कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं से एचआईवी रोगियों को भी फायदा, हार्ट डिजीज का खतरा 35 प्रतिशत तक कम : अध्ययन

अध्ययन में 40-75 साल की आयु के 7,769 वयस्कों को शामिल किया गया, जिन्हें पिटावास्टेटिन या प्लेसीबो दिया गया. पिटावास्टेटिन लेने वाले प्रतिभागियों में प्लेसीबो समूह की तुलना में 35 प्रतिशत कम प्रमुख हार्ट रिलेटेड डिजीज और 21 प्रतिशत कम मौतें हुईं.

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अध्ययन में 40-75 साल की आयु के 7,769 वयस्कों को शामिल किया गया. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

एक अध्ययन के अनुसार, स्टैटिन (Statins) या कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं (Cholesterol-lowering Drugs) के डेली सेवन से एचआईवी (HIV) से पीड़ित लोगों में हार्ट रिलेटेड प्रोब्लम्स जैसे हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) के जोखिम को 35 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिल सकती है. बता दें एचआईवी से पीड़ित लोगों में हार्ट डिजीज का रिस्क 50-100 प्रतिशत ज्यादा होता है.

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित शोध से पता चला है कि स्टैटिन के डेली उपयोग से इस आबादी में पांच में से एक मेन हार्ट रिलेटेड प्रोब्लम्स या समय से पहले मृत्यु को रोका जा सकता है. यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के हिस्से नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के निदेशक गैरी एच. गिबन्स ने कहा, "यह शोध बताता है कि स्टैटिन एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए हार्ट रिलेटेड हेल्थ और लाइफ क्वालिटी में सुधार के लिए एक अफोर्डेबल कोस्ट प्रदान कर सकता है."

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हार्ट डिजीज का खतरा कम:

अध्ययन में 40-75 साल की आयु के 7,769 वयस्कों को शामिल किया गया, जिन्हें पिटावास्टेटिन या प्लेसीबो दिया गया. पिटावास्टेटिन लेने वाले प्रतिभागियों में प्लेसीबो समूह की तुलना में 35 प्रतिशत कम प्रमुख हार्ट रिलेटेड डिजीज और 21 प्रतिशत कम मौतें हुईं.

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इसके अलावा, स्टैटिन लेने वालों में लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल या खराब कोलेस्ट्रॉल लेवल में 30 प्रतिशत की कमी देखी गई.

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हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर स्टीवन के. ग्रिनस्पून ने कहा कि एलडीएल कोलेस्ट्रॉल कम करने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम कम होता है, लेकिन एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए स्टैटिन थेरेपी के अतिरिक्त लाभों का सुझाव देते हैं.

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अध्ययन सफल एचआईवी मैनेजमेंट में हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों को एड्रेस करने की जरूरत पर प्रकाश डालता है, एक ऐसी बीमारी जो दुनिया भर में 38 मिलियन से ज्यादा लोगों को परेशान करती है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 2021 में 1.5 मिलियन नए लोगों को डायग्नोस किया गया.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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