बचपन में असामान्य बीएमआई भविष्य में फेफड़ों की कार्यक्षमता को कर सकता है प्रभावित- शोध

Abnormal BMI in Childhood: बीएमआई सबसे सामान्य शारीरिक माप है, जिसमें वजन को तो ध्यान में रखा जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

एक शोध में यह बात सामने आई है कि बच्चों में असामान्य बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) चाहे ज्यादा हो या कम, वह फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी से जुड़ा हो सकता है. लगभग 10 प्रतिशत लोग बचपन में खराब फेफड़ों की कार्यक्षमता से पीड़ित होते हैं. वे वयस्क होने पर फेफड़ों की सही क्षमता भी प्राप्त नहीं कर पाते हैं, जिससे हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है. हालांकि, स्वीडन में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि अगर वयस्क होने से पहले उनका बीएमआई सामान्य हो जाता है, तो इस कमी को दूर किया जा सकता है.

टीम ने जन्म से लेकर 24 वर्ष की आयु तक 3,200 बच्चों का अध्ययन किया. बीएमआई सबसे सामान्य शारीरिक माप है, जिसमें वजन को तो ध्यान में रखा जाता है. लेकिन, मांसपेशियों और वसा को नहीं. इसे लगभग 4 बार मापा गया. यूरोपियन रेस्पिरेटरी जर्नल में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि असामान्य वजन और ऊंचाई खराब फेफड़ों की कार्यक्षमता से जुड़े प्रमुख जोखिम कारक थे.

ये भी पढ़ें- महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है हाई-इंटेंसिटी फिजिकल वर्कआउट : स्टडी

शोध में सामने आया कि लगातार हाई बीएमआई या तेजी से बढ़ते बीएमआई वाले बच्चों में वयस्क होने पर फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी देखी गई. यह मुख्य रूप से फेफड़ों में सीमित वायु प्रवाह (रेस्ट्रिक्टेड एयरफ्लो) का परिणाम था, जिसे अवरोध के रूप में जाना जाता है.

Advertisement

कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में शिशु रोग के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता एरिक मेलेन ने बताया कि यौवन (प्यूबर्टी) से पहले जिन बच्चों का बीएमआई शुरू में उच्च लेकिन सामान्य था, वयस्क होने पर उनके फेफड़ों की कार्यक्षमता में कोई कमी नहीं आई. इससे यह पता चलता है कि बच्चों के जीवन के शुरुआती वर्षों और उनके शुरुआती स्कूली वर्षों और किशोरावस्था के दौरान उनके विकास को अनुकूल बनाना कितना महत्वपूर्ण है.

Advertisement

कम बीएमआई को अपर्याप्त फेफड़ों के विकास के कारण कम फेफड़ों की कार्यक्षमता से भी जोड़ा जा सकता है. शोधकर्ताओं ने केवल अधिक वजन पर ध्यान देने के बजाय पोषण संबंधी उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर भी बल दिया.
 

Advertisement

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Advertisement
Featured Video Of The Day
BJP On Rahul Gandhi Speech | 'अंकल सोरोस' का एजेंडा आगे बढ़ा रहे राहुल गांधी : BJP का निशाना