Explainer: ब्रेन ट्यूमर क्यों होता है? कारण, लक्षण, रिस्क फैक्टर्स, इलाज और बचाव के तरीके

Brain Tumor: ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर लेकिन समय पर पहचान और सही इलाज से काबू पाया जा सकने वाला रोग है. जागरूकता, सतर्कता और समय पर मेडिकल सलाह बहुत जरूरी है.

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Brain Tumors: कुछ ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) होते हैं, जबकि कुछ सौम्य (benign) होते हैं.

Brain Tumor: ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर और कई बार जानलेवा स्थिति हो सकती है, जिसमें ब्रेन सेल्स असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. यह ट्यूमर ब्रेन के कई हिस्सों पर दबाव डाल सकता है, जिससे शरीर के कार्यों में रुकावट आ सकती है. कुछ ट्यूमर कैंसरयुक्त (घातक) होते हैं, जबकि कुछ सौम्य (benign) होते हैं. हम सभी जानते हैं कि ये एक बड़ी और खतरनाक बीमारी है, लेकिन इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता होता है. आइए इस लेख में हम जानेंगे कि ब्रेन ट्यूमर क्यों होता है, ट्यूमर कैसे बनता है, कारण, लक्षण और उपाय, रिस्क फैक्टर्स औरर इलाज के तरीके जानेंगे.

ब्रेन ट्यूमर क्या है? (What Is Brain Tumor)

ब्रेन ट्यूमर ब्रेन सेल्स या उसके आसपास के टिश्यू में बनने वाली एक असामान्य वृद्धि होती है. यह वृद्धि धीमी या तीव्र गति से हो सकती है. ब्रेन ट्यूमर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं:

  • प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर (Primary Brain Tumor): जो ब्रेन में ही शुरू होते हैं.
  • मेटास्टेटिक ब्रेन ट्यूमर (Metastatic Brain Tumor): जो शरीर के अन्य अंगों जैसे फेफड़े, स्तन या अन्य जगहों से ब्रेन में फैलते हैं.

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ब्रेन ट्यूमर होने के कारण (Causes of Brain Tumor)

ब्रेन ट्यूमर के कारणों का पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है, लेकिन वैज्ञानिक और डॉक्टर कुछ संभावित कारणों और जोखिम कारकों की पहचान करते हैं:

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  • डीएनए में म्यूटेशन (Mutation): जब ब्रेन सेल्स में जेनेटिक बदलाव होते हैं, तो वे अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे ट्यूमर बन सकता है.
  • विरासत (Genetics): कुछ ब्रेन ट्यूमर परिवार में चलने वाली बीमारियों की वजह से होते हैं, जैसे न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस.
  • रेडिएशन एक्सपोजर: सिर पर ज्यादा मात्रा में रेडिएशन के संपर्क में आना (जैसे कैंसर के इलाज में उपयोग होने वाला रेडिएशन) ब्रेन ट्यूमर के जोखिम को बढ़ा सकता है.
  • वायरल इन्फेक्शन: कुछ मामलों में वायरस जैसे कि एपस्टीन-बार वायरस (EBV) भी ट्यूमर के विकास में भूमिका निभा सकता है.
  • कैंसर का फैलना: शरीर के अन्य हिस्सों से कैंसर ब्रेन तक फैल सकता है और ट्यूमर का कारण बन सकता है.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण (Symptoms of Brain Tumor)

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण ट्यूमर के आकार, प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं. कुछ सामान्य लक्षण नीचे दिए गए हैं:

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  • लगातार सिरदर्द: खासकर सुबह के समय ज्यादा होना और समय के साथ गंभीर बनना.
  • मतली और उल्टी: बिना किसी स्पष्ट कारण के बार-बार उल्टी होना.
  • दृष्टि या सुनने में समस्या: धुंधली दृष्टि, दोहरी दृष्टि या सुनने की क्षमता में कमी.
  • संतुलन में गड़बड़ी: चलने या खड़े होने में परेशानी.
  • मनोवैज्ञानिक बदलाव: स्मृति कमजोर होना, चिड़चिड़ापन, भ्रम या व्यक्तित्व में बदलाव.
  • दौरे पड़ना (Seizures): अचानक झटके या बेहोशी.
  • शरीर के किसी हिस्से में कमजोरी या सुन्नपन: खासकर एक तरफ के हाथ या पैर में.

