Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में बजट किया है. इस बजट के दौरान वित्त मंत्री ने अलग-अलग सेक्टरों को कई सौगातें दी हैं. बता दें कि बजट आने के पहले कई कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार स्वास्थ्य को बजट में अच्छी जगह मिलेगी. आइए जानते हैं इस बार के बजट में स्वास्थ्य के लिए बड़ी घोषणाएं क्या हुई हैं?
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बजट 2025 में हेल्थ सेक्टर के लिए बड़े ऐलान
- भारत में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाया जाएगा और आसानी से वीजा उपलब्ध कराया जाएगा.
- कैंसर जैसी बीमारी का इलाज कराना अब लोगों के लिए आसान होगा.
- देश के 200 जिला अस्पतालों में कैंसर डे केयर सेंटर खोले जाएंगे.
- कैंसर की 36 दवाईयां भी होंगी सस्ती.
- कई सारे मेडिकल उपकरण सस्ते होंगे.
- कई दवाईयों पर टैक्स में छूट मिलेगी, जिससे दवाईयों की कीमत कम होगी.
कैंसर एक गंभीर बीमारी
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो शरीर में धीरे-धीरे पनपता है. कई बार मरीज में कैंसर का पता आखिरी स्टेज (Cancer stages) पर चलता है लेकिन ऐसा नहीं है कि बीमारी अचानक से हो जाती है. किसी भी मरीज में कैंसर धीरे-धीरे डेवलप होता है और लक्षण (Cancer signs) पकड़ में नहीं आने की वजह से बीमारी आखिरी स्टेज तक पहुंच जाता है जहां इसे नियंत्रित करना और पूरी तरह से ठीक हो पाना मुश्किल होता है. इसके साथ ही मरीज फिजकली बीमार होने के साथ मेंटली भी बीमार हो जाता है. इस बीमारी का नाम सुनते ही लोग परेशान हो जाते हैं ऐसे में मरीजों को अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखने के लिए मनोचिकित्सक की मदद भी लेनी पड़ती है.
कैंसर का इलाज इतना महंगा क्यो है
बता दें कि कैंसर का इलाज करवाना बेहद महंगा होता है. इसलिए यह हर किसी के बजट में नहीं आता है. इतना ज्यादा खर्च होने की वजह से लोग कई बार इसका इलाज नहीं करवा पाते हैं. इस बीमारी के इलाज के महंगे होने के कुछ कारण हैं.
- कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां बनाने में उन्नत बॉयोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है जो इन दवाओं को बाकी दवाओं की तुलना में महंगा बना देता है.
- कैंसर की दवाओं की बनाने में काफी लंबा समय लगता है. इसलिए कंपनियों को इसे बनाने में अच्छा पैसा और समय दोनों लगाना पड़ता है इसलिए इन दवाओं की कीमत बढ़ जाती है.
- कैंसर का इलाज काफी लंबे समय तक चलता है और इसके एक बार ठीक होने के बाद भी इसका शिकार मरीज हो सकता है. इस वजह से भी यह इलाज इतना महंगा हो जाता है.
- कैंसर के इलाज में दवाइयों के अलावा इस्तेमाल किए गए मेडिकल उपकरण भी बहुत हाई क्वालिटी और टेक्निकल होते हैं जो बहुत महंगे आते हैं. यह भी एक वजह है कि इस बीमारी के इलाज की कीमत ज्यादा होती है.
- इसके साथ ही कैंसर के मरीज को मेंटली फिट रखने के लिए मनोचिकित्सक की भी जरूरत पड़ती है ताकि वो दिमागी तौर पर फिट रह सके. मनोचिकित्सक की फीस काफी ज्यादा होती है इस वजह से भी इस इलाज की कीमत ज्यादा बढ़ जाती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)