Chhath puja का 36 घंटे का निर्जला व्रत: खरना से उषा अर्घ्य तक... सेहत का रखें ऐसे ख्याल!

अगर आप छठ का कठिन व्रत रख रहे हैं, तो खरना (Kharna) से लेकर उषा अर्घ्य (Usha Arghya) तक अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए इन आसान और काम की बातों को गांठ बांध लें.

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इस पूजा का सबसे कठिन हिस्सा है 36 घंटे का निर्जला व्रत (Chhath Puja 36-hour Nirjala Vrat).

Chhath Puja health tips : छठ पूजा सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का वो महापर्व है जहां लोग डूबते और उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनसे अपनी और परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं. इस पूजा का सबसे कठिन हिस्सा है 36 घंटे का निर्जला व्रत (Chhath Puja 36-hour Nirjala Vrat). निर्जला का मतलब है, इस दौरान आपको पानी की एक बूंद तक नहीं लेनी होती.

यह व्रत आपकी भक्ति की एक कड़ी परीक्षा है, लेकिन भक्ति के साथ अपनी सेहत का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है. अगर आप भी यह कठिन व्रत रख रहे हैं, तो खरना (Kharna) से लेकर उषा अर्घ्य (Usha Arghya) तक अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए इन आसान और काम की बातों को गांठ बांध लें.

छठ व्रत शुरू करने से पहले क्या करें

खरना

खरना वह दिन होता है जब आप व्रत शुरू करने से पहले एक बार भोजन करते हैं. यह खाना ही आपको अगले 36 घंटों तक एनर्जी देगा.

जल्दी और हल्का खाएं

 खरना के दिन खीर और रोटी (या चावल) का प्रसाद होता है. इसे आराम से और समय पर खाएं. ध्यान रहे, इस दिन पेट को जरूरत से ज्यादा न भर लें.

अच्छी नींद लें

खरना का प्रसाद खाने के बाद अगले दिन की तैयारी के लिए भरपूर नींद लें. जब शरीर को पूरा आराम मिलता है, तो वह व्रत के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हो जाता है.

पानी पीकर स्टोर करें

खरना की पूजा और भोजन के बाद, व्रत शुरू होने से ठीक पहले जितना हो सके उतना पानी पी लें. यह आपके शरीर में पानी को ‘स्टोर' करने में मदद करेगा, ताकि निर्जला व्रत के दौरान आपको कम परेशानी हो.

छठ व्रत के दौरान कैसे रखें ख्याल

व्रत के दौरान जितना हो सके, उतना आराम करें. घर के भारी काम करने से बचें. जितना कम शरीर हिलेगा, उतनी कम एनर्जी खर्च होगी और आपको प्यास भी कम लगेगी.

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शांत रहें 

ज़्यादा बात करने से बचें. बोलते समय मुंह सूखता है और आपको ज़्यादा प्यास लग सकती है.

धूप से बचें

व्रत के दौरान घर के अंदर ही रहें और खासकर दोपहर की तेज धूप से बचें. गर्मी से शरीर जल्दी डिहाइड्रेट होता है, जिससे व्रत तोड़ना पड़ सकता है.

भक्ति में ध्यान लगाएं

जब आपको प्यास या कमजोरी महसूस हो, तो सूर्य देव और छठी मैया का ध्यान करें. मानसिक शक्ति शारीरिक कमजोरी पर भारी पड़ सकती है. यह आपके मनोबल को बढ़ाता है.

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अर्घ्य के दौरान जरूरी सावधानियां

संध्या अर्घ्य (sandhya Arghya) हो या उषा अर्घ्य (usha Arghya), दोनों में पानी में उतरना पड़ता है. इस समय यह टिप्स आपके काम आएंगे.

गर्म कपड़े

उषा अर्घ्य (सुबह का अर्घ्य) के समय अक्सर बहुत ठंड होती है. पानी में उतरने से पहले और निकलने के तुरंत बाद खुद को गर्म कपड़ों, शॉल या कम्बल से अच्छी तरह ढक लें.

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आराम से चलें

पानी में जाते समय घाट तक धीरे-धीरे चलें. व्रत के कारण कमजोरी हो सकती है, इसलिए हड़बड़ी न करें. अगर कोई साथ में है तो उनका सहारा लें.

डायबिटीज वाले लोग

अगर आपको डायबिटीज है या कोई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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छठ पूजा पारण कैसे करें

उषा अर्घ्य के बाद व्रत तोड़ा जाता है, जिसे पारण कहते हैं. 36 घंटे बाद शरीर को एकदम से झटका न दें. यह सबसे जरूरी हेल्थ टिप है.

शुरुआत पानी से करें

 व्रत तोड़ने की शुरुआत ठेकुआ के साथ पानी या नींबू पानी से करें. यह शरीर को धीरे-धीरे हाइड्रेट करेगा.

फौरन भारी भोजन न करें

व्रत तोड़ने के तुरंत बाद पराठे, पूड़ी या तला-भुना भारी खाना बिल्कुल न खाएं. इससे पेट खराब हो सकता है.

आराम से खाएं

पहले जूस, फल या हल्का नाश्ता लें, और उसके एक-दो घंटे बाद ही सामान्य भोजन की ओर बढ़ें. पूरे दिन छोटे-छोटे मील खाएं ताकि पाचन तंत्र को धीरे-धीरे काम करने की आदत पड़े.

छठ का व्रत सिर्फ कठिन नहीं, बल्कि हमारी शक्ति और अटूट विश्वास का प्रतीक है. इन आसान टिप्स को अपनाकर आप अपनी भक्ति और सेहत, दोनों को संभाल सकते हैं. 

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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