दिल्ली की हवा बनी जहर: अभी एक एक्स्ट्रा सिगरेट आपकी सेहत को कैसे दोगुना नुकसान पहुंचाती है

Delhi-Ncr AQI: जब AQI का लेवल 400 के पार पहुँच जाता है, जैसा कि इन दिनों हो रहा है. तो इसका मतलब है कि हवा में मौजूद PM 2.5 के सूक्ष्म कणों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि ये आपके फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुँचा रही है. एक्सपर्ट का साफ अनुमान है कि ऐसे गंभीर प्रदूषण में बिना मास्क के बाहर निकलना या साँस लेना, एक दिन में 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है.

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दिल्ली की हवा में घुला सिगरेट का जहर!

Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में इस समय हवा नहीं, बल्कि 'जहर' बह रहा है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार दिन बा दिन खराब ही होता जा रहा है. आपको बता दें कि AQI का इस तरह से बढ़ना ना सिर्फ बाहरी वातावरण बल्कि हमारी सेहत के लिए भी बेहद हानिकारक है. इसका सीधा असर हमारे फेफड़ों और हार्ट पर पड़ रहा है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए यह स्थिति किसी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल से कम नहीं है.

हर साँस 25 सिगरेट के बराबर!

जब AQI का लेवल 400 के पार पहुँच जाता है, जैसा कि इन दिनों हो रहा है. तो इसका मतलब है कि हवा में मौजूद PM 2.5 के सूक्ष्म कणों की मात्रा इतनी ज्यादा है कि ये आपके फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुँचा रही है. एक्सपर्ट का साफ अनुमान है कि ऐसे गंभीर प्रदूषण में बिना मास्क के बाहर निकलना या साँस लेना, एक दिन में 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर हो सकता है. एक बार सोचिए कि अगर आप पहले से ही स्मोकिंग करते हैं, तो यह प्रदूषण आपके शरीर के लिए एक एक्स्ट्रा सिगरेट नहीं, बल्कि एक एक्स्ट्रा सिगरेट पैकेट पीने जितना खतरनाक है.

बॉडी पर कैसे कर रहा असर 

फेफड़ों की क्षमता

PM 2.5 कण फेफड़ों की सबसे छोटी नलिकाओं में जाकर जम जाते हैं, जिससे फेफड़ों की ऑक्सीजन सोखने करने की क्षमता घट जाती है.

हार्ट पर स्ट्रेस

ये कण ब्लडफ्लो में एंटर करके ब्लड को गाढ़ा कर सकते हैं, जिससे हार्ट पर तनाव बढ़ता है और दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है.

किन लोगों को ज्यादा खतरा 

खराब वायु की गुणवत्ता का असर वैसे तो सभी पर हैं लेकिन इससे ज्यादा खतरा बच्चों, प्रेगनेंट महिलाएएं, और अस्थमा या सीओपीडी (COPD) जैसी सांसों की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए ये हवा मौत का बुलावा बन सकती है.

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जंतर मंतर पर क्यों फूटा स्वास्थ्य गुस्सा?

बता दें कि आज जंतर मंतर पर LetUsBreathe नामक एक विरोध प्रदर्शन किया गया. जिसमें  LetUsBreathe केवल एक राजनीतिक नारा नहीं था, बल्कि यह लोगों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता को भी दर्शा रहा था. लोग इस बात से नाराज हैं कि हर साल उन्हें इसी जानलेवा स्थिति का सामना क्यों करना पड़ता है, जबकि इस समस्या का समाधान हो सकता है. ये गुस्सा इस मांग पर केंद्रित है कि स्वच्छ हवा को स्वास्थ्य के अधिकार के रूप में देखा जाए.

सुप्रीम कोर्ट का 'लाइफलाइन' दखल

आपको बता दें कि आने वाले 19 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण मामले की सुनवाई होनी है. कोर्ट ने अल्पकालिक समाधानों और AQI रीडिंग में हेरफेर पर गंभीर सवाल उठाए हैं. कोर्ट की यह सख्ती इसलिए ज़रूरी है ताकि पंजाब, हरियाणा और केंद्र एक साथ मिलकर पराली जलाने जैसी जड़ समस्याओं को दूर करने के लिए प्लान बनाएं. ये सुनवाई स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तय करेगी कि क्या सरकारें केवल कागजों पर काम करती हैं या वास्तव में नागरिकों को स्वच्छ हवा का अधिकार देती हैं.

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खुद को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?

1. सुबह और शाम के समय जब पॉल्यूशन सबसे ज्यादा होता है तब बाहर निकलने से बचें.
2.  बाहर निकलते समय N95 या N99 मास्क जरूर पहनें.
3.  अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो ये वो समय है जब आपको तुरंत इसे छोड़ देना चाहिए.
4.  खिड़कियाँ बंद रखें और एयर प्यूरीफायर (Air Purifier) का इस्तेमाल करें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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