विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार 2022 में स्तन कैंसर से दुनियाभर में 670000 मौतें हुईं. चिंता की बात यह है कि कैंसर के कुल मामलों के तकरीबन 50 फीसदी के कारण अज्ञात होते हैं. दुनिया भर में तकरीबन हर देश में स्तन कैंसर के मामले सामने आते हैं. 2022 में 185 देशों के एक सर्वेक्षण के बाद पता चला कि करीब 157 देशों में ब्रेस्ट कैंसर सबसे आम कैंसर के प्रकारों में से एक है. breastcancernow.org के अनुसान यूके में हर 10 मिनट में एक महिला में ब्रेस्ट कैंसर का निदान किया जा रहा है. नए कैंसर के मामलों में तकरीबन 13 फीसदी मामले स्तन कैंसर के होते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे कॉमन कैंसर प्रकार बना रहे हैं.
ये तो आंकड़े थे दुनियाभर के भारत में भी स्तन कैंसर तेजी से फैल रहा है. हाल ही में एक्ट्रेस हिना खान की ब्रेस्ट कैंसर की खबर ने उनके फैंस को हिला कर रख दिया. हांलाकि हिना से पहले भी कई सितारों ने इस बीमारी का सफलता पूर्वक ना सिर्फ सामना किया बल्कि मिसाल भी कायम की. इन सितारों में महिमा चौधरी, सोनाली बेंद्रे और ताहिरा कश्यप के नाम भी शामिल हैं. दुनियाभर में हर साल सामने आने वाले नए कैंसर के मामलों में तकरीबन 13 फीसदी मामले स्तन कैंसर के होते हैं, जो इसे दुनिया का सबसे कॉमन कैंसर बनाते हैं.
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौतें. उत्तर प्रदेश में स्तन कैंसर से एक साल में 11,451 मौतें वहीं महाराष्ट्र में ये आंकड़ा 7,265 का है. छत्तीसगढ़ में रोजाना स्तन कैंसर के चलते 4 मौतें हो रही हैं. भारत में 82429 मौतें स्तन कैंसर के चलते हुईं. ये आंकड़े स्तन कैंसर के भयंकर रूप को दर्शाने के लिए पर्याप्त हैं. नीचे हम आपको आंकड़ों की मदद से बता रहे हैं कि भारत में राज्यवर कैंसर के मामले किस तेजी से बढ़ रहे हैं. ये आंकड़े संसद डॉट इन की वेबसाइट से
Table 1: भारत के अलग-अलग राज्यों में स्तन कैंसर के मामलों को अनुमान (2019-2023) - महिलाओं के आंकड़े
Table 2: भारत के अलग-अलग राज्यों में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों का अनुमान (2019-2023) - महिलाओं के आंकड़े
Ref: National Cancer Registry Programme report
Surge in breast cancer cases: भारत में क्यों बढ़ता जा रहा है ब्रेस्ट कैंसर का मामला और इसे कैसे रोका जा सकता है? जानिए क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स
Surge in breast cancer cases: दुनिया में बढ़ते कैंसर केस के बीच भारत में भी स्थिति काफी गंभीर है. पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस में बढ़ोतरी हो रही है. टीवी एक्ट्रेस हिना खान की तरह ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादातर मामले में बीमारी का पता अंतिम स्टेज में चलता है. तीसरे या चौथे चरण में पहुंच चुके मरीजों को गंभीर कैटेगरी में रखा जाता है क्योंकि अंतिम चरण में रिकवरी थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इस वजह से भारत में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी ज्यादा है. भारत में बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के मामले और उच्च मृत्यु दर जैसे कुछ विषयों पर एनडीटीवी ने बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आदित्य विदुषी से बातचीत की.
ब्रेस्ट कैंसर के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? (Why breast cancer cases are increasing?)
डॉ. आदित्य विदुषी ने बताया कि औसत आयु में बढ़ोतरी और शहरीकरण महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते मामले का कारण हो सकता है. शहरी लाइफस्टाइल को अपना रही महिलाएं अब देर से शादी और बच्चे प्लान करती हैं जो उनमें ब्रेस्ट कैंसर का एक कारण हो सकता है. इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण अब ज्यादा केस पकड़ में आ रहे हैं और इस वजह से केसेज की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है.
ब्रेस्ट कैंसर को कैसे रोका जा सकता है? (How can breast cancer be prevented?)
भारत में ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौत की संख्या काफी ज्यादा है. डॉ. विदुषी ने कहा कि मृत्यु दर को कम करने के लिए लोगों में स्तन कैंसर को लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है. ब्रेस्ट कैंसर के इलाज, दवा और कीमोथेरेपी को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रांतियां है जिसे जागरूकता के जरिए ही खत्म किया जा सकता है. शुरुआती दौर में लक्षणों की पहचान कर अगर बीमारी का पता चल जाए तो उचित इलाज मिलने पर मरीज को ठीक किया जा सकता है जिससे मृत्यु दर में निश्चित तौर पर कमी आएगी.
सरकारों को क्या करना चाहिए? (What should governments do?)
भारत में बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के मामले पर सरकार की भूमिका पर किए गए सवाल का भी डॉ. विदुषी ने जवाब दिया. ब्रेस्ट कैंसर के रोकथाम और उचित उपचार के लिए डॉक्टर ने सरकारों के तरफ से एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर जोर दिया. डॉक्टर ने मैमोग्राम और बायोप्सी जैसे इन्वेस्टीगेशन टेस्ट और कीमोथेरेपी से लेकर सर्जरी तक के लिए अच्छे मेडिकल सेटअप की जरूरत को हाईलाइट किया. उन्होंने कहा कि बेहतर इलाज के लिए ज्यादा क्वालिफाइड डॉक्टर्स और नर्स की जरूरत है. भले ही ग्रासरूट लेवल पर संभव न हो लेकिन देशभर में कुछ ऐसे कैंसर सेंटर्स बनाने की जरूरत है जहां ब्रेस्ट कैंसर डाइग्नोस होने के बाद मरीजों को बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा सके.
(बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आदित्य विदुषी से बातचीत पर आधारित.)
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)