Explainer: घर को न्यू बॉर्न बेबी के लिए बनाएं सेफ, इन 10 बातों का रखें ध्यान, नवजात की सुरक्षा के लिए जरूरी टिप्स

Expaliner:हम आपको बता रहे हैं कि घर को बेबी प्रूफ कैसे बनाएं और नवजात की देखभाल के लिए किन 10 बातों का ध्यान रखें.

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Expaliner: नवजात की सुरक्षा के लिए जरूरी टिप्स

New Born Baby Care Tips: 7 नवंबर को इन्फेंट प्रोटेक्शन डे के रूप में मनाया जाता है. ये दिन खासतौर पर जन्म से 1 साल तक के बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. नवजात बच्चे बहुत नाजुक होते हैं और उनकी केयर में एक्स्ट्रा सावधानी बरतनी पड़ती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि घर को बेबी प्रूफ कैसे बनाएं और नवजात की देखभाल के लिए किन 10 बातों का ध्यान रखें.

बच्चे की देखभाल के लिए जरूरी टिप्स (Essential baby care tips)

नवजात बच्चे को क्या तकलीफ है, वो बता नहीं पाते. इसलिए घर में हर किसी को उनकी देखभाल में सावधानी बरतनी चाहिए. ये जिम्मेदारी सिर्फ मम्मी-पापा की नहीं, बल्कि घर के हर मेंबर की है. आइए जानते हैं कुछ जरूरी टिप्स:

हाथों को रखें साफ

बच्चे को छूने से पहले अपने हाथों को एंटीबैक्टीरियल साबुन से अच्छे से धोएं. गंदे हाथों से बच्चे को जर्म्स या वायरस लग सकते हैं. खाना बनाने, नहलाने या कपड़े बदलने से पहले भी हाथ धोना न भूलें.

बीमार हैं तो बच्चे से रहें दूर

अगर घर में किसी को खांसी, जुकाम या बुखार है, तो बच्चे से दूरी बनाएं. अगर मां को भी इन्फेक्शन है, तो दस्ताने पहनकर बच्चे को खाना खिलाएं या कपड़े बदलें. बच्चे को गोद लेने से पहले साफ कपड़े पहनें.

बच्चे के कपड़ों का ध्यान

बच्चे के कपड़े अगर जरा भी गीले रहें, तो उनमें फंगस लग सकता है, जिससे स्किन में इरिटेशन हो सकता है. हमेशा सीलबंद डायपर खरीदें और पहले कॉटन के कपड़े पहनाएं, फिर ऊपर से दूसरा कपड़ा. वाइप्स, टैल्कम पाउडर और डायपर को एक ही जगह रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी हो.

घर को रखें कीटाणु मुक्त

घर के कोनों, हैंडल्स और फर्श को डिसइन्फेक्टेंट से साफ करें. बच्चे के बिस्तर को एंटीबैक्टीरियल क्लीनर से साफ करें. मक्खियों और कीड़ों से बचाने के लिए घर में फ्यूमिगेशन करवाएं.

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मां का दूध: बच्चे का सुरक्षा कवच

जन्म के 1 घंटे के अंदर बच्चे को मां के ब्रेस्ट से लगाना चाहिए. इसके बाद हर घंटे मां के संपर्क में रखने से दूध जल्दी बनता है और पौष्टिक भी होता है. डॉ. एंटनी के मुताबिक, पहले 6 महीने तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही पिलाना चाहिए. इसमें फैट, शुगर, पानी और प्रोटीन सही मात्रा में होते हैं, जो बच्चे के लिए संपूर्ण आहार है. इस दौरान न पानी, न जूस, न कोई और चीज देनी चाहिए.

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कब शुरू करें अन्न?

  • 6 महीने की उम्र के बाद बच्चे को थोड़ा-थोड़ा अन्न देना शुरू कर सकते हैं. लेकिन जब तक मां का दूध है, उसे पिलाते रहें. अन्न की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं.
  • 7 महीने से डेढ़ साल तक: दाल का पानी, मसली हुई सब्जियां और फल खिलाएं. ये फाइबर देते हैं.
  • सख्त चीजों को उबालकर खिलाएं.
  • घर का बना खाना ही दें, नमक और चीनी कम रखें.
  • मिल्क पाउडर का इस्तेमाल जितना कम हो, उतना बेहतर.

बच्चे की केयर के लिए सही प्रोडक्ट चुनें

केमिकल वाले प्रोडक्ट से बचें. बच्चे के लिए नारियल, जैतून, बादाम या सरसों का तेल इस्तेमाल करें.

घर को बेबी के लिए लिए सुरक्षित कैसे करें?

8 महीने की उम्र से कुछ बच्चे घुटनों के बल चलने या पकड़कर खड़े होने लगते हैं. ऐसे में घर को सेफ बनाना जरूरी है:

  • नुकीले कोनों को कवर करें: टेबल, अलमारी जैसे नुकीले कोनों पर सॉफ्ट कवर लगाएं.
  • इलेक्ट्रिक सॉकेट्स को ब्लॉक करें: सॉकेट्स में सेफ्टी प्लग लगाएं.
  • छोटी चीजें दूर रखें: बच्चे छोटी चीजें मुंह में डाल सकते हैं, इसलिए इन्हें उनकी पहुंच से दूर रखें.
  • गेट्स लगाएं: सीढ़ियों और किचन के पास बेबी गेट्स लगाएं.
  • फर्नीचर को फिक्स करें: अलमारी, टीवी स्टैंड को दीवार से फिक्स करें ताकि गिरने का खतरा न हो.
  • कॉर्ड्स को बांधें: पर्दों या ब्लाइंड्स के कॉर्ड्स को ऊंचा बांधें.
  • फर्श को साफ रखें: फिसलन वाले फर्श पर नॉन-स्लिप मैट बिछाएं.
  • गर्म चीजों से बचाएं: हीटर, गर्म पानी या स्टोव से बच्चे को दूर रखें.
  • लॉक सिस्टम लगाएं: दराज और कैबिनेट में चाइल्ड लॉक लगाएं.
  • खतरनाक चीजें हटाएं: दवाइयां, केमिकल्स और शार्प ऑब्जेक्ट्स को लॉक करके रखें.
  • प्ले एरिया बनाएं: बच्चे के लिए सॉफ्ट मैट और सेफ टॉयज वाला प्ले एरिया बनाएं.
  • मॉनिटर करें: बच्चे पर हमेशा नजर रखें, खासकर जब वो एक्टिव हो.

बेबीसिटर पर निर्भरता?

अगर आपके पास भरोसेमंद बेबीसिटर है, तो बच्चे को उनके पास छोड़ने में कोई दिक्कत नहीं. लेकिन बेहतर है कि परिवार का कोई मेंबर, जैसे कोई बुजुर्ग, घर पर मौजूद हो. बेबीसिटर पूरी तरह भरोसेमंद होने तक उस पर आंख मूंदकर भरोसा न करें.

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बच्चे को कब नहलाएं?

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, जन्म के 24 से 48 घंटे बाद तक बच्चे को नहलाने का इंतजार करें. जितना ज्यादा इंतजार करें, उतना बेहतर. रोज नहलाना जरूरी नहीं. अगर नहलाना चाहें, तो स्पंज बाथ कराएं और चेहरा, सिर साफ करने के लिए सॉफ्ट कपड़ा यूज करें.

इन आसान टिप्स के साथ आप अपने बच्चे को सेफ और हेल्दी रख सकते हैं. बच्चे की मुस्कान के लिए बस थोड़ी सी सावधानी और ढेर सारा प्यार चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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