Stomach Cancer (Gastric Cancer): पेट का कैंसर या गैस्ट्रिक कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जो पेट की भीतरी परत से शुरू होकर धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों तक फैल सकता है. समय रहते इसके लक्षणों को समझा जाए और उचित इलाज किया जाए, तो इस बीमारी से लड़ना संभव है. इस लेख में हम जानेंगे कि पेट में कैंसर किन कारणों से होता है, इसके क्या लक्षण होते हैं, कैसे इससे बचाव किया जा सकता है और क्या इलाज संभव है.
पेट में कैंसर होने के मुख्य कारण (Causes of Stomach Cancer)
पेट में कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अनुवांशिक, लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें, खान-पान और बैक्टीरियल संक्रमण शामिल हैं:
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1. एच. पायलोरी (Helicobacter pylori) संक्रमण
एच. पायलोरी एक प्रकार का बैक्टीरिया है, जो पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाता है. लंबे समय तक इसका संक्रमण गैस्ट्रिक अल्सर और अंततः कैंसर का कारण बन सकता है.
2. खानपान की आदतें
नमकीन, धुएं में पकाए गए ज्यादा मसालेदार, प्रोसेस्ड और प्रीजर्व फूड का ज्यादा सेवन करने से पेट के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. नाइट्रेट युक्त भोजन जैसे प्रोसेस्ड मीट भी एक बड़ा कारण है.
3. धूम्रपान और शराब का सेवन
धूम्रपान करने वालों में पेट के ऊपरी हिस्से (gastric cardia) में कैंसर की संभावना सामान्य व्यक्तियों की तुलना में कई गुना ज्यादा होती है. ज्यादा मात्रा में शराब पीना भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है.
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4. पारिवारिक इतिहास (Genetics)
अगर परिवार में किसी को पेट का कैंसर रहा है, तो अगली पीढ़ी में इसकी संभावना ज्यादा हो सकती है.
5. लंबे समय से चल रही बीमारियां
लंबे समय तक गैस्ट्राइटिस, पर्निशियस एनीमिया या गैस्ट्रिक पॉलिप्स जैसी स्थितियाँ पेट के कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती हैं.
6. मोटापा और लाइफस्टाइल
अनियमित जीवनशैली, व्यायाम की कमी और मोटापा भी पेट के कैंसर का एक कारण हो सकता है, खासकर कार्डिया टाइप गैस्ट्रिक कैंसर के मामलों में.
पेट के कैंसर के लक्षण (Symptoms of stomach cancer)
पेट का कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है और प्रारंभिक अवस्था में इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते. इसलिए यह बीमारी अक्सर तब तक पहचान में नहीं आती जब तक यह गंभीर स्थिति में न पहुंच जाए. फिर भी कुछ सामान्य लक्षण यहां बताए गए हैं:
1. पेट में लगातार दर्द या असहजता: खाने के बाद पेट भारी लगना, जलन या लगातार दर्द रहना एक प्रारंभिक संकेत हो सकता है.
2. भूख में कमी और अचानक वजन घटना: अगर बिना किसी प्रयास के वजन तेजी से घट रहा है या भूख खत्म हो गई है तो यह गंभीर संकेत हो सकता है.
3. मतली और उल्टी: लगातार मतली आना या खाना खाने के बाद उल्टी होना कैंसर का संकेत हो सकता है.
4. खून की उल्टी या काले रंग का मल: आंतरिक रक्तस्राव के कारण खून की उल्टी या मल का रंग गहरा काला हो सकता है.
5. भोजन निगलने में कठिनाई: खासकर ऊपरी पेट में कैंसर होने पर निगलने में कठिनाई महसूस हो सकती है.
6. थकावट और कमजोरी: शरीर में खून की कमी और पोषण की कमी के कारण व्यक्ति थका-थका महसूस कर सकता है.
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पेट के कैंसर से बचाव (एहतियात)
पेट के कैंसर से पूरी तरह बचाव संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपाय अपनाकर इसके खतरे को कम किया जा सकता है:
1. हेल्दी बैलेंस डाइट: फल, हरी सब्जियां, फाइबरयुक्त और ताजे फूड्स का सेवन करें. संरक्षित और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं.
2. धूम्रपान और शराब से परहेज: तंबाकू और शराब का सेवन बंद करने से पेट के कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है.
3. एच. पायलोरी संक्रमण की जांच और इलाज: अगर आपको लंबे समय से पेट में जलन, अल्सर या अपच की शिकायत है, तो डॉक्टर से एच. पायलोरी की जांच कराएं.
4. नियमित व्यायाम और वेट कंट्रोल: रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी और संतुलित वजन कैंसर के जोखिम को कम करता है.
5. परिवार में कैंसर का इतिहास है तो नियमित जांच कराएं: अगर आपकी फैमिली हिस्ट्री में पेट का कैंसर रहा है, तो समय-समय पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट से सलाह लें.
पेट के कैंसर का इलाज (Stomach Cancer Treatment)
पेट के कैंसर का इलाज उसकी स्टेज (Stage), प्रकार और रोगी की उम्र व स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. आमतौर पर इसके इलाज में नीचे बताए गए तरीके अपनाए जाते हैं:
1. सर्जरी (Operation)
प्रारंभिक अवस्था में ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी सबसे प्रभावी इलाज है. इसमें पेट का आंशिक या पूर्ण हिस्सा हटाया जा सकता है.
2. कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है। यह सर्जरी से पहले या बाद में दी जा सकती है.
3. रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
इसमें हाई एनर्जी रेज से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जाता है. यह कीमोथेरेपी के साथ भी दी जा सकती है.
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4. इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
यह आधुनिक तकनीक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कैंसर से लड़ने में मदद करती है.
5. टार्गेटेड थेरेपी (Targeted Therapy)
कुछ खास कैंसर सेल्स पर असर डालने वाली दवाएं दी जाती हैं, जो सामान्य कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचातीं.
पेट का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर इसके कारणों और लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए तो इसका सफल इलाज संभव है. लाइफस्टाइल में सुधार, बैलेंस डाइट, रेगुलर हेल्थ चेकअप और तंबाकू व शराब से दूरी जैसे उपाय अपनाकर इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है. अगर कोई भी संदिग्ध लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि जल्दी जांच और इलाज ही पेट के कैंसर से जीवन बचाने का सबसे बड़ा उपाय है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)