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ब्रेन ट्यूमर के रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors For Brain Tumor)

कुछ व्यक्ति अन्य लोगों की तुलना में ब्रेन ट्यूमर के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं. प्रमुख जोखिम कारक हैं:

  • उम्र: ज्यादतर ब्रेन ट्यूमर वृद्ध लोगों में होते हैं, लेकिन कुछ प्रकार बच्चों और युवाओं में भी पाए जाते हैं.
  • परिवार में इतिहास: अगर परिवार में किसी को ब्रेन ट्यूमर रहा है तो जोखिम बढ़ जाता है.
  • रेडिएशन का एक्सपोजर: खासकर आयनाइजिंग रेडिएशन के संपर्क में आना.
  • प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी: HIV/AIDS या इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेने वालों में ट्यूमर का खतरा ज्यादा होता है.
  • केमिकल वाली चीजों से संपर्क: जैसे इंडस्ट्रियल रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद आदि.

ब्रेन ट्यूमर का निदान (Diagnosis)

ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए डॉक्टर कई टेस्ट का उपयोग करते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

न्यूरोलॉजिकल जांच: संतुलन, रिफ्लेक्स, स्मृति और मानसिक स्थिति की जांच.
इमेजिंग टेस्ट: MRI और CT स्कैन से ब्रेन में ट्यूमर की स्थिति और आकार का पता चलता है.
बायोप्सी: ट्यूमर की कोशिकाओं का नमूना लेकर उसे माइक्रोस्कोप से जांचना.
PET स्कैन या स्पाइनल टैप: खास मामलों में यह भी उपयोग किए जाते हैं.

ब्रेन ट्यूमर का इलाज (Treatment of Brain Tumor)

ब्रेन ट्यूमर का इलाज ट्यूमर के प्रकार, स्थान, आकार और मरीज की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है. इलाज के प्रमुख तरीके:

सर्जरी: अगर संभव हो, तो ट्यूमर को सर्जरी द्वारा हटाने की कोशिश की जाती है.
रेडिएशन थेरेपी: हाई एनर्जी किरणों का उपयोग करके ट्यूमर सेल्स को नष्ट किया जाता है.
कीमोथेरेपी: कैंसर सेल्स को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है.
टारगेटेड थेरेपी: खास प्रकार के ट्यूमर के लिए विशेष दवाएं जो सिर्फ कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं.
इम्यूनोथेरेपी: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर से लड़ने में मदद करती है.
सपोर्टिव केयर: दर्द और अन्य लक्षणों से राहत दिलाने के लिए दी जाने वाली देखभाल.

ब्रेन ट्यूमर से बचाव के तरीके (Ways To Prevent Brain Tumor)

हालांकि ब्रेन ट्यूमर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियां अपनाकर इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:

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रेडिएशन से बचाव: जरूरी एक्स-रे या CT स्कैन से बचें, खासतौर से बच्चों में.
हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं: पौष्टिक भोजन, नियमित व्यायाम, स्ट्रेस कंट्रोल और पर्याप्त नींद.
केमिकल कॉन्टैक्ट्स से बचें: जहरीले पदार्थों और औद्योगिक रसायनों से यथासंभव दूरी बनाए रखें.
मोबाइल और वायरलेस उपकरणों का सीमित उपयोग: अभी इस पर स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है.
नियमित जांच: अगर परिवार में ट्यूमर का इतिहास हो तो समय-समय पर न्यूरोलॉजिस्ट से सलाह लें.

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर लेकिन समय पर पहचान और सही इलाज से काबू पाया जा सकने वाला रोग है. जागरूकता, सतर्कता और समय पर मेडिकल सलाह बहुत जरूरी है. अगर किसी को लंबे समय तक सिरदर्द, उल्टी, दौरे या स्मृति से जुड़ी समस्या हो रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. सही समय पर इलाज मिलने से मरीज का जीवन बचाया जा सकता है और उसकी लाइफस्टाइल में सुधार लाया जा सकता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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