस्टाइल इसके खतरे को बढ़ा सकते हैं. स्टमक कैंसर का समय पर पता लगने से इलाज संभव है. इसके लिए लक्षण आने से पहले स्क्रीनिंग फायदेमंद साबित हो सकती है. फिलहाल स्टमक कैंसर के लिए कोई मानक स्क्रीनिंग नहीं है लेकिन कुछ स्क्रीनिंग के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है. आइए जानते हैं स्टमक कैंसर का पता लगाने के लिए स्क्रीनिंग का कितनी अहम है….

स्क्रीनिंग का महत्व (Importance of Stomach Cancer Screening)

स्टमक कैंसर का पता लगाने के लिए कई तरह की स्क्रीनिंग की जाती है. लक्षण, मेडिटेशन हिस्ट्री और पहले किए गए जांच के आधार पर तय किया जाता है कि कौन सी स्क्रीनिंग किया जाना है. पेट का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसलिए सालों तक लक्षणों का अनुभव नहीं होता है. इसलिए नियमित स्क्रीनिंग जरूरी है.

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एंडोस्कोपी (Endoscopy)

एंडोस्कोपी को गैस्ट्रोस्कोपी के रूप में भी जाना जाता है. एंडोस्कोपी में डॉक्टर पेट की परत को देख पाते हैं. कोरिया और जापान जैसे कुछ देशों में, जहां स्टमक कैंसर के मामले बहुत ज्यादा सामने आते हैं वहां यह स्क्रीनिंग जरूरी कर दी गई है. जापान में  50 या उससे अधिक उम्र वालों के लिए हर दो से तीन साल में एंडोस्कोपिक स्क्रीनिंग करवाने की सलाह दी जाती है.

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मृत्यु दर तीस प्रतिशत तक कम

भारत में अब तक एंडोस्कोपिक स्क्रीनिंग अभियान शुरू नहीं किया गया है. गैस्ट्रिक कैंसर के हाई रिस्क लोगों के स्क्रीनिंग कैंसर का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है. गैस्ट्रिक पॉलीप्स, गैस्ट्रिक आंत्र मेटाप्लासिया या गैस्ट्रिक कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों की भी स्क्रीनिंग की जानी चाहिए. नियमित एंडोस्कोपिक स्क्रीनिंग गैस्ट्रिक कैंसर से मृत्यु दर को तीस प्रतिशत तक कम कर देती है.

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गैस्ट्रिक कैंसर के सामान्य लक्षण (Some Common Symptoms)

गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण अन्य कई बीमारियों के लक्षण से मिलते जुलते होते हैं. इसलिए स्क्रीनिंग करना और ज्यादा जरूरी हो जाता है. ये लक्षण हो तो सावधान हो जाएं.

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  • भूख में कमी
  • पेट दर्द
  • पेट में तकलीफ़, आम तौर पर नाभि के ऊपर
  • बहुत कम खा पाना
  • अपच या सीने में जलन
  • पेट में सूजन या लिक्विड जमा होना
  • खून के साथ मल
  • एनीमिया
  • कैंसर के लिवर तक बढ़ जाने पर स्किन और आंखें पीली नजर आ सकती हैं.

Watch Video: कैंसर क्यों होता है? कैसे ठीक होगा? कितने समय में पूरी तरह स्वस्थ हो सकते हैं?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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