क्या मिर्गी पूरी तरह से ठीक हो सकती है? डॉक्टर से जानें क्या मिर्गी का परमानेंट इलाज है?

Permanent Treatment Of Epilepsy | Kya mirgi ka ilaj sambhav hai: मिर्गी का इलाज संभव है और इसे कंट्रोल करने के लिए कई तरह के इलाज असरदार हो सकते हैं. हालांकि, मिर्गी का स्थायी इलाज हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकता है, और यह डॉक्टर के जरिए निर्धारित किया जाता है.

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क्या मिर्गी पूरी तरह से ठीक हो सकती है?

Permanent Treatment Of Epilepsy | Kya mirgi ka ilaj sambhav hai: मिर्गी या एपिलेप्सी, एक ऐसी कंडीशन है जिसमें व्यक्ति को अचानक और अनकंट्रोल्ड दौरे आते हैं. यह समस्या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, हालांकि यह बच्चों में ज्यादा देखी जाती है. मिर्गी के दौरे ब्रेन के एबनॉर्मल इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स के कारण होते हैं, जो शरीर में अचानक कॉन्ट्रेक्शन और सिरदर्द जैसे लक्षण पैदा करते हैं. यह एक सीवियर प्रॉब्लम हो सकती है, लेकिन अच्छे इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे डॉक्टर नेहा कपूर से मिर्गी के इलाज और इसके परमानेंट इलाज के बारे में. 

मिर्गी के कारण

मिर्गी के कई कारण हो सकते हैं. इनमें ब्रेन की चोट, जन्म के समय हुई समस्याएं, ब्रेन में असामान्यताएं, संक्रमण या शरीर के अन्य रोग शामिल हो सकते हैं. कुछ मामलों में यह कारण स्पष्ट नहीं होते, लेकिन यह एक लॉन्ग टर्म कंडिशन बन सकती है, जिससे व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है.

मिर्गी का इलाज- दवाइयों से कंट्रोल

मिर्गी के इलाज में मुख्य रूप से दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. एंटी-एपिलेप्टिक दवाइयां (AEDs) उन मरीजों के लिए फर्स्ट एड है जो मिर्गी के दौरे से पीड़ित हैं. इन दवाइयों का काम ब्रेन में होने वाली एबनॉर्मल इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को कंट्रोल करना होता है, जिससे दौरे रुकते हैं. हाल के वर्षों में, एंटी-एपिलेप्टिक दवाइयों में सुधार हुआ है और आजकल बहुत सी ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं, जिनके साइड इफेक्ट्स कम होते हैं. हालांकि, मिर्गी का इलाज पूरी तरह से दवाइयों से नहीं हो सकता, लेकिन दवाइयां मरीज के जीवन को सामान्य बनाने में मदद करती हैं. जैसे-जैसे समय बीतता है, दवाइयां ब्रेन के दौरे को कंट्रोल करती हैं और मरीज को सामान्य जीवन जीने में सहायता करती हैं. मरीजों को दवाइयां समय पर और डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार लेनी होती हैं, ताकि दौरे न आएं.

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Photo Credit: unsplash

मिर्गी का स्थायी इलाज: सर्जरी

कुछ मामलों में, जब दवाइयों से दौरे पूरी तरह से कंट्रोल नहीं होते हैं, तो सर्जरी की जरूरत हो सकती है. यह प्रोसेस उन मरीजों के लिए होती है, जिनकी मिर्गी एक ब्रेन के स्पेशल एरिया में उत्पन्न होती है. सर्जरी के दौरान उस क्षेत्र को हटा दिया जाता है, जिससे दौरे आ रहे होते हैं. हालांकि यह ऑप्शन सिर्फ कुछ खास मामलों में ही किया जाता है, क्योंकि हर मरीज के लिए यह सही नहीं होता. सर्जरी के लिए मरीज का चुनाव बेहद जरूरी होता है और यह फैसला डॉक्टर के जरिए बहुत ही सतर्कता से लिया जाता है. अगर ब्रेन का कोई खास हिस्सा पाया जाए जो दौरे का कारण बनता है, तो सर्जरी को इफैक्टिव माना जा सकता है. सर्जरी के बाद, कई मरीजों को मिर्गी से राहत मिलती है और वे जीवन को सामान्य रूप से जीने में सक्षम होते हैं.

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Watch Video: मिर्गी के कारण, लक्षण | Epilepsy Symptoms, Causes | How to Stop Epilepsy Attack | Mirgi Ka Ilaj

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डाइट और लाइफस्टाइल का असर

मिर्गी के इलाज में सिर्फ दवाइयों और सर्जरी के अलावा, लाइफस्टाइल और डाइट का भी खास योगदान होता है. मिर्गी से ग्रस्त व्यक्तियों को अपनी नींद, डाइट और स्ट्रेस के लेवल पर ध्यान देना चाहिए. सही समय पर सोना और मेंटल स्ट्रेस को कम करना मिर्गी के दौरे को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है. 

कीटो डाइट

कुछ रिसर्च से यह भी पता चला है कि कीटो डाइट (एक हाई फैटी, लो कार्बोहाइड्रेट वाला डाइट) मिर्गी के इलाज में असरदार हो सकता है, खासकर बच्चों में. यह डाइट ब्रेन की एनर्जी के सोर्स को बदलता है और दौरे की संभावना को कम करता है. हालांकि, यह डाइट विशेषज्ञ की निगरानी में ही लिया जाना चाहिए.

मिर्गी के इलाज में नई तकनीकें

अभी हाल ही में मिर्गी के इलाज के लिए कुछ नई तकनीकें भी डेवलप हुई हैं. इनमें से एक है गहरी ब्रेन उत्तेजना (Deep Brain Stimulation, DBS). इसमें ब्रेन के उस हिस्से में इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं, जो मिर्गी के दौरे का कारण बनता है. ये इलेक्ट्रोड ब्रेन में इलेक्ट्रिक करंट को कंट्रोल करते हैं और दौरे को कम करते हैं. यह तकनीक उन लोगों के लिए एक ऑप्शन हो सकती है, जिनको दवाइयों और सर्जरी से आराम नहीं लग पा रहा है.

मिर्गी का मानसिक और सामाजिक असर

मिर्गी सिर्फ शारीरिक समस्या नहीं होती, बल्कि इसका मेंटल और सोशल असर भी होता है. मिर्गी से ग्रस्त व्यक्ति को अक्सर समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, मरीजों को नौकरी, एजुकेशन और सामाजिक जीवन में भी समस्याओं का सामना हो सकता है. इसलिए, मिर्गी के मरीजों को मानसिक समर्थन की जरूरत होती है, ताकि वे इस कंडिशन से बेहतर तरीके से निपट सकें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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