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HMPV Outbreak: क्या आपके मेडिकल इंश्योरेंस में कवर होगा HMPV वायरस का इलाज, जानिए क्या हैं प्रावधान

इस बीमारी के फैलने की खबरें सुनने के बाद आप भी ये जरूर जानना चाहेंगे कि क्या इसका इलाज आपके हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होता है या नहीं.

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HMPV Outbreak: चीन के बाद अब HMPV के मामले भारत में भी आने लगे हैं. HMPV यानी कि Human Metapneumovirus. इस वायरस के भारत में सात मामले सामने आ चुके हैं. ये मामले देश के अलग अलग राज्यों में मिले हैं. जिसमें गुजरात, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं. HMPV एक रेस्पिरेटरी वायरस है जो कुछ आम लक्षणों के साथ शरीर में जगह बनाता है. शुरुआती लक्षणों में बुखार, कफ, गले में खराश और नाक बंद होना शामिल हैं. आमतौर पर जो लोग बीमार होने के बाद पूरी तरह से रेस्ट लेते हैं और खूब पानी पीते हैं, वो इस बीमारी से आसानी से रिकवर कर सकते हैं. लेकिन बच्चे, बुजुर्ग, और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को ये वायरस आसानी से चपेट में ले लेता है. इसका इलाज कराने जाएं, उससे पहले ये जान लेना चाहिए कि क्या आपके हेल्थ इंश्योरेंस में इस वायरस का इलाज शामिल है.

क्या आपके हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होगा HMPV का इलाज?

इस बीमारी के फैलने की खबरें सुनने के बाद आप भी ये जरूर जानना चाहेंगे कि क्या इसका इलाज आपके हेल्थ इंश्योरेंस में कवर होता है या नहीं. Onsurity की चीफ क्लेम ऑफिसर सुमन पाल ने कुछ वेबसाइट्स को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है. जिसके मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में HMPV का इलाज भी स्टेंडर्ड रेसपिरेटरी इलनेस के तहत ही कवर करती हैं. जिसमें हॉस्पिटल में भर्ती होने, पीसीआर और रेसपिरेटरी पैथोजन्स के टेस्ट के लिए डायग्नोस्टिक टेस्ट, आउट पेशेंट कंसल्टेशन और ट्रीटमेंट का खर्च शामिल है.

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आईसीयू में भर्ती होना, ऑक्सीजन थेरेपी और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन रिकवरी कॉस्ट भी कई हेल्थ प्लान्स के तहत कवर होती है. जिसमें लगता है कि इंटेंसिव केयर और ज्यादा लंबे मेडिकल अटेंशन की जरूरत है उन्हें भी कई प्लान्स में कंसिडर किया जाता है.

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Also Read: HMPV Virus Update: अगर HMPV वायरस के शिकार हो जाएं तो क्या करें, कैसे पता करें कि आप संक्रमित तो नहीं, बता रहे हैं डॉक्टर्स

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भारत में कितना फैला HMPV?

बात करें भारत में HMPV की तो, इसकी वजह से तीन परसेंट तक रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मामले सामने हैं. इसके अलावा बच्चों में होने वाले रेसपिरेटरी इलनेस के दस से बारह परसेंट तक के मामले HMPV की वजह से हो सकते हैं. जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर किस्म के हेल्थ इश्यूज हों उन्हें गंभीर कॉम्प्लिकेशन्स के साथ निमोनिया भी हो सकता है.

केंद्र सरकार की कोशिशें

इस वायरस को लेकर केंद्र सरकार भी अलर्ट है और राज्यों को भी जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं. सभी राज्यों को कह दिया गया है कि वो इन्फ्लूएंजा के इंफेक्शन और एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के मामलों पर नजर रखें. इस संबंध में यूनियन हेल्थ सेक्रेटरी पुण्य सलिला श्रीवास्तव बैठकें भी कर रही हैं. मौजूदा हालात की जानकारी और उससे निपटने की तैयारी के लिए बैठक में गंभीर चर्चा हुई.

इस बैठक में हुई चर्चा के आधार पर सभी राज्यों को HMPV के मामले में अवेयर करने के लिए भी कहा गया है. साथ ही एजुकेशन और कम्यूनिकेशन इनिशिएटिव्स लेने के लिए भी कहा गया है. साथ ही साबुन से हाथ धोना, बार बार चेहरे पर हाथ न लगाना, किसी भी पीड़ित व्यक्ति से पर्याप्त दूरी बनाए रखना, मुंह और नाक को ढंक कर रखना या मास्क लगाने जैसे प्रिवेंटिव मेजर्स फॉलो करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए भी कहा गया है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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