बढ़ता तापमान बढ़ा रहा कुपोषण, जानिए कैसे क्लाइमेट चेंज का खानपान पर पड़ रहा असर

Effects of climate change: वातावरण में बढ़ता तापमान और कार्बनडायऑक्साइड कई तरह के खतरे को उत्पन्न कर रहा है. इसमें एक प्रमुख खतरा है फूड न्यूट्रिशन और फूड सिक्योरिटी पर पड़ता असर. पर्यावरण के बदलाव का असर भोजन की पौष्टिकता पर भी पड़ रहा है.

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Effects of climate change: आज पूरी दुनिया क्लाइमेट चेंज (climate change) की चुनौती का सामना कर रही है. वातावरण में बढ़ता तापमान और कार्बनडायऑक्साइड कई तरह के खतरे को उत्पन्न कर रहा है. इसमें एक प्रमुख खतरा है फूड न्यूट्रिशन और फूड सिक्योरिटी पर पड़ता असर. तापमान और बारिश के पैटर्न में बदलाव फसलों की विफलता का कारण बन रही है जिससे उपज में कमी के कारण खाद्यान्न की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. पर्यावरण के बदलाव का असर हमारे भोजन की पौष्टिकता (nutrition of food) पर भी पड़ रहा है. वायुमंडल में बढ़ते कार्बनडायऑक्साइड के कारण गेहूं और धान जैसी प्रमुख फसलों में प्रोटीन, जिंक और आयरन की कमी आ रही है. आइए जानते है जलवायु परिवर्तन का भोजन की पौष्टिकता और भोजन की सुरक्षा (food security) पर पड़ रहे प्रभावों पर विशेषज्ञों की क्या है राय.

क्लाइमेट चेंज का फूड न्यूट्रिशन और फूड सिक्योरिटी पर प्रभाव (Effects of climate change on nutrition of food and food security)

फल और सब्जियों में पोषक तत्वों में कमी

एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन की अध्यक्ष और डब्ल्यूएचओ की फॉर्मर चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के कारण मिट्‌टी में मौजूद न्यूट्रिशन वैल्यू में कमी आ रही है. इसके कारण मिट्टी में उगाए जाने वाले फल व सब्जियों के न्यूट्रिशन वैल्यू भी कम होते जा रहे हैं. फसलों की उपज के प्रभावित होने के कारण महंगाई भी बढ़ रही है जिसका असर हमारे खानपान संबंधी आदतों पर पड़ रहा है. लोगों में घर में ताजा बना खाना खाने की जगह प्रोसेस फूड खाने का प्रचलन बढ़ रहा है. यह सही समय है जब हमें इस समस्या पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

प्रमुख खाद्यान्न फसलों की पौष्टिकता पर असर

वायुमंडल में बढ़ते कार्बनडायऑक्साइड के कारण गेहूं, धान और मक्का जैसी प्रमुख फसलों में प्रोटीन, जिंक और आयरन की कमी आ रही है. इससे कुपोषण बढ़ने का खतरा है. पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रोफेसर के श्रीनाथ के अनुसार पानी की कमी, बढ़ती गर्मी और बढ़ते कार्बन डायऑक्साइड का असर खाद्यानों के न्यूट्रिशन वैल्यू पर पड़ रहा है. बढ़ते जल स्तर से समुद्री तटों पर कृषि की भूमि बर्बाद हो सकती है. इन कारकों से न सिर्फ मात्रा पर असर पड़ेगा बल्कि गुणवत्ता भी प्रभावित होगी.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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