धूम्रपान के समान हैं अकेलेपन के प्रभाव, युवाओं में बढ़ रहे हैं हैरान करने वाले मामले, जानें इसे कैसे दूर करें

एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि अकेलापन युवाओं को भी प्रभावित करता है और इसके हानिकारक प्रभाव धूम्रपान के समान ही होते हैं.

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वैसे तो बुजुर्गों में अकेलापन आम बात है, लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन से पता चला है कि बड़ी संख्या में युवा लोग भी इसका अनुभव करते हैं और इसके गंभीर प्रभाव से पीड़ित होते हैं, जो घातक हो सकता है और धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बराबर है. हाल ही में जर्नल साइकोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि अकेलापन युवा और वृद्धावस्था में अपने चरम पर पहुंच जाता है, जबकि मध्य आयु में यह कम हो जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अकेलेपन को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता घोषित किया है.

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अमेरिका के सर्जन जनरल के कार्यालय ने अमेरिका में अकेलेपन की महामारी से निपटने के लिए कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा, "संपर्क की कमी से समय से पहले मौत का जोखिम प्रतिदिन धूम्रपान करने के बराबर हो सकता है."

अकेलापन केवल एक क्षणिक भावनात्मक स्थिति नहीं है, बल्कि कॉग्नेटिव, स्लीप पैटर्न और मृत्यु दर पर दूरगामी परिणामों वाली एक पुरानी स्थिति है. डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में इस तथ्य पर चर्चा की कि अकेलापन महामारी के अनुपात तक पहुंच गया है. अकेलेपन का तनाव हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज जैसी हार्ट रिलेटेड प्रोब्लम्स के साथ-साथ इम्यून फंक्शन को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे व्यक्ति संक्रमण और बीमारियों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो जाता है. अकेलापन उदासी, चिंता और तनाव की भावनाओं को जन्म दे सकता है.

यह पुरानी हेल्थ कंडिशन, लाइफ क्वालिटी में कमी और समय से पहले मृत्यु में योगदान दे सकता है. अकेलेपन के कई कारण हो सकते हैं. अगर अकेलेपन और सामाजिक अलगाव को अनदेखा किया जाए तो यह मानसिक और फिजिकल हेल्थ दोनों पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है.

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केलापन दूर करने के तरीके | Ways To Overcome Loneliness

अकेलापन एक ऐसी स्थिति है जिससे आजकल बहुत से लोग जूझ रहे हैं. चाहे वह शहरी जीवन की तेज रफ्तार हो या व्यक्तिगत संबंधों की कमी, अकेलापन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. यहां इसे दूर करने के लिए कुछ तरीके हैं:

1. सामाजिक संबंध बनाएं

दूसरों से जुड़ने का प्रयास करें. यह जुड़ाव परिवार, दोस्तों या नए परिचितों के साथ हो सकता है. सामाजिक संबंध मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं. दोस्तों के साथ समय बिताएं, परिवार के साथ बात करें और सोशल इवेंट्स में भाग लें.

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2. शौक अपनाएं

अपने खाली समय को रचनात्मक रूप से बिताने के लिए शौक और रुचियों को अपनाएं. चाहे वह पेंटिंग हो, गाना हो, पढ़ना हो या बागवानी ये सभी फिजिकल मेंटल शांति और संतोष प्रदान करती हैं.

3. स्वयंसेवा करें

समाज सेवा करने से आत्मसंतोष मिलता है और दूसरों के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलता है. स्वयंसेवा करने से आप अपने आस-पास के लोगों की मदद कर सकते हैं और साथ ही नए दोस्त भी बना सकते हैं.

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4. शारीरिक व्यायाम करें

शारीरिक व्यायाम न केवल आपके शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है. योग, ध्यान, जिम या सुबह की सैर आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है.

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5. सकारात्मक सोच विकसित करें

अपने विचारों को सकारात्मक रखें. नकारात्मक सोच से बचें और जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं. जब भी नकारात्मक विचार आएं, उन्हें सकारात्मक विचारों से बदलने का प्रयास करें.

6. ध्यान और मेडिटेशन करें

ध्यान और मेडिटेशन मानसिक शांति प्रदान करते हैं और आत्म-ज्ञान को बढ़ाते हैं. नियमित ध्यान करने से आप अपने भीतर की शांति को पा सकते हैं और अकेलापन कम कर सकते हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